हत्या मामले में अासाराम के बेटे नारायण साई को जमानत सरकार ने किया विरोध

हाई कोर्ट में आसाराम के पुत्र नारायाण साई की जमानत अर्जी का हरियाणा सरकार ने विरोध किया। सरकार ने कहा कि इससे मुकदमे पर विपरीत असर पड़ेेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 01 Aug 2018 09:38 AM (IST) Updated:Wed, 01 Aug 2018 09:08 PM (IST)
हत्या मामले में अासाराम के बेटे नारायण साई को जमानत सरकार ने किया विरोध
हत्या मामले में अासाराम के बेटे नारायण साई को जमानत सरकार ने किया विरोध

जेएनएन, चंडीगढ़। दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराए गए कथावाचक आसाराम के बेटे नारायण साईं की जमानत याचिका का हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में कड़ा विरोध किया। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में हरियाणा सरकार ने कहा कि नारायण साई के खिलाफ दो गवाहों की हत्या का आरोप है और सात गवाहों पर हमले हो चुके हैं। ऐसे में उसे जमानत देने से उसके खिलाफ जारी आपराधिक मामलों के ट्रायल पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इससे गवाहों के लिए खतरा बढ़ जाएगा।

जस्टिस दया चौधरी के समक्ष यह दलील हरियाणा सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक सभरवाल ने दी। बचाव पक्ष के वकील आरएस चीमा ने अदालत को बताया कि जिन मामलों के गवाहों पर हमले हुए है उनमें से किसी भी मामले में नारायण साई आरोपी नहीं है। नारायण साई हरियाणा में दर्ज चार मामलों में आरोपी है और इनके किसी गवाह पर हमला नहीं हुआ है।

यह भी पढ़ें: यह गुरुजी एक साल से न नहाए न कपड़े बदले, छापामारी में हुए और भी कई चौंकाने वाले खुलासे

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से नारायण साई की संलिप्तता वाले मामलों में गवाहों पर हमलों के विषय में हलफनामा दायर करने के आदेश देते हुए सुनवाई 4 सितंबर तक स्थगित कर दी।

गौरतलब है कि नारायण साई के खिलाफ पानीपत में सदर पुलिस स्टेशन में 13 मई 2015 को धारा 307, 342, 34, 1 9-ए और 120-बी के तहत हत्या और अन्य अपराधों के प्रयास का केस दर्ज किया गया था। साई ने याचिका दायर कर जमानत की मांग की है। इस याचिका में हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए हलफनामे में विरोधाभास पाए जाने पर जस्टिस दया चौधरी ने करीब दो महीने पहले स्पष्टीकरण भी मांगा था।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी