हरियाणा बजट : कैप्‍टन अभिमन्‍यु बोले, ग्रामीण विकास व रोजगार पर होगा फोकस

हरियाणा के भाजपा सरकार के बजट में इस बार ग्रामीण विकास और रोजगार पर खास फोकस होगा। यह खुलासा एक बातचीत में राज्‍य के वित्‍तमंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यु ने किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sun, 05 Mar 2017 12:24 PM (IST) Updated:Sun, 05 Mar 2017 01:07 PM (IST)
हरियाणा बजट : कैप्‍टन अभिमन्‍यु बोले, ग्रामीण विकास व रोजगार पर होगा फोकस
हरियाणा बजट : कैप्‍टन अभिमन्‍यु बोले, ग्रामीण विकास व रोजगार पर होगा फोकस

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु द्वारा सोमवार को पेश किए जाने वाले बजट में गांवों में विकास की क्रांति का आगाज तो होता दिखाई देने के साथ ही रोजगार के नए अवसर पैदा होते भी नजर आ सकते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा राज्य के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में की गई घोषणाओं को पूरा करने के लिए पैसे का इंतजाम भी बजट में रहेगा।

शनिवार को वित्त मंत्री ने अधिकारियों के साथ राज्य के वर्ष 2017-18 के बजट को अंतिम रूप दिया। एक खास बातचीत में राज्‍य के वित्‍तमंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यु ने राज्‍य बजट के मुख्‍य फोकस बिंदुओं का खुलासा किया। पेश है बातचीत के खास अंश-

आप तीसरी बार हरियाणा का बजट पेश करने जा रहे हैं। पिछले दो सालों की अपेक्षा इस बार का बजट कैसे अलग होगा?

- हुड्डा सरकार ने अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में प्रदेश को वित्तीय संकट के पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया था। हमने अपनी सरकार के पहले दो साल में प्रदेश की वित्तीय हालत को सुधारा। श्‍वेतपत्र में उजागर हुई खामियों के आधार पर आगे बढ़ते हुए पारदर्शिता लाए। जवाबदेही तय की। शहरों व गांवों के ढांचागत विकास पर जोर दिया। इस बार हमारा फोकस ग्रामीण व शहरी आबादी को लाभान्वित करते हुए मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने पर अधिक होगा। रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे।

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-प्रदेश में भाजपा की सरकार बने ढाई साल होने वाले हैं, लेकिन लोगों को लग रहा कि सरकार ने अभी तक अपने चुनावी वादे पूरे नहीं किए। क्या बजट में इनकी झलक दिखाई देगी?

- भाजपा ने प्रदेश की ढाई करोड़ जनता के साथ जो वादे किए, उन्हें पूरा करने के लिए तेजी के साथ आगे बढ़ा जा रहा है। सैकड़ों काम हो चुके हैं और सैकड़ों के पूरा होने की प्रक्रिया चल रही है। बजट में इसकी झलक जरूर दिखाई देनी चाहिए।

-आपकी पार्टी के कई विधायक बगावत के मूड में हैं। विकास नहीं होने की बात कहते हैं। प्रदेश में जाट आरक्षण आंदोलन भी चल रहा। इस चक्रव्यूह से कैसे निकलेंगे?

- पिछले साल जो आंदोलन हुआ था, उसके बावजूद प्रदेश का भाईचारा कायम है। हमने हैपनिंग हरियाणा किया। रोजगार के अवसर पैदा हुए। प्रदेश के ढाई करोड़ लोगों को राज्य की प्रगति, विकास और भाईचारे की चिंता है। बगावत व आंदोलन का असर राज्य की वित्तीय स्थितियों पर नहीं पड़ने देंगे।

-प्रदेश का घाटा और कर्ज दोनों बढ़ रहे हैं। कैग ने हाल ही की रिपोर्ट में कहा है कि सरकार ने निर्धारित सीमा से अधिक कर्ज लिया है। वित्त व्यवस्था के क्या इंतजाम किए गए?

- कैग ने साफ कहा है कि उदय योजना को अमल में लाने की वजह से कर्ज बढ़ा है। उदय योजना के करीब 25 हजार करोड़ के कर्ज को यदि हटा दें तो हम कर्ज सीमा के दायरे में हैं। जिन भी राज्यों ने उदय योजना को अपनाया, उन्हें कर्ज की सीमा के दायरे में नहीं बांधा गया। फिर भी हमारी सरकार ने कोई नया कर्ज नहीं लिया है। वित्त प्रबंधन के लिहाज से हम मजबूत हैं।

- भाजपा को अक्सर शहरों की पार्टी माना गया। गांवों का भरोसा जीतना अभी भी सरकार और पार्टी दोनों के लिए चुनौती बना हुआ है। क्या इस बार के बजट में गांवों पर कोई फोकस रहेगा?

- गांवों का इस बार के बजट में विशेष ध्यान रखा गया है। यूं कहिए कि ग्रामीण विकास की क्रांति का सूत्रपात होगा। रोजगार के साधन जुटाने व रोजगार पैदा करने पर खास ध्यान रहेगा। शहरों की भी अनदेखी नहीं होगी।

-कर्ज और घाटे के बोझ में डूबी सरकार को उबारने के लिए क्या प्रदेश की जनता पर कोई नए कर भी लगाए जा सकते हैं?

- मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू करने जा रही है। सवाल नए कर लगाने या पिछले कर हटाने का नहीं है। जीएसटी के बाद राज्य का कर ढांचा पूरी तरह से बदल जाएगा। जीएसटी में ही सभी तरह के करों की व्यवस्था है। इससे अधिक कुछ नहीं कह सकता।

-दक्षिण हरियाणा के लोग खासकर नेता अक्सर सरकारों पर अपने इलाके की उपेक्षा के आरोप लगाते हैं। क्या दक्षिण की नाराजगी दूर होगी?

- मुख्यमंत्री जी ने हाल ही में सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा पूरा किया है। उन्होंने करीब साढ़े तीन हजार घोषणाएं की हैं, जो पिछली सरकारों के कार्यकाल से कहीं अधिक हैं। 32 प्रतिशत काम पूरा हो चुका और 68 प्रतिशत पर चल रहा है। बजट में इन सभी 90 हलकों के लिए की गई घोषणाओं को पूरा करने के लिए पैसे का इंतजाम रहेगा।

-इस बार के बजट में कुल कितनी नई योजनाएं शुरू होने की उम्मीद की जा सकती है? पिछले सालों की अपेक्षा इस बार का बजट कैसे अलग होगा ?

- योजनाएं शुरू करने का काम मंत्रालयों और विभाग का होता है। लेकिन इतना कह सकता हूं कि कुछ योजनाएं राज्यपाल के अभिभाषण में सामने आ चुकी और कुछ मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान घोषित की हैं। बाकी योजनाओं की उम्मीद हमारे बजट से भी की जा सकती है।

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