Congress के स्टार उम्मीदवारों के खिलाफ BJP के सुपरस्टार, पार्टी ऐसे बना रही घेराबंदी की योजना

हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं व मौजूदा 17 विधायकों की घेरेबंदी के लिए खास रणनीति तैयार की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 29 Sep 2019 09:23 AM (IST) Updated:Sun, 29 Sep 2019 05:22 PM (IST)
Congress के स्टार उम्मीदवारों के खिलाफ BJP के सुपरस्टार, पार्टी ऐसे बना रही घेराबंदी की योजना
Congress के स्टार उम्मीदवारों के खिलाफ BJP के सुपरस्टार, पार्टी ऐसे बना रही घेराबंदी की योजना

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं व मौजूदा 17 विधायकों की घेरेबंदी के लिए खास रणनीति तैयार की है। भाजपा की योजना कांग्रेस के भारी-भरकम उम्मीदवारों के सामने दमदार प्रत्याशी उतारने की है। भाजपा जहां सभी मौजूदा 17 विधायकों के विरुद्ध जीतने वाले प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारेगी, वहीं दूसरे दलों से आए ऐसे विधायकों को भी टिकट दिए जाएंगे, जो जीतने की स्थिति में होंगे। भाजपा ने अधिकतर उन्हीं विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल किया है, जिन्हें चुनावी रण में उतारने की संभावना है।

हरियाणा में 10 इनेलो, चार निर्दलीय, एक बसपा और एक अकाली दल विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैैं। इनमें अधिकतर सीटें वह हैैं, जहां भाजपा कमजोर स्थिति में थी। इनेलो के हथीन से विधायक केहर सिंह रावत, रानियां से रामचंद्र कांबोज, नूंह से जाकिर हुसैन, सिरसा से मक्खन लाल सिंगला, फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद, फरीदाबाद एनआइटी से नगेंद्र भड़ाना, फतेहाबाद से बलवान सिंह दौलतपुरिया, रतिया से प्रो. रवींद्र बलियाला, नलवा से रणबीर गंगवा और जुलाना से परमिंद्र सिंह ढुल टिकट की आस में भाजपा में शामिल हुए हैैं।

निर्दलीय विधायकों में पूंडरी से दिनेश कौशिक, सफीदों से जसबीर देसवाल, समालखा से रवींद्र मछरौली और पुन्हाना से रहीशा खान ने भाजपा में एंट्री की। पृथला से बसपा के एकमात्र विधायक टेकचंद शर्मा और कालांवाली से अकाली दल विधायक बलकौर सिंह कमल थाम चुके हैं। इन 16 विधायकों को भले ही अपने टिकट की चिंता सता रही, लेकिन भाजपा इनमें से अधिकतर को चुनावी रण में उतारकर कांग्रेस की रणनीति को ध्वस्त करने की योजना बना रही है।

हुड्डा परिवार के खिलाफ योगेश्वर दत्त और सतीश नांदल

भाजपा की रणनीति कांग्रेस के स्टार उम्मीदवारों को घेरने की भी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा यदि गढ़ी-सांपला-किलोई से चुनाव लड़े तो उनके विरुद्ध सतीश नांदल को उतारा जा सकता है। हुड्डा ने यदि अपना बरौदा की तरफ रुख किया तो भाजपा यहां अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त को टिकट देगी। हुड्डा इस बार अपने बेटे दीपेंद्र को भी चुनाव लड़ाने की योजना बना रहे हैैं।

एचएस चट्ठा और जयप्रकाश जेपी का भाजपा ने निकाला तोड़

पेहवा में पूर्व स्पीकर हरमोहिंदर सिंह चट्ठा के खिलाफ भाजपा हाकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह को टिकट दे सकती है, जबकि कलायत में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी के खिलाफ पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा को उतारा जा सकता है। कलायत में भाजपा के पास गैर जाट मजबूत उम्मीदवार के रूप में डॉ सुखदेव कुंडू और धर्मपाल शर्मा भी हैैं। फतेहाबाद में चौधरी दूड़ा राम कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवार थे, लेकिन भाजपा उन्हें ही तोड़ चुकी हौ। अब भाजपा के टिकट पर दूड़ा राम चुनाव लड़ेंगे। यहां इनेलो छोड़कर भाजपा में आए बलवान सिंह दौलतपुरिया के टिकट पर संकट के बादल हैैं।

किरण चौधरी के खिलाफ मजबूत चेहरा लाने की तैयारी

कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी के विरुद्ध तोशाम में भाजपा मजबूत ब्राह्मïण उम्मीदवार उतार सकती है। तोशाम में सांसद धर्मबीर पहले अपने बेटे फिर मुंशी के लिए टिकट मांग रहे हैैं, लेकिन भाजपा यहां भिवानी के पूर्व विधायक डॉ शिव शंकर भारद्वाज के नाम पर गंभीरता से विचार कर रही है। भाजपा के पास यहां पिछड़ा वर्ग के पाले राम गुर्जर तथा ब्राह्मïण समुदाय से मुकेश गौड़ भी हैैं।

कुलदीप बिश्नोई के सामने बलवान दौलतपुरिया को उतारने की योजना

आदमपुर में चौ. कुलदीप बिश्नोई स्वयं चुनाव लड़ेंगे। उनके खिलाफ भाजपा फतेहाबाद में टिकट से वंचित रहे बलवान सिंह दौलतपुरिया को टिकट दे सकती है। कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई इस बार चुनाव लडऩे के मूड में नहीं हैैं। यहां पूर्व मंत्री सुभाष गोयल को चुनावी रण में उतारा जा सकता है। भाजपा की ओर से हुड्डा सरकार में सीपीएस रह चुके विनोद भ्याना को टिकट मिल सकती है।

कैप्टन अजय बेटे को लड़ाएंगे चुनाव, आरती राव या रणधीर अभी तय होना बाकी

लगातार छह बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकार्ड बनाने वाले पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव के इस बार चुनाव लडऩे पर संदेह है। वह अपने बेटे चिरंजीव राव को रेवाड़ी से कांग्रेस का टिकट दिलाएंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत रेवाड़ी में अपनी बेटी आरती राव के लिए भाजपा का टिकट मांग रहे हैैं। फिलहाल रणधीर कापड़ीवास यहां से विधायक हैैं, जिनकी गिनती सुधारक विधायकों में होती रही है।

रणदीप सुरजेवाला और अशोक अरोड़ा से चिंतित भाजपा ने बदली रणनीति

कैथल के मौजूदा कांग्रेस विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला फिर ताल ठोंकेंगे। यहां भाजपा कैलाश भगत अथवा सुरेश नौंच को टिकट दे सकती है। हिसार में पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल के चुनाव लडऩे पर संदेह है, इसलिए भाजपा के डॉ कमल गुप्ता की मुश्किलें कम हो गई। कुरुक्षेत्र में कांग्रेस पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा को टिकट देगी, जिनके मुकाबले भाजपा मौजूदा विधायक सुभाष सुधा को रण में उतारेगी।

नीलोखेड़ी में कु. सैलजा की पसंद को तरजीह, कबीरपंथी मैदान में

नीलोखेड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कु. सैलजा की पसंद राजेंद्र बल्ला को टिकट दिया जा सकता है। यहां भाजपा के मौजूदा विधायक भगवान दास कबीरपंथी का टिकट तय है। सुभाष चंद्र भी यहां से टिकट मांग रहे हैैं, लेकिन पार्टी के पास कबीरपंथी का टिकट काटने की कोई ठोस वजह नहीं है।

कांग्रेस के कई बड़े चेहरे नहीं लडऩा चाहते विधानसभा चुनाव

हरियाणा में कांग्रेस के कई बड़े चेहरे इस बार चुनाव से परहेज कर सकते हैैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के परिवार से या तो स्वयं हुड्डा अथवा उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा चुनाव लड़ेंगे। कैप्टन अजय यादव, सावित्री जिंदल, रेणुका बिश्नोई, नवीन जिंदल, पूर्व मंत्री भीमसेन मेहता समेत कई बड़े चेहरों के चुनाव लडऩे की संभावना नहीं है। इंद्री में कांग्रेस पूर्व विधायक राकेश कांबोज को भाजपा सरकार में मंत्री कर्ण देव कांबोज के खिलाफ उतारने की तैयारी में है। भाजपा में यहां से चंद्र प्रकाश कथूरिया भी टिकट मांग रहे हैैं। हरियाणा कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष कु. सैलजा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक तंवर पहले ही चुनावी रण से दूरी बनाने का एलान कर चुके हैैं।

आरती राव के टिकट पर काटा, प्रेमलता पर भी संशय

हरियाणा भाजपा ने चुनावी रण के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के नाम लगभग फाइनल कर लिए हैं। एक के बाद एक मैराथन बैठकों में जहां सुधारक (बागी) विधायकों को सबक सिखाने पर सहमति बनी, वहीं केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों के किसी तरह के दबाव में नहीं आने का नीतिगत फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकेत का हवाला देते हुए पार्टी ने रेवाड़ी से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव का नाम पैनल में नहीं डाला है।

केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और विधानसभा चुनाव प्रभारी नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है। इस मुलाकात से बेपरवाह प्रांतीय चुनाव समिति ने किसी तरह से दबाव में आने से इन्कार कर दिया है। भाजपा ने जो पैनल तैयार किए हैं, उसमें राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव समेत किसी अन्य केंद्रीय मंत्री अथवा सांसद के परिजन का टिकट के लिए नाम नहीं है।

केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर अपने बेटे देवेंद्र, केंद्रीय राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया अपनी पत्नी बंतो कटारिया, सांसद धर्मबीर अपने बेटे, कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी अपनी पत्नी, सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक अपने भाई के लिए टिकट की मांग कर रहे थे। प्रदेश चुनाव समिति को लगा कि यदि आरती राव का नाम पैनल में डाल दिया गया तो बाकी मंत्री और सांसद भी अपने परिजनों को टिकट देने के लिए दबाव बना सकते हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य चौ. बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता के टिकट पर भी संकट मंडरा गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत समेत अधिकतर सांसद बीरेंद्र सिंह की पत्नी को टिकट देने का हवाला दे रहे हैं। उनकी दलील है कि बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से सांसद हैं। प्रेमलता के हक में हालांकि मौजूदा विधायक का टैग लगा है, लेकिन किसी तरह के विवाद से बचने के लिए पार्टी ने प्रेमलता की टिकट का निर्णय हाईकमान पर छोड़ दिया है। सूत्रों का कहना है कि प्रेमलता का टिकट भी कटने की पूरी संभावना है।

भाजपा ने 16 सुधारक (बागी) विधायकों में से आधों से ज्यादा के टिकट काटने का निर्णय लिया है। उन सुधारक विधायकों के टिकट नहीं काटे जा रहे, जो पार्टी के समझाने पर बगावत के कुछ दिन बाद ही सीएम खेमे में लौट आए थे। वहीं जिन्होंने बगावत जारी रखी, उनके टिकटों पर कैंची चल चुकी है। इनमें सबसे पहला नाम गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल और दूसरा नाम रेवाड़ी के विधायक रणधीर कापड़ीवास का है। पटौदी की विधायक बिमला, पानीपत शहरी की विधायक रोहिता रेवड़ी, बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा, मुलाना की विधायक संतोष सारवान, उचाना की विधायक प्रेमलता, बाढड़ा के विधायक सुखविंद्र श्योराण मांढ़ी की टिकट पूरी तरह से खतरे में है।

जिन विधायकों की टिकट पर खतरा फिफ्टी-फिफ्टी है, उनमें कोसली के विधायक विक्रम यादव, नारनौल के विधायक ओमप्रकाश यादव, बहादुरगढ़ के विधायक नरेश कौशिक के नाम शामिल हैं। विक्रम यादव पर राव इंद्रजीत के नाम की मुहर है, लेकिन इस बार राव उनका नाम कटवाना चाहते हैं मगर मुख्यमंत्री ने उन्हें अपना आशीर्वाद दे दिया है। लाडवा के विधायक डा. पवन सैनी, बवानीखेड़ा के विधायक विशंभर वाल्मीकि और कालका की विधायक लतिका शर्मा कोपभाजन से बच गए हैं। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की रविवार को बैठक हो रही है, जिसमें टिकटों पर सहमति के बाद सोमवार को घोषणा हो सकती है।

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