हरियाणा में दो दिन में केवल 154 रजिस्ट्री, नए इंटीग्रेटिड पोर्टल पर ट्रेंड नहीं हुआ स्टाफ
रजिस्ट्री घोटाले के बाद हरियाणा सरकार ने रजिस्ट्रियों पर प्रतिबंध लगाया था। अब रजिस्ट्री तो खुल गई लेकिन दो दिन में महज 154 रजिस्ट्री ही हो पाई हैं।
जेएनएन, नई दिल्ली। हरियाणा में 40 दिन बाद नए इंटीग्रेटिड जमाबंदी पोर्टल पर शुरू हुई जमीनों की रजिस्ट्रियों में दूसरे दिन भी लोग परेशान रहे। पिछले दो दिन में राज्य में 154 रजिस्ट्री ही हो पाई हैं। रजिस्ट्री घोटाला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने 22 जुलाई को रजिस्ट्रियों पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद एक सितंबर को नए इंटीग्रेटिड जमाबंदी पोर्टल पर रजिस्ट्रियां शुरू की हैं।
इस पोर्टल पर रजिस्ट्री कराने से पहले ई-अपॉइंटमेंट लेना होता है, इसके बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र के कागजात अपलोड करके रजिस्ट्री की तिथि मिलती है। नए पोर्टल पर काम करने का प्रशिक्षण मिलने के बाद भी तहसील कार्यालयों के कर्मचारी अभी काम करने में पारंगत नहीं हुए हैं। इसके चलते लोगों को परेशानी हो रही हैं।
पहले लॉकडाउन और फिर रजिस्ट्रियों पर प्रतिबंध से परेशान लोग तहसील कार्यालयों में रजिस्ट्रियों की बाबत पूछताछ करने भी पहुंच रहे हैं, मगर उन्हेंं तहसील कार्यालय के कर्मचारी सिर्फ इतना ही बता रहे हैं कि पोर्टल पर जो जानकारी आ रही है, उसे ही वे देख रहे हैं। इसके अलावा उन्हेंं ज्यादा जानकारी नहीं है।
फरीदाबाद जैसे बड़े जिले में अभी तक दो रजिस्ट्री हुई हैं। उपायुक्त यशपाल यादव बताते हैं कि अभी नए पोर्टल का शुरूआती दौर है, मगर अगले सप्ताह में सभी की या तो रजिस्ट्रियां हो जाएंगी या फिर उनको रजिस्ट्री की तिथि मिल जाएगी। नए पोर्टल पर अनापत्ति प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन ही आता है और जब तक अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं आ जाता तब तक रजिस्ट्री नहीं हो सकती, इसलिए जिन लोगों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किए हैं, उन्हेंं 14 दिन का इंतजार भी करना पड़ सकता है।
अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के लिए सरकार ने 14 दिन का समय तय किया है। कई जिलों में रजिस्ट्री इसलिए भी नहीं हुई कि वहां सॉफ्टवेयर चला ही नहीं। वहीं, कुरुक्षेत्र, अंबाला, जींद, चरखीदादरी, करनाल आदि जिलों में एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई है।