हरियाणा विधानसभा का माॅनसून सत्र अब इसी महीने होगा, जानें पहले क्‍यों हो सकता है सत्र

हरियाणा विधानसभा का मॉनसून सत्र अगस्‍त माह की जगह जुलाई के अं‍तिम सप्‍ताह में होेने की संभावना है। ऐसा सीएम मनोहरलाल के प्रस्‍तावित विदेश दौरे और रथयात्रा के कारण किया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Mon, 15 Jul 2019 10:28 AM (IST) Updated:Mon, 15 Jul 2019 10:28 AM (IST)
हरियाणा विधानसभा का माॅनसून सत्र अब इसी महीने होगा, जानें पहले क्‍यों हो सकता है सत्र
हरियाणा विधानसभा का माॅनसून सत्र अब इसी महीने होगा, जानें पहले क्‍यों हो सकता है सत्र

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी राज्य सरकार अगस्त की बजाय जुलाई में मानसून सत्र करा सकती है। इसके लिए विधानसभा सचिवालय को तैयारी करने के संकेत दिए गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल 7 अगस्त के बाद किसी भी समय विदेश जा सकते हैं। वहां से लौटते ही मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का भ्रमण करने के लिए रथ पर सवार हो जाएंगे। इसलिए सरकार जुलाई के आखिरी सप्ताह में ही विधानसभा सत्र कराकर फारिग होना चाहती है।

सीएम के विदेश दौरे और रथयात्रा के चलते उठाया कदम, जुलाई के आखिरी सप्ताह में तैयारी के संकेत

प्रदेश में 15 अक्टूबर के आसपास विधानसभा चुनाव है। राज्य सरकार चुनाव से पहले अगस्त में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करना चाहती थी, लेकिन अगस्त और सितंबर माह में मुख्यमंत्री की व्यस्तताएं बढ़ गई हैं। इस कारण अब विधानसभा का यह सत्र जुलाई माह के आखिरी सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। यह सत्र सिर्फ दो दिन का होगा। अगर विपक्ष ने ज्यादा दबाव बनाया तो सत्र की अवधि बढ़ाकर तीन दिन की जा सकती है।

यह भी पढ़ें: इस्‍तीफे पर सिद्धू का हाईप्रोफाइल गेम, 34 दिन बाद खुलासा से सवाल उठे, बड़ा कदम उठा सकते

भाजपा सरकार का मानना है कि राज्य में हाल फिलहाल विपक्ष नहीं है। लिहाजा सरकार सत्र का संचालन अपनी मर्जी के हिसाब से कर सकती है। सत्र में प्रश्नोत्तर काल भी रखा गया है। विधायकों से उनके सवाल पूछने की प्रक्रिया शुरू की जाने वाली है। बेहद चुनींदा सवालों को ही प्रश्नोत्तर काल में शामिल किया जा सकता है। चुनाव से ठीक पहले होने वाला यह सत्र कई मायनों में अहम होगा।

सरकार चुनाव आचार संहिता लगने से पहले सदन में कई अहम घोषणाएं कर सकती है। मनाेहरलाल सरकार के एजेंडे पर फिलहाल कर्मचारी और किसान हैं। बाकी वर्ग के लिए धीरे-धीरे घोषणाएं की जा रही हैं। लिहाजा सत्र में किसान व कर्मचारी सरकार के प्रमुख एजेंडे पर रहेंगे। इन्हीं दोनों मुद्दों पर कांग्रेस और इनेलो सत्तारूढ़ भाजपा की घेराबंदी करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देंगे। हालांकि अब राज्य में इनेलो के विधायकों की संख्या लगातार कम हो रही है। इनेलो विधायक टूटकर लगातार भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

-------------------

कुछ अलग ही माहौल होगा विधानसभा सदन में

विधानसभा के मानसून सत्र में सदन का नजारा कुछ अलग ही तरह का होगा। इनेलो के अधिकतर विधायक चूंकि टूटकर भाजपा में चले गए, इसलिए इनेलो विधायकों की सीट पर कम संख्या नजर आएगी। कई विधायक अपनी सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए तो चार विधायक नैना सिंह चौटाला, पिरथी नंबदार, राजदीप फौगाट और अनूप सिंह धानक जननायक जनता पार्टी पार्टी में हैं। इन विधायकों के हालांकि तकनीकी तौर पर अभी इनेलो की ही बेंच पर बैठने की संभावना है, लेकिन उनकी सदस्यता पर यदि फैसला हो गया तो चारों विधायकों को सदन में बैठने के लिए अलग से सीट दी जा सकती है।

यह भी पढ़ें: अद्भुत है यह प्रेम कहानी, जानें कैसे डेनमार्क की बाला बन गई पंजाबी युवक की 'हीरो'

---------------------

स्पीकर से जवाब मांगती नजर आएंगी किरण चौधरी

कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी स्पीकर कंवरपाल गुर्जर से विपक्ष के नेता पद पर जवाब मांगती नजर आएंगी। किरण ने कांग्रेस विधायक दल की नेता के नाते खुद को विपक्ष के नेता का पद देने के लिए स्पीकर को पत्र लिख रखा है। अभय चौटाला के विपक्ष के नेता पद से हटने के बाद यह पद खाली हुआ था। स्पीकर ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से विपक्ष के नेता पद के लिए किरण चौधरी के नाम की पुष्टि चाही है। अभी तक कांग्रेस यह तय नहीं कर पाई कि किरण चौधरी का नाम स्पीकर के पास भेजा जाए या फिर किसी दूसरे विधायक की दावेदारी पेश की जाए।

कांग्रेस और इनेलो में भिड़ंत होने से इन्‍कार नहीं

हरियाणा में कांग्रेस और इनेलो भले ही गुटबाजी का शिकार हैं, लेकिन इसके बाद भी दोनों विपक्षी दल चुनाव से पहले सरकार की घेराबंदी करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देंगे। यह पूरी तरह से संभव है कि विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस और इनेलो आपस में टकराते दिखाई दें। कांग्रेस हमेशा से इनेलो को भाजपा की बी टीम कहती आई है, जबकि इनेलो का कहना है कि कांग्रेस ने कभी जनहित के मुद्दे पर सरकार की न तो घेराबंदी की और न ही प्रमुख विपक्षी दल इनेलो का साथ दिया है। भाजपा को दोनों दल किसानों व कर्मचारियों के मुद्दे पर घेरेंगे। भाजपा भी दोनों दलों से जवाब मांगती दिखाई देगी।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी