चौपाल से निकलेगा किसानों की आय दोगुनी करने का मंत्र

प्रदेश के किसानों को उन्नत खेती की जानकारी देने और फसल उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने बड़ी पहल की है। जिसके तहत अब प्रदेश के संबंधित जिलों के कृषि अधिकारी गांवों में जाकर रात के समय किसानों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में अधिकारी किसानों को अपनी आय को बढ़ाने के साथ उन्नत खेती के तौर-तरीकों के बारे में समझाएंगे। इसमें विशेष बात ये है कि प्रदेश के 21 जिलों के कृषि अधिकारियों को अपने जिले के सभी गांवों में जाकर किसानों के साथ बैठक करना अनिवार्य है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के नवनियुक्त निदेशक अजीत बालाजी जोशी ने सभी जिलों के कृषि अधिकारियों को पत्र जारी करके शेड्यूल मांगा है। कृषि विभाग के अधिकारियों को कार्यदिवस

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Nov 2018 08:23 PM (IST) Updated:Thu, 29 Nov 2018 08:23 PM (IST)
चौपाल से निकलेगा किसानों की आय दोगुनी करने का मंत्र
चौपाल से निकलेगा किसानों की आय दोगुनी करने का मंत्र

प्रवीन चौधरी, नूंह

प्रदेश में कृषि को उन्नत बनाने व किसानों की आय बढ़ाने के लिए अब कृषि विभाग के अधिकारी गांवों में चौपाल लगाकर किसानों संग रणनीति बनाएंगे। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने बड़ी पहल करते हुए इस संबंध में प्रदेश के सभी कृषि अधिकारियों के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिया है। एक दिसंबर से शुरू हो रही इस योजना में अधिकारियों को 205 कार्यदिवस के अंदर कार्ययोजना को अमली जामा पहनाना होगा। प्रदेश के सभी 21 जिलों के कृषि अधिकारियों को गांव में जाकर किसानों संग चौपाल लगाना अनिवार्य है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के नवनियुक्त निदेशक अजीत बालाजी जोशी ने सभी जिलों के कृषि अधिकारियों को पत्र जारी करके शेड्यूल मांगा है।

चौपाल में दी जाएगी आधुनिक कृषि की जानकारी

प्रदेश के किसानों को रात्रि मी¨टग के जरिए कृषि विभाग के अधिकारी आधुनिक कृषि तकनीक के अलावा सरकार की योजनाओं की जानकारी भी देंगे। सरकार का मानना है कि इन योजनाओं से जुड़कर किसान अपनी आय को आसानी से दोगुनी कर सकते हैं। यही नहीं फसलों पर आने वाली लागत भी कम की जा सकती है। प्रदेश में योजना एक दिसंबर से लागू हो जाएगी।

कम संसाधनों के बावजूद तैयार हैं अधिकारी

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने रात्रि मी¨टग का कार्यक्रम शुरू तो कर दिया, लेकिन अब विभागीय अधिकारियों के सामने स्टाफ की बड़ी परेशानी है। दक्षिण हरियाणा के अधिकारियों का कहना है कि वह योजना को लेकर उत्साहित हैं।

नूंह जिले में 443 गांवों में 205 दिनों में अधिकारियों को किसानों के साथ बैठक करनी है। यानी एक दिन में कम से कम दो गांव अधिकारियों को कवर करने होंगे। जिले में कृषि विभाग के पास 171 अधिकारियों व कर्मचारियों की जगह मात्र 26 अधिकारी और कर्मचारी हैं।

गुरुग्राम में 203 ग्राम पंचायतें व 303 गांव हैं। इसमें करीब 1 लाख 10 हजार किसान परिवार हैं। जिला में सरसों, बाजरा तथा ग्वार, गेहूं की खेती मुख्य रूप से होती है। उपायुक्त विनय प्रताप ¨सह ने कहा सरकार की योजना को हर हाल में सिरे चढ़ाया जाएगा।

फरीदाबाद में 148 गांवों के लिए 8 अधिकारी तैनात किए गए हैं। यह अधिकारी शाम को ग्राम सभा बुलाकर कृषि संबंधी जानकारी देंगे। एक दिसंबर से शाम छह से आठ बजे तक कैंप आयोजित होंगे।

महेंद्रगढ़ में 436 ग्राम पंचायतें व 476 गाव हैं। इसमें करीब 1 लाख 88 हजार किसान परिवार कृषि से संबंधित हैं। हर वर्ष जिले में 90 हजार हेक्टेयर में गेहूं व एक लाख दस हजार हेक्टेयर में सरसों खेती की जाती है। कृषि विभाग ने बृहस्पतिवार को ही गावों का शेड्यूल तैयार किया है। कृषि विभाग में इस समय डीडीए का पद रिक्त हैं। वर्तमान में भिवानी के उप कृषि निदेशक प्रताप सिंह सब्बरवाल के पास चार्ज है। 278 पदों के सापेक्ष 68 अधिकारियों के पास जिम्मेदारी है।

सोनीपत में कुल 342 गांव हैं। इसमें करीब 1 लाख 39 हजार किसान परिवार कृषि से संबंधित हैं। हर वर्ष जिले में करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर में गेहूं व करीब 97 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की जाती है। जिले में 23 कृषि विकास अधिकारी (एडीओ) व ब्लाक टेक्निकल मैनेजर (बीटीएम) हैं। प्रत्येक अधिकारी को उनसे संबंधित 15 गांव दिए गए हैं।

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सभी जिलों के अधिकारियों को पत्र जारी करके रात्रि मी¨टग का शेड्यूल मांग गया है। जिलों के कृषि अधिकारी गांवों में जाकर किसानों के साथ रात्रि मी¨टग आयोजित करेंगे।

अजीत बालाजी जोशी, निदेशक कृषि एवं कल्याण विभाग हरियाणा।

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