हरियाणा कांग्रेस के आक्रामक तेवर, बैठकों में तय करेगी सरकार के खिलाफ रणनीति

हरियाणा कांग्रेस के तेवर सरकार के खिलाफ अभी से आक्रामक हैं। वह शुक्रवार को बैठकें कर भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ रणनीति तय करेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 31 Oct 2019 06:46 PM (IST) Updated:Fri, 01 Nov 2019 08:45 AM (IST)
हरियाणा कांग्रेस के आक्रामक तेवर, बैठकों में तय करेगी सरकार के खिलाफ रणनीति
हरियाणा कांग्रेस के आक्रामक तेवर, बैठकों में तय करेगी सरकार के खिलाफ रणनीति

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल बनी कांग्रेस की शुक्रवार को अहम बैठकें होंगी। हरियाणा कांग्रेस की अध्‍यक्ष कुमारी सैलजा ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। इसके साथ कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी होगी। इसमें विधायक दल के नेता का चुनाव होगा। इसके साथ ही नई ताकत प्राप्‍त करने के बाद कांग्रेस ने तीखे तेवर दिखाने के संकेत दिए हैं। पार्टी ने भाजपा-जजपा सरकार गठन के साथ ही आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। सोमवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन से ही कांग्रेस विधायक सरकार पर हमलावर नजर आएंगे। वहीं मंगलवार से पूरे प्रदेश में दिग्गज कांग्रेस नेता कार्यकर्ताओं के साथ 10 दिनों तक सड़कों पर उतरेंगे।

विधानसभा सत्र के पहले दिन से ही सरकार पर हमलावर होंगे कांग्रेसी विधायक

पिछले पांच साल के दौरान बिखराव और राजनीतिक गलतियों से सबक लेते हुए कांग्रेस अभी से भाजपा-जजपा के खिलाफ रणनीति बनाने में जुट गई है। पार्टी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए हरियाणा कांग्रेस की प्रधान कुमारी सैलजा ने शुक्रवार को पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ ही पार्टी प्रभारी गुलाम नबी आजाद, राष्ट्रीय महासचिव मधुसूदन मिस्त्री भी मौजूद रहेंगे। विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की यह पहली बैठक है।

5 नवंबर से 10 दिन तक पूरे प्रदेश में चलेगा आंदोलन

हरियाणा कांग्रेस का मौजूदा समय में कोई संगठन नहीं है। आपसी खींचतान के कारण पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर प्रदेश में कांग्रेस का ब्लॉक व जिला स्तर पर संगठन नहीं खड़ा कर सके थे। प्रदेश अध्यक्ष बनते ही कुमारी सैलजा ने तंवर द्वारा गठित प्रकोष्ठों व अन्य नियुक्तियों को निरस्त कर दिया। सैलजा ने अभी तक आधा दर्जन नियुक्तियां ही की हैं। इनमें मुख्य रूप से प्रवक्ता, संयोजक तथा कोषाध्यक्ष शामिल हैं।

चंडीगढ़ में बुलाई बैठक में चुनाव हारने वाले सभी प्रत्याशियों, जिला समन्यवकों के अलावा उन सभी नेताओं को बुलाया गया है जिन्होंने चुनाव में अहम भूमिका निभाई है। पार्टी द्वारा 5 से 15 नवंबर तक विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान सदन से लेकर सड़क तक भाजपा-जजपा सरकार की घेराबंदी की जाएगी।

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विधायक दल की भी बैठक होगी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सीएलपी लीडर बनना तय

कांग्रेस विधायक दल की भी शुक्रवार को बैठक होगी। इसमें विधायक दल के नेता का चुनाव‍किया जाएगा।  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना जाना लगभग तय है। इसके बाद उनका विधानसभा में विपक्ष का नेता बनने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा विधानसभा स्पीकर को एक पत्र लिखकर बैठक की कार्यवाही के बारे में अवगत कराया जाएगा। इसके बाद विधानसभा स्पीकर द्वारा नेता प्रतिपक्ष को अधिसूचित कर दिया जाएगा।

विधायक दल की बैठक के बाद सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा के विरुद्ध आंदोलन की रणनीति तैयार करने को अलग से बैठक होगी। पहले दौर की बैठक सुबह 11 बजे कांग्रेस मुख्यालय में शुरू होगी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कुमारी सैलजा के अलावा हाल ही में सभी विधायक भाग लेंगे।

कुमारी सैलजा की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में पार्टी प्रभारी गुलाम नबी आजाद और पार्टी महासचिव मधु सूदन मिस्त्री भी मौजूद रहेंगे। हरियाणा कांग्र्रेस के कोषाध्यक्ष रोहित जैन के अनुसार दूसरे दौर की बैठक में केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों के विरुद्ध आंदोलन चलाने की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। काबिल-ए-गौर है कि इस बार हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत हासिल हुई है। चुने गए विधायकों में ज्यादातर हुड्डा गुट के हैं।

किरण चौधरी के बैठक में शामिल होने पर संशय

कांग्रेस विधायक दल की पहली बैठक में पार्टी की पूर्व सीएलपी लीडर किरण चौधरी के भाग लेने पर संशय है। हालांकि, पहली बैठक होने और कांग्रेस प्रभारी के इसमें शामिल होने के चलते किरण चौधरी का इसमें आना अनिवार्य है। पार्टी के अंदरूनी राजनीतिक हालातों पर अगर नजर डालें तो किरण चौधरी का हुड्डा गुट के साथ हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा है।

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पिछले पांच वर्षों के दौरान पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर और किरण चौधरी द्वारा बुलाई गई अधिकतर बैठकों में हुड्डा गुट के विधायक शामिल नहीं हुए हैं। हुड्डा खुलकर तो कभी आगे नहीं आए, लेकिन जब किरण चौधरी ने खुद को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए विधानसभा स्पीकर के समक्ष दावा पेश किया था तो हुड्डा समर्थित सभी विधायकों ने इसका विरोध किया था।

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