रिमांड में प्रताड़ित करने से गई जान, स्वजन बोले : कार्रवाई करो तभी लेंगे शव

अमरीक सिंह (38) की 31 जनवरी को पुलिस हिरासत में तबीयत खराब हो गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Feb 2020 09:31 PM (IST) Updated:Tue, 04 Feb 2020 06:17 AM (IST)
रिमांड में प्रताड़ित करने से गई जान, स्वजन बोले : कार्रवाई करो तभी लेंगे शव
रिमांड में प्रताड़ित करने से गई जान, स्वजन बोले : कार्रवाई करो तभी लेंगे शव

सौरव बत्रा, पिजौर : हिमाचल की बरोटीवाला पुलिस की ओर से खैर के पेड़ की कटाई के मामले में गिरफ्तार किए गए पिजौर के गांव कीरतपुर निवासी अमरीक सिंह (38) की 31 जनवरी को पुलिस हिरासत में तबीयत खराब हो गई थी। जिसके बाद उसे चंडीगढ़ के पीजीआइ में भर्ती करवाया गया। जहां सोमवार शाम को उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों हिमाचल पुलिस पर अमरीक को प्रताड़ित करने के आरोप लगाकर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने के बाद ही शव लेने की बात कही है। हिमाचल पुलिस ने गत 10 जनवरी को हिमाचल के गांव भटोली कलां में 9-10 जनवरी की रात को खैर के पेड़ काटने का मामला दर्ज किया था। यह मामला वन खंड अधिकारी की शिकायत पर दर्ज किया गया था। इस मामले में एक अन्य आरोपित को गिरफ्तार किया गया था जो न्यायिक हिरासत में है। चार दिन के रिमांड पर लिया गया था

मृतक के स्वजन सोनू ने बताया कि मृतक उसका कजिन था। पुलिस ने उसके कजिन को 28 जनवरी को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसे 29 जनवरी को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे चार दिन के रिमांड पर लिया गया था। उसने बताया कि उसको एक फरवरी को पुलिस थाना बरोटीवाला से फोन आया कि उसके भाई अमरीक सिंह की तबीयत खराब है। उसे पीजीआइ में भर्ती करवाया गया है। पीजीआइ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई थी पेशी

मृतक का रिमांड खत्म होने के बाद एक फरवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेशी करवाई गई थी। जहां से कोर्ट ने मृतक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। डॉक्टरो ने बोला : ब्रेनडेड हो चुका है

सोनू के अनुसार जब वह पीजीआइ पहुंचे तो अमरीक का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि अमरीक ब्रेनडेड हो चुका है। जिसके चलते उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। जिसके सोमवार शाम को मौत हो गई। प्रताड़ित करने के आरोप गलत हैं। मामले में आरोपित अमरीक को 31 जनवरी को बीपी हाई होने के चलते उसको सीएचसी बद्दी में ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने उसे दवा देकर वापस भेज दिया था। उस दिन शाम को दोबारा उसे सीएचसी बद्दी में भर्ती करवाया गया। एक फरवरी को उसे सीएचसी से पीजीआइ रेफर कर दिया गया था।

-बहादुर सिंह, थाना प्रभारी बरोटीवाला कानून के हिसाब से मामले में मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी। इसके साथ साथ विभागीय जांच भी करवाई जाएगी। अगर कोई भी पुलिसकर्मी जांच में आरोपित पाया गया। उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-एनके शर्मा, एएसपी, बरोटीवाला

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