किसानों ने कर्मचारियों संग लघु सचिवालय पर दिया धरना

किसान कानूनों को वापस लेने के आह्वान के साथ जिले में किसान आंदोलन की अगुवाई कर रही किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर व बिजली संशोधन बिल की वापसी की मांग को लेकर किसानों व कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Dec 2020 08:16 PM (IST) Updated:Mon, 14 Dec 2020 08:16 PM (IST)
किसानों ने कर्मचारियों संग लघु सचिवालय पर दिया धरना
किसानों ने कर्मचारियों संग लघु सचिवालय पर दिया धरना

जागरण संवाददाता, पलवल : किसान कानूनों को वापस लेने के आह्वान के साथ जिले में किसान आंदोलन की अगुवाई कर रही किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर व बिजली संशोधन बिल की वापसी की मांग को लेकर किसानों व कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान धरना दिया गया तथा ज्ञापन सौंपकर सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई।

प्रदर्शन के बाद उपायुक्त कार्यालय से किसान व कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि जुलूस निकालकर केएमपी इंटरचेंज पर बैठे किसानों के धरने में शामिल हुए। धरना प्रदर्शन की अगुवाई किसान नेताओं स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती, रतन सिंह सौरोत, मास्टर महेंद्र सिंह चौहान, सकसं के जिला प्रधान राजेश शर्मा, सीआइटीयू के जिला प्रधान श्रीपाल सिंह भाटी, किसान सभा के जिला प्रधान धर्मचंद ने की तथा संचालन योगेश शर्मा ने किया। प्रदर्शन में भाकियू (अंबावता) के जिलाध्यक्ष ऋषिपाल चौहान, इनेलो के जिलाध्यक्ष अजीत बाबी, किसान नेता सतीश भुर्जा, शहनवाज हुसैन, राजेंद्र सरपंच, प्रेम सिंह दलाल, हरि सिंह चौहान, शिव नारायण तेवतिया एडवोकेट, ताराचंद, दलबीर डगर, नरेंद्र चौहान, गजराज अटोहां, जितेंद्र तेवतिया, सोहनपाल चौहान मौजूद रहे।

इस मौके पर कहा कि किसानों के खिलाफ झूठा प्रचार किया जा रहा है। नेताओं ने बताया कि सरकार के मित्र उद्योगपति कृषि क्षेत्र में अग्रिम निवेश किए बैठे हैं। बाजार आधारित खरीद फरोख्त व्यवस्था, असीमित स्टाक और खेती में ठेका प्रणाली लागू करके खेती का कार्पोरेटाइजेशन करना है। इन कानूनों के कारण मौजूदा मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य की स्थिति वैसी ही होगी जैसी आज बीएसएनएल की है। सरकार कह रही है कि मंडी व्यवस्था खत्म नहीं होगी। लेकिन मंडी में फसल खरीदने पर टैक्स लगेगा और मंडी के बाहर टैक्स फ्री का खेल चलेगा तो मंडी कितने दिन चलेगी। बाक्स : 12 वें दिन किसानों ने की एक दिवसीय भूखहड़ताल :

राष्ट्रीय राजमार्ग पर 12 दिन से डटे सुदूर प्रदेशों से आए किसानों ने किसान संगठनों के आह्वान पर सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल की। किसानों ने कहा कि अगर सरकार इन तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती तो इस आंदोलन को प्रभावशाली गति देकर सरकार को झुकाने का काम किया जाएगा। बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने कहा कि अगर सरकार अब भी उनकी मांगो पर विचार नहीं करती है तो इस सांकेतिक भूख हड़ताल को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में तब्दील कर दिया जाएगा। इस मौके पर मांग की गई कृषि कानूनों का विरोध करने वाले आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ बनाए गए मुकदमों को बिना शर्त वापस किया जाए। बाक्स : आप कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में रखा उपवास :

दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविद केजरीवाल के आह्वान पर आप कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखा। किसानों के धरनास्थल पर पहुंचकर उपवास में शामिल हुईं आप की महिला जिलाध्यक्ष रेणु छाबड़ा ने कहा कि बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि न्याय तथा अपने सुरक्षित भविष्य के लिए अन्नदाता को अन्न का त्याग करना पड़ रहा है। आप नेता धर्मेंद्र सिंह, रणधीर चौहान व मूलचंद ने कहा कि सरकार व भाजपा के नेताओं द्वारा अपने सुरक्षित भविष्य के लिए किसानों के संघर्ष को टुकड़-टुकड़े गैंग तथा खालिस्तान समर्थन का नाम देना बहुत ही दुख की बात है। बाक्स : विधायकों के निवास पर रहे पुख्ता सुरक्षा प्रबंध :

किसान संगठनों द्वारा भाजपा के सांसदों व विधायकों के निवास स्थान पर धरना-प्रदर्शन करने तथा घेराव करने के एलान के बाद पुलिस प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए। हालांकि जिले के एक भी किसान नेता ने विधायकों के आवास पर जाने की बात नहीं कही थी, लेकिन फिर भी भारी सुरक्षा बल भाजपा नेताओं के निवास स्थानों की हिफाजत के लिए तैनात रहा। होडल के विधायक जगदीश नायर, पलवल के विधायक दीपक मंगला व हथीन के विधायक प्रवीण डागर के निवास पर सुबह सवेरे से ही पुलिस दल मौजूद रहा।

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