शिकरावा गांव की उजीना ड्रेन पर बना पुल हादसों को दे रहा न्योता

का निर्माण तो दूर मर मत भी नहीं कराई जा रही है। लोगों का कहना है कि शायद प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। शिक रावा के पूर्व सरपंच जाकिर, मकसूद, समीम, जुबैर, इरशाद सहित लोगों का कहना है कि भाजपा सरकार भले ही विकास को लेकर ढिढोंरा पीट रही हो, गांव से निकल रही उजीना ड्रेन के पुल को देखकर नहीं लगता की कहीं से विकास की एक ईंट भी लगी हो। जर्जर हालत में यह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Nov 2018 05:33 PM (IST) Updated:Sat, 24 Nov 2018 05:33 PM (IST)
शिकरावा गांव की उजीना ड्रेन पर बना पुल हादसों को दे रहा न्योता
शिकरावा गांव की उजीना ड्रेन पर बना पुल हादसों को दे रहा न्योता

जागरण संवाददाता, पुन्हाना: उपमंडल के बडे गांव शिकरावा में उजीना ड्रेन पर बना पुल बदहाली पर आंसू बहा रहा है। पिछले करीब पांच वर्षों से पुल जर्जर अवस्था में है। वर्तमान में पुल की ऐसी हालत है कि यह कभी भी गिर सकता है। इसके साथ भी प्रशासन द्वारा पुल का निर्माण तो दूर मरम्मत भी नहीं कराई जा रही है।

लोगों का कहना है कि शायद प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। शिकरावा के पूर्व सरपंच जाकिर, मकसूद, समीम, जुबैर, इरशाद सहित लोगों का कहना है कि भाजपा सरकार भले ही विकास को लेकर ढिढोंरा पीट रही हो, गांव से निकल रही उजीना ड्रेन के पुल को देखकर नहीं लगता की कहीं से विकास की एक ईंट भी लगी हो। जर्जर हालत में यह पुल कई बड़े शहरों को जोड़ने का काम करता है। इस जर्जर पुल से गुजरते वक्त कई लोग दुर्घटना ग्रस्त होकर अपने हाथ पैर तुड़वा चुके हैं तो कई की गाड़ी नहर में स्नान कर चुकी है। खस्ताहाल पुल की वजह से रोजाना जाम लगता रहता है। ग्रामीण पुल के कारण लगने वाले जाम से परेशान हैं वहीं इसके बाद भी प्रशासन को लोगों की परेशानी का तनिक भी चिंता नहीं हैं।

बता दें, कि इस पुल से गुजरना लोगों के लिए दूभर हो रहा है। पुलिया पर लोहे की लगी जालियां भी गल चुकी है। जो हादसों को दावत दे रही है। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों को शिकायत भी भेजी, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाला ही रहा। लोग इस उजीना ड्रेन में आए दिन गिरकर हादसों का शिकार हो रहे हैं। ¨सचाई विभाग को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। बुजुर्गो को इस रास्ते से गुजरना पहाड़ पर चढ़ने के समान है। लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए पूरा प्रयास होगा कि पुल का पुन: निर्माण जल्द से जल्द कराया जाए।

-पंकज कुमार, उपायुक्त, नूंह।

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