किसानों के चक्का जाम से निपटने को हरियाणा पुलिस तैयार, ADGP लॉ एंड ऑर्डर ने किया अलर्ट जारी

किसानों द्वारा 6 फरवरी के लिए आहूत चक्का जाम को लेकर पुलिस पूरी तरह से सतर्क है। एडीजीपी ला एंड आर्डर ने इसके लिए सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को आर्डर जारी कर दिए हैं और अलर्ट जारी कर दिया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 05 Feb 2021 12:14 PM (IST) Updated:Fri, 05 Feb 2021 02:58 PM (IST)
किसानों के चक्का जाम से निपटने को हरियाणा पुलिस तैयार, ADGP लॉ एंड ऑर्डर ने किया अलर्ट जारी
चक्का जाम से निपटने को हरियाणा पुलिस तैयार। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के दौरान 6 फरवरी को आहूत चक्का जाम से निपटने के लिए हरियाणा पुलिस पूरी तरह से तैयार है। हरियाणा पुलिस के ADGP लॉ एंड ऑर्डर नवदीप सिंह विर्क ने पुलिस विभाग के लिए अलर्ट जारी किया है। उन्होंने अधिकारियों को 6 फरवरी को मुकम्मल तैयारी के आदेश दिए हैं।

26 जनवरी को दिल्ली में जिस तरह की घटना हुई उसे देखते‌ हुए 6 फरवरी को युवा वर्ग के हुड़दंग की संभावना को भी नहीं नकारा जा सकता। हरियाणा के तमाम जिलों में पुलिस के उच्च अधिकारियों से किसान लीडर्स ‌के संपर्क में रहते हुए चक्का जाम को शांतिपूर्ण बनाए रखने के आदेश विर्क ने दिए हैंं।

उधर, 6 फरवरी को चक्का जाम को लेकर किसान संगठन तैयारी में जुटेे हैं। किसान संगठनों की ओर से इसके लिए गांव-गांव में अपने जत्थे भेजे जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल किया जा सके। दोपहर 12 से तीन बजे तक इस चक्का जाम के दौरान सभी नेशनल और स्टेट हाईवे जाम किया जाएगा और 26 जनवरी को दिल्ली में हुए ट्रैक्टर मार्च में हुई ङ्क्षहसा के बाद किसानों पर दर्ज मुकदमे और गिरफ्तारी का विरोध किया जाएगा।

आंदोलन स्थल पर लगातार राजनेताओं के आने का मुद्दा गरमाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने कहा कि आंदोलन सौ फीसदी किसानों का है, लेकिन इसमें हर कोई शामिल हो सकता है। मोर्चा के सदस्य डा. दर्शनपाल, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी आदि ने एक बयान जारी कर कहा कि इस आंदोलन में राजनीतिक लोगों के आने की मनाही नहीं है, लेकिन उन्हें किसान मोर्चा का मंच नहीं दिया जाएगा। आज तक किसी भी नेता को मंच नहीं दिया गया है।

छह फरवरी के चक्का जाम को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी सबसे अधिक रहेगी। लोग कृषि कानून के विरोध में और किसानों पर किए जा रहे अत्याचार को लेकर काफी आक्रोशित हैं। उन्होंने बाधित इंटरनेट सेवाओं को भी तत्काल बहाल करने की मांग की। किसान नेताओं ने बताया कि मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने 26 जनवरी की पुलिस कार्रवाई में मारे गए उत्तराखंड के किसान नवरीत सिंह की अंतिम अरदास में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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