नई शिक्षा नीति से खुद पैदा कर सकेंगे रोजगार

नई शिक्षा नीति 2020 पर शिक्षा विभाग ब्लॉक पुन्हाना की तरफ से बृहस्पतिवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन आरोही मॉडल स्कूल मुंढेता में किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Sep 2020 06:36 PM (IST) Updated:Thu, 17 Sep 2020 06:36 PM (IST)
नई शिक्षा नीति से खुद पैदा कर सकेंगे रोजगार
नई शिक्षा नीति से खुद पैदा कर सकेंगे रोजगार

जागरण संवाददाता, नूंह: नई शिक्षा नीति 2020 पर शिक्षा विभाग ब्लॉक पुन्हाना की तरफ से बृहस्पतिवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन आरोही मॉडल स्कूल मुंढेता में किया गया। इसमें प्राचीन शिक्षा से नई शिक्षा नीति की ओर विषय पर शिक्षाविदों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति में परीक्षा और पाठ्यक्रम में क्या-क्या परिवर्तन किए गए, इसके बारे में जानकारी दी गई और सुझाव भी मांगे गए।

मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी धर्मवीर बल्डोदिया ने कहा कि जो अभी की शिक्षा नीति है, वह बच्चों को पढ़ने के लिए दबाव डालती है। लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेल-खेल में पढ़ाने की बात है। खेल के माध्यम से दी जाने वाली जानकारी या शिक्षा को बच्चे जल्दी आत्मसात कर लेते हैं। नई शिक्षा नीति से लोग अब रोजगार के पीछे कम भागेंगे और रोजगार खुद पैदा कर सकेंगे। नई शिक्षा नीति में बच्चों में आत्मविश्वास और नेतृत्वक्षमता विकसित करने की बात भी कही गई है।

उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में अन्य विषयों के साथ-साथ भाषाई कोर्स की पढ़ाई करने की आजादी मिलती है। नई शिक्षा नीति बच्चों में मानवीय व्यवहार, नैतिकता और आत्मविश्वास वृद्धि पर भी जोर दिया गया है। कार्यक्रम का संचालन खण्ड शिक्षा अधिकारी सदीक अहमद ने किया। अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी अनूप सिंह जाखड़ ने वर्चुअल तरीके से की। मंच संचालन अध्यापक कमालुद्दीन ने किया।

जिला शिक्षा अधिकारी अनूप जाखड़ ने शिक्षा नीति की मुख्य बातों की ओर इंगित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति एकीकृत संरचना बनाती है। भारत की सभी भाषाओं में शिक्षा का विचार नई शिक्षा नीति में किया गया है। प्रत्येक संस्थान को एक संस्थागत विकास योजना बनाने की छूट दी गई है, जिसमें सबका हित सम्मिलित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के लिए एक और पहल है, जो अकादमिक क्रेडिट बैंक खोलने का सुझाव देता है। खण्ड शिक्षा अधिकारी सदीक अहमद ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 3ए यानी- एकेडमिक, एप्लीकेशन और एटीट्यूड पर फोकस करती है। यह नीति विद्यार्थियों के एक्ट्रा कैरिकुलर एक्टीविटी पर अधिक फोकस करती है।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति हमें 'क्या सीखना चाहिए' के बजाय 'कैसे सीखना चाहिए' पर ध्यान केंद्रित करती है। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया कि अगर हम चपाती बनाने की 100 किताब पढ़ लें, फिर भी अगर नहीं बना पा रहे हैं, तो हमारा उन किताबों को पढ़ना बिल्कुल बेकार साबित होगा और उसके लिए जरूरी है कि हम रसोई में जाकर चपाती बनाना सीखें।

सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य आरके शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मूल भाषा को शामिल किया गया है, जो प्राथमिक स्तर और काफी फायदेमंद साबित होगी। इसके साथ अन्य शिक्षाविदों एवम सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी अपने विचार रखें और सुझाव को साझा किया। कार्यक्रम के सहयोगी देवेंद्र प्राचार्य, वेद शर्मा राज्य शिक्षक अवार्डी, मनोज कुमार, प्राचार्य सुनीता, जितेंद्र शर्मा, नरेश, जसवंत गोयल, सुनील आदि रहे।

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