व्यापारिक संगठनों के गले नहीं उतर रहा हरियाणा में वीकेंड लॉकडाउन, कांग्रेस भी विरोध में

हरियाणा में व्‍यापारिक संगठन वीकेंंड के लॉकडाउन से सहमत नहीं हैं। सरकार का यह फैसला उनके गलग नहीं उतर रहा है। कांग्रेस ने भी वीकेंड लॉकडाउन का विराेध किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sun, 23 Aug 2020 08:19 AM (IST) Updated:Sun, 23 Aug 2020 08:19 AM (IST)
व्यापारिक संगठनों के गले नहीं उतर रहा हरियाणा में वीकेंड लॉकडाउन, कांग्रेस भी विरोध में
व्यापारिक संगठनों के गले नहीं उतर रहा हरियाणा में वीकेंड लॉकडाउन, कांग्रेस भी विरोध में

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा के व्‍यापारिक संगठन राज्‍य में सप्ताहांत (वीकेंड) लॉकडाउन के समर्थन में नहीं है। राज्‍य में शनिवार और रविवार को बाजारों की दुकान और दफ्तर बंद किए जाने के आदेश से व्यापारिक संगठन खुश नहीं हैं। राज्य के गृहमंत्री अनिल विज के आदेश से सरकार ने शनिवार और रविवार को दुकान व दफ्तर बंद किए जाने के आदेश दिए थे। इन आदेश में यह भी साफ किया गया था कि आवश्वक वस्तुओं की दुकानें खुली रहेंगी।

व्यापारी मान रहे हैं कि इससे पटरी पर आई अर्थव्यवस्था होगी चौपट

व्यापारिक संगठनों के आह्वान पर प्रदेश के विभिन्न बाजारों में बंद का मिला-झुला असर रहा। दुकानें खोलने से लेकर बंद का साथ देने वाले व्यापारियों का कहना था कि सरकार ने यह फैसला गलत समय पर लिया है। सरकार ने न तो लॉकडाउन के दौरान दुकानदारों को कोई राहत दी और न ही किसी दुकानदार को उसके किराये या बिजली बिल में कोई राहत मिली है। अब जब तीन माह के लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है तो सरकार ने यह तुगलकी आदेश दे दिया है। यह कैसे संभव है कि सिर्फ दो दिन के अवकाश से कोरोना मामले घट जाएंगे।

फरीदाबाद, बल्लभगढ़ से लेकर प्रदेश के अन्य कुछ शहरों के दुकानदारों ने खुलकर दुकान बंद करने के निर्णय का विरोध किया। इन दुकानदारों के साथ स्थानीय कांग्रेस नेता भी खड़े नजर आए। प्रदेश में ग्रामीण आंचल के बाजार खुले रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने बाजार बंद कराने का प्रयास किया तो दुकानदारों एकत्र होकर सरकार के फैसले का विरोध किया। प्रशासनिक स्तर पर यह निर्णय लिया गया कि जिन बाजारों में पहले मंगलवार को साप्ताहिक अवकाश होता था, वहां अब साप्ताहिक अवकाश शनिवार और रविवार के बंद में ही समायोजित माना जाएगा।

शराब के ठेके खोलने की अनुमति से व्यापारियों में ज्यादा रोष

व्यापारियों का कहना था कि बाजारों में शराब की दुकानें तो खुली हुई हैं और उनकी दुकानें बंद हैं। यह गलत निर्णय है। सरकार अपना राजस्व तो वसूल रही है मगर निजी लोगों ने जो पहले ही तीन माह के लॉकडाउन के चलते आॢथक रूप से परेशान हैं, को दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि शराब के ठेके खोलने या नहीं खोलने संबंधी मामले पर संबंधित जिला उपायुक्त निर्णय करेंगे क्योंकि शनिवार व रविवार को बंद का निर्णय आपदा प्रबंधन कानून के तहत लिया गया है। आपदा प्रबंधन कानून के तहत सभी शक्तियां जिला उपायुक्त में निहित होती हैं।

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'' राज्य सरकार ने शनिवार और रविवार को दुकानें और दफ्तर बंद करने की घोषणा कर कोरोना संकट के दौरान पटरी से उतरे जनजीवन को पटरी पर लाने वाले सारे प्रयासों को व्यर्थ कर दिया है। सरकार का यह फैसला तत्काल प्रभाव से वापस होना चाहिए। इससे औद्योगिक नगरी फरीदाबाद, गुरुग्राम से लेकर पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था एकदम चौपट हो जाएगी। गृहमंत्री अनिल विज का यह बयान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के उस आदेश से भी अलग है जिसमें कहा गया था कि दिल्ली एनसीआर को कोरोना काल में एक ही क्षेत्र के रूप में देखा जाना चाहिए। जो आदेश दिल्ली में हों, वे ही एनसीआर के शहरों में लागू हों। दिल्ली में बाजार खुले हैं और हरियाणा में बंद रहेंगे तो इसका असर भी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

                                                                           - नीरज शर्मा, विधायक, एनआइटी फरीदाबाद।

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