हरियाणा में Rice mills में मिला बड़ा घोटाला, हर मिल की अलग-अलग जांच रिपोर्ट तलब
हरियाणा की चावल मिलों में जांच के बाद बड़ी अनियमितताएं सामने आई हैं। अब सरकार ने अलग-अलग चावल मिलों की अलग-अलग रिपोर्ट तलब कर ली।
जेेेेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा की चावल मिलों में जांच के बाद बड़ी अनियमितताएं सामने आई हैं। राज्य में धान की खरीद अधिक हो चुकी है, जबकि चावल मिलों में इतना धान नहीं पहुंचा। किसान मंडियों में धान तो लेकर आए, लेकिन रिकार्ड में आवक से काफी अधिक धान पहुंच गया। धान की आवक और खरीद से संबंधित पूरे रिकार्ड को जांचने के लिए राज्य की सभी 1314 चावल मिलों की फिजिकल वैरीफिकेशन कराने का निर्णय लिया गया, जिसमें गड़बड़ी उजागर होने के बाद अब सरकार ने अलग-अलग चावल मिलों की अलग-अलग रिपोर्ट तलब कर ली। जिलों में उपायुक्तों के अधीन प्रत्येक चावल मिल की बारी-बारी से जांच होगी।
अभी तक सरकार की जांच के दायरे में औसतन चावल मिलें थी। करीब डेढ़ दर्जन ऐसी जांच टीमें अलग से गठित कर दी गई हैं, जो चावल मिलों की अनियमितताओं संबंधी रिपोर्ट की सच्चाई को जानने के लिए रेंडम जांच करेंगी। इन टीमों को भी जल्द फील्ड में उतारा जाएगा, ताकि जांच रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। धान घोटाले की जांच के लिए अभी तक राज्य में 156 जांच टीमें काम कर रही हैं। जांच रिपोर्ट तैयार होने के बाद सीएम और डिप्टी सीएम इस मामले में कोई संज्ञान ले सकते हैं।
हरियाणा में धान खरीद के कथित घोटाले का मुद्दा विपक्ष ने उठाया था। इसके बाद सीएम ने विधानसभा में इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कमेटी बनाकर जांच करने को कहा था। जांच के बाद पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआइ से कराई जानी चाहिए। हालांकि कृषि मंत्री जेपी दलाल जांच पूरी होने से पहले ही चावल मिलों को क्लीन चिट दे चुके हैं। इस पर भी हुड्डा ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकारी संरक्षण में धान घोटाले को अंजाम दिया गया है। इसमें चावल मिलों का कम और अधिकारियों व सरकार का ज्यादा कसूर है।
धान घोटाले की जांच के लिए गठित की गई टीमों ने प्रमुख रूप से करनाल, कैथल, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर सहित कई अन्य जिलों में जांच की है। जांच रिपोर्ट यूं तो 27 नवंबर तक फाइनल करने को कहा गया था, लेकिन अभी सभी जगह से रिपोर्ट नहीं आई है। राज्य की मंडियों में अब तक 72.76 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की आवक हो चुकी है। सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा 64.02 लाख मीट्रिक टन से अधिक और मिलरों व डीलरों द्वारा 8.73 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी है।
सभी डीएफएससी को जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया : पीके दास
हरियाणा के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास के अनुसार धान खरीद को लेकर चल रही जांच अभी पूरी नहीं हुई है। सभी डीएफएससी को हर चावल मिल की अलग से जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है, ताकि सभी तरह की गड़बडिय़ों की जांच कराई जा सके।
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