मंडी में धीमी गति से हो रही धान बिक्री, किसान परेशान
अनाज मंडी में सरकारी एजेंसियों द्वारा धीमी गति से धान की खरीद किए जाने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
चंद्रप्रकाश गर्ग, होडल: अनाज मंडी में सरकारी एजेंसियों द्वारा धीमी गति से धान की खरीद किए जाने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चार अक्टूबर से सरकारी खरीद शुरू होने के बाद सरकारी एजेंसियां अबतक केवल छह लाख 87 हजार 989 क्विंटल धान की खरीद कर सकी हैं। जबकि मंडी में 9 लाख 26 हजार 37 क्विटल धान की आवक दर्ज की गई है।
किसानों का कहना है कि कई कई दिन बीतने के बाद भी उनकी फसल की ढ़ेरियों को देखने तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचता और जब अधिकारी पहुंचते भी हैं तो कभी नमी का बहाना तो कभी धान साफ नहीं होने की बात कहकर फसल नहीं खरीदी जाती है। किसानों की समस्या यहीं समाप्त नहीं होती है। फसल नहीं बिकने के कारण उन्हें पूरी रात जागना पड़ता है। किसानों का कहना है कि प्रशासन द्वारा मंडी में फसल की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।
किसानों का कहना है कि एक तरफ सरकार किसान का एक-एक दाना खरीदने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए तो कभी गेट पास के लिए धक्के खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। अनाज मंडी में पिछले कई वर्षों में पहली बार बाजरे की 42 हजार 591 क्विटल सरकारी खरीद की गई है। अनाज मंडी में पिछले तीन दिनों से धान की सरकारी खरीद के इंतजार में बैठा हूं, लेकिन अबतक मेरे पास कोई भी नहीं आया।
- रोकी। किसान मंडी पहुंचे दो दिन हो गए, लेकिन कोई भी अधिकारी सरकारी खरीद के लिए नहीं पहुंचा है। मंडी में ना तो फसल की सुरक्षा के कोई इंतजाम हैं और ना ही किसानों के बैठने और पीने के पानी की कोई व्यवस्था है।
- धर्मपाल, किसान सरकार के मानकों के अनुसार किसानों का एक-एक दाना खरीदा जा रहा है। सभी एजेंसी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसानों को फसल बेचने में किसी भी प्रकार की समस्या ना आए। मानकों के अनुसार सभी धान खरीदा जाएगा।
- मनोज कुमार, सचिव, मार्केट कमेटी।