मनोहर लाल ने हरियाणा के सांसदों के साथ बैठक कर मांगे बजट पर सुझाव, नसीहत भी दी

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने हरियाणा के सांसदों के साथ बजट सुझावों पर चर्चा की। इस दौरान सीएम ने सांसदों को नसीहत भी दी। कहा कि ईमानदार जन प्रतिनिधि ही अफसरों के भ्रष्टाचार पर लगाम कस सकता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 13 Feb 2021 06:54 PM (IST) Updated:Sat, 13 Feb 2021 06:54 PM (IST)
मनोहर लाल ने हरियाणा के सांसदों के साथ बैठक कर मांगे बजट पर सुझाव, नसीहत भी दी
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी ही पार्टी के सांसदों को नसीहत दी है। मुख्यमंत्री का कहना है कि ईमानदार सांसद और विधायक ही भ्रष्ट अधिकारियों की लगाम कस सकते हैं। हरियाणा के बजट को जन सुझावों पर तैयार करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शुक्रवार रात्रि 9.30 बजे नई दिल्ली स्थित केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया के निवास पर पहुंचे। यह बैठक रात्रि 11.30 बजे तक चली।

बैठक में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ सहित हरियाणा से भाजपा के राज्यसभा और लोकसभा में सदस्य उपस्थित थे। इस बैठक में सिर्फ केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह नहीं पहुंचे। बैठक में सभी सांसदों ने राज्य के बजट के लिए अपनी तरफ से सुझाव दिए। इन सुझावों के अलावा जब सांसदों की तरफ से राज्य सरकार संबंधी कार्यों की समीक्षा हुई तो सांसदों की पसंद के अधिकारियों की नियुक्तियों पर मुख्यमंत्री उखड़ गए।

मुख्यमंत्री ने एक बड़े अधिकारी के तबादले को लेकर आई सिफारिश पर कहा कि सिफारिश करने से पहले जनप्रतिनिधियों को उस अधिकारी के बारे में जान लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने संबंधित सांसद को अधिकारी की सेवा कुंडली खोलकर बताई। इसके बाद सांसद की तरफ से कहा गया कि ऐसे अधिकारी के खिलाफ सरकार ने अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की तो सीएम ने कहा कि पहले सांसद और विधायक की तरफ से ऐसे अधिकारियों की सिफारिश आना बंद हो जाएं। इसके बाद भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने में उनकी सरकार एक मिनट नहीं लगाएगी। सीएम यहीं नहीं रुके, उन्होंने यह भी बताया कि कुछ यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। यूनिवर्सिटी में पढ़ाई से ज्यादा कैंपस कंस्ट्रक्शन (परिसर निर्माण) पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। राज्य के सांसदों के बीच सीएम के इस रुख को लेकर शनिवार शाम संसद सत्र खत्म होने के बाद भी दिल्ली में चर्चा बनी रही।

सांसद स्वैच्छिक निधि की तर्ज पर विधायकों को नहीं मिलेगी निधि

ऐसा माना जा रहा था कि सांसद स्वैच्छिक कोष की तर्ज पर हरियाणा में विधायकों को भी स्वैच्छिक कोष मिलेगा मगर मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि जिस तरह सांसद निधि में भ्रष्टाचार के मामले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने आए हैं, उससे तो लगता है कि कहीं सांसद निधि ही खत्म न हो जाए। उन्होंने कहा कि विधायकों के लिए स्वैच्छिक निधि का प्रविधान नहीं किया जा रहा है। प्रोजेक्ट और जरूरत के आधार पर विकास कार्यों के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।

सांसदों ने लोकसभा क्षेत्र में 10-10 करोड़ के विकास कार्यों को शीघ्र पूरा कराने की मांग उठाई

सीएम के साथ इस बैठक में सांसदों ने पिछली बैठक में हुए निर्णय के अनुसार प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में अपनी संस्तुति पर 10-10 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की मांग उठाई। इसके अलावा कुछ सांसदों ने अपने सुझाव लिखित में दिए। इनमें शहरों में जलापूर्ति, सीवरेज और ड्रेनेज की योजनाओं के अलावा वरिष्ठ नागरिकों के लिए क्लब बनाए जाने का सुझाव भी शामिल है। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने मांग की कि इस बजट में गुरुग्राम-फरीदाबाद मेट्रो रेल के लिए राशि का प्रविधान किया जाना चाहिए।

सांसद राज्य में सीएम के दोनों राजीनितिक सचिवों के माध्यम से कराएं जनता के काम

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सांसदों को सुझाव दिया कि वे अधिकारियों को सीधे काम कहने के बजाय उनके दोनों राजनीतिक सचिव अजय गौड़ और कृष्ण बेदी के माध्यम से अपने क्षेत्र की जनता के काम खूब कराएं। यदि इन दोनों से काम होने में कोई परेशानी आती हो तो वे सीधे उन्हेंं बताएं। सांसद संजय भाटिया ने अपने क्षेत्र में लावारिस पशुओं से निजात दिलाने से लेकर राज्य के सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान भारत के तहत सुविधाएं दिलाने की मांग की। राज्यसभा सदस्य जनरल (सेवानिवृत) डीपी वत्स ने केंद्र के बजट में प्रस्तावित किए गए 100 सैनिक स्कूलों में से हरियाणा के कोटे में आने वाले स्कूलों के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की। इसके अलावा जनरल डीपी वत्स से पुराने सैनिक स्कूलों का काम शीघ्र पूरा कराने की मांग की।

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