जाट आंदोलन में हिंसा की न्‍यायिक जांच संभव : मनोहर

हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल ने जाट आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर विपक्ष पर जोरदार हमले किए। इसके साथ ही उन्‍होंने संकेत दिए कि दंगे की न्‍यायिक जांच कराने सहित सारे विकल्प खुल हुए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 09 Mar 2016 07:33 PM (IST) Updated:Wed, 09 Mar 2016 09:14 PM (IST)
जाट आंदोलन में हिंसा की न्‍यायिक जांच संभव : मनोहर

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां बुधवार को विपक्ष पर खूब हमलावर दिखे। उन्होंने राज्य में हुए दंगों की न्यायिक जांच का एेलान तो नहीं किया, लेकिन इसके विकल्प खुले रखे। उन्होंने कहा कि सरकार हर पहलू की जांच करा रही है। इसके बावजूद आवश्यकता हुई तो तमाम रास्ते खुले हैं। चाहे न्यायिक जांच हो या फिर कोई और जांच। इस मामले में घिरा विपक्ष कोई रास्ता नही देख कर बौखला गया है।

यहां पत्रकारों से बातचीत में मनोहर लाल ने कहा कि घटनाओं की निष्पक्ष जांच के लिए उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है, जो पूरी गंभीरता के साथ अपना कार्य कर रही है। हमने जो जांच कमेटी बैठाई है, उसमें बाहर के लोग ही जांच कर रहे हैं। फिर भी अगर आवश्यकता हुई तो हमारे समक्ष सभी विकल्प खुले हैं।

कांग्रेस द्वारा भाजपा पर वोट बैैंक के लिए दंगे भड़काने के आरोप पर उन्होंने कहा कि जब किसी को कोई रास्ता नहीं मिलता तो वह बौखलाहट में गलत भाषा बोलता है।

'हुड्डा सहयोग करें तो जल्द हो जाएगी प्रो. वीरेंद्र की गिरफ्तारी'

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रो. वीरेंद्र को गिरफ्तार करने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है। यदि हुड्डा सहयोग कर दें तो प्रोफेसर की गिरफ्तारी जल्द हो जाएगी।

'कद नापने का काम प्रदेश के लोगों का'

दंगों के बाद मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं और भाजपा में अपने कद से जुड़े सवाल का मनोहरलाल ने बड़ी ही साफगोई से जवाब दिया। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी के सिस्टम को समझने वाले लोग कम ही हैं। हमारे यहां कद घटने या बढऩे जैसी कोई बात नहीं होती। हम जीरो से शुरू करने वाले लोग हैं। कद नापने का काम हमारा नहीं है। हम जनता-जनार्दन में विश्वास रखते हैं और हमारा कद भी जनता ही तय करती है।

हरियाणा खैरात नहीं पंजाब से अपने हिस्से का पानी मांग रहा

मुख्यमंत्री को उम्मीद है कि एसïवाईएल नहर के पानी का फैसला हरियाणा के पक्ष में आएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 12 वर्षों से लंबित राष्ट्रपति संदर्भ पर वर्तमान प्रदेश सरकार की पहल पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई आरंभ हुई है। हरियाणा व पंजाब के बीच पानी का बंटवारा पहले ही हो चुका है। हरियाणा कोई नया पानी नहीं मांग रहा। वह तो अपने हिस्से के पानी की लड़ाई लड़ रहा है। हम खैरात नहीं अपने हिस्से का पानी मांग रहे हैं।

कैबिनेट की बुलाई बैठक

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। बैठक में दंगा पीडि़त लोगों के वैट माफ करने के पिछली कैबिनेट के फैसले पर विस्तार से चर्चा होगी। सरकार के सामने आया है कि व्यापारियों का वैट तो माफ कर दिया गया है, लेकिन वह कितना और कितनी अवधि के लिए होगा, इस बारे में नियम संशोधित किए जाने की जरूरत है। 14 मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले होने वाली इस बैठक में जाट आरक्षण विधेयक के प्रारूप पर भी चर्चा संभव है।

आरक्षण पर ढेसी कमेटी ने अभी नहीं सौंपी रिपोर्ट

मुख्य सचिव डीएस ढेसी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने जाट आरक्षण के प्रारूप पर अभी अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है। मुख्य सचिव डीएस ढेसी और कमेटी के सदस्य देवेंद्र सिंह ने बताया कि कमेटी की कुछ बैठकें हो चुकी हैैं और अभी कुछ बैठकें होंगी। व्यापक विचार विमर्श के बाद ही कमेटी सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी।

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