अभय चौटाला का फिर भतीजे दुष्‍यंत पर निशाना, कहा- विधायकों के लिए भी लाएं राइट टू रिकाल बिल

हरियाणाा के उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला पर उनके चाचा व इनेलाे नेता अभय चौटाला ने फिर निशाना साधा है। राइट टू कॉल बिल को लेकर उन पर सवाल उठाया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sun, 30 Aug 2020 04:46 PM (IST) Updated:Sun, 30 Aug 2020 04:46 PM (IST)
अभय चौटाला का फिर भतीजे दुष्‍यंत पर निशाना, कहा- विधायकों के लिए भी लाएं राइट टू रिकाल बिल
अभय चौटाला का फिर भतीजे दुष्‍यंत पर निशाना, कहा- विधायकों के लिए भी लाएं राइट टू रिकाल बिल

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने  भतीजे हरियाणा के उपमुख्‍यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर फिर निशाना साधा है। अभय ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के नाते दुष्यंत चौटाला द्वारा लाए जाने वाले राइट टू रिकाल (पंचायत प्रतिनिधियों को एक साल के कार्यकाल के बाद वापस बुलाने संबंधी) बिल पर सवाल उठाए हैं।

अभय चौटाला ने कहा- विधायकों और सांसदों को भी वापस बुलाने का कानून बनाए गठबंधन सरकार

अभय ने कहा कि यह सिर्फ छलावा है और राइट टू रिकाल बिल से तात्पर्य सरपंचों के प्रति अविश्वास प्रस्ताव लाने से है। यदि सरकार वास्तव में ईमानदारी से राइट टू रिकाल कानून बनाना चाहती है तो इसे विधायकों, सांसदों और मंत्रियों पर भी लागू किया जाना चाहिए।

इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला रविवार को चंडीगढ़ में मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव राजकुमार वाल्मीकि ने अभय चौटाला का दामन थामा। वाल्मीकि हुड्डा सरकार में सीपीएस रह चुके हैं तथा अंबाला से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।

उन्‍हाेंने कहा कि राजकुमार वाल्मीकि को अंबाला से टिकट दिलाने के चक्कर में हुड्डा और सैलजा के बीच कई बार खटपट हो चुकी है। अभय ने संकेत दिए कि हरियाणा में दलित लीडरशिप की कमी है और कई दलित नेता एक पखवाड़े के भीतर इनेलो में शामिल होने जा रहे हैं। इनेलो ने हमेशा दलित समुदाय के लोगों को अपनी पार्टी में पूरा मान सम्मान दिया है।

अभय ने शराब घोटाले में एसईटी की जांच रिपोर्ट पर डिप्टी सीएम और गृह मंत्री के अलग-अलग स्टैंड पर भी सवाल उठाए हैं। चौटाला ने कहा कि दुष्यंत अपने विभाग को क्लीन चिट दे रहे हैं, जबकि विज ने विजिलेंस जांच आरंभ करा दी है। इससे संदेश जाता है कि प्रदेश में सरकार नहीं बल्कि गिरोह काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य जनता को किसी भी तरह से लूटने का है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अन्यथा प्रदेश के लोग समझेंगे कि भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए काम हो रहा है।

अभय चौटाला ने राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव के आरोपोंं की बाबत कहा कि यदि एसपी सुलोचना गजराज के प्रति लगाए गए उनके आरोप सही हैं तो कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। तबादला किसी समस्या का समाधान नहीं होता। यदि एसपी का कसूर नहीं है तो फिर मंत्री को बर्खास्त किया जाए। मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वह सच को जनता के सामने लाएं। आबकारी विभाग का राजस्व बढ़ाने से जु़ड़े सवाल पर अभय ने कहा कि दुष्यंत ने सरकार या विभाग का राजस्व भले ही न बढ़ाया हो, लेकिन अपने नाना का राजस्व जरूर बढ़ाया है।

कांग्रेस में मेरे साथ हर कदम पर धोखा हुआ: राजकुमार वाल्मीकि

पूर्व सीपीएस राजकुमार वाल्मीकि ने कहा कि मैं 35 साल से कांग्रेस की नीतियों के आधार पर काम कर रहा हूं, लेकिन मेरे साथ धोखा हुआ है। जब अंबाला से चुनाव लड़ने के लिए सैलजा ने मना कर दिया तो 15 दिन के बाद मुझे टिकट दे दिया, जबकि यदि कांग्रेस को टिकट देनी थी तो मुझे समय से दी जानी चाहिए थी, ताकि मैं अपनी तैयारी करता।

उन्होंने कहा कि जीतने के वक्त सैलजा और हारने के वक्त मुझे टिकट थमा दी जाती थी। 2009 में नीलोखेड़ी में मेरा विधानसभा टिकट काट दिया गया। 2019 में बंता राम वाल्मीकि को कांग्रेस ने टिकट दे दी। कांग्रेस सिर्फ वाल्मीकि समाज का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करती है। बरौदा में स्पष्ट हो जाएगा कि वाल्मीकि समाज इनेलो के साथ है। अभय चौटाला ऐसे नेता हैं, जो विधानसभा में अकेले ही पूरी सरकार पर भारी पड़ते हैं, जबकि बाकी विपक्ष अपने फायदे के हिसाब से शब्द बोलता है।

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