एनएचएम हड़तालियों ने खून से लिखा खत, एंबुलेंस ठप, मरीज परेशान

लंबित मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारी दूसरे दिन भी हड़ताल के दौरान धरने पर बैठे रहे। हड़ताल दो दिन ओर जारी रहेंगी। दूसरे दिन हड़ताल पर रहे कर्मचारियों ने अपने खून से पत्र लिखकर, सिविल सर्जना डॉ. अशोक कुमार के मार्फत सीएम मनोहर लाल खट्टर को ज्ञापन सौंप कर मांगों को पूरा करने की मांग की है। दूसरे दिन धरना जिला प्रधान डॉ. पुष्पेंद्र के नेतृत्व में जिले के सभी एनएचएम के सभी कर्मचारी सरकार द्वारा एनएचएम कर्मचारियों की जा रही अनदेखी, वेतन संशोधन, सातवें वेतन आयोग, वेतन एकमुश्त दिलवाना, हॉल ही नियमित स्टाफ नसरे तथा एएनएम के लिए किए गए वेतन संशोधित आदि मांगो को लेकर हड़ताल पर रहे। हड़ताल के दौरान कर्मचारी नागरिक अस्पताल, नारनौल के प्रांगण में एकत्रित होकर धरना दिया। फार्मासिस्ट भी हड़ताल पर रहे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Feb 2019 07:07 PM (IST) Updated:Wed, 06 Feb 2019 07:07 PM (IST)
एनएचएम हड़तालियों ने खून से लिखा खत, एंबुलेंस ठप, मरीज परेशान
एनएचएम हड़तालियों ने खून से लिखा खत, एंबुलेंस ठप, मरीज परेशान

जागरण संवाददाता, नारनौल :

नेशनल हेल्थ मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों ने हड़ताल के दूसरे दिन अपने खून से सीएम के नाम खत लिखा तथा उसे सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार को सौंपकर नियमित करने की गुहार लगाई। खून से लिखे खत में हड़तालियों ने अपना दर्द बयां करते हुए लिखा है कि वे वर्ष 2005 से स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अब तक किसी सरकार ने उन्हें अनुबंध से मुक्ति नहीं दिलाई, जबकि उनकी बदौलत हरियाणा प्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र में अग्रणी रहा है।

गौरतलब हो कि एनएचएम कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे और धरना दिया गया। यह हड़ताल दो दिन और चलेगी। धरना जिला प्रधान डॉ. पुष्पेंद्र के नेतृत्व में जिले के सभी एनएचएम कर्मचारी सरकार द्वारा एनएचएम कर्मचारियों की जा रही अनदेखी, वेतन संशोधन, सातवें वेतन आयोग, वेतन एकमुश्त दिलवाना, हॉल ही नियमित स्टाफ नर्से तथा एएनएम के लिए किए गए वेतन संशोधित आदि मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। हड़ताल के दौरान कर्मचारी नागरिक अस्पताल, नारनौल के प्रांगण में एकत्रित होकर धरना दिया। फार्मासिस्ट भी हड़ताल पर रहे।

धरने पर बैठे हुए कर्मचारियों को संबोधित करते हुए डॉ. पुष्पेंद्र ने बताया कि सरकार द्वारा अभी कर्मचारियों की मांगों के बारे में किसी भी प्रकार का सकारात्मक कदम नहीं उठाया है, जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि एनएचएम के उच्च अधिकारी नहीं चाहते कि एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त हो।

सरकार और एनएचएम के उच्च अधिकारियों के उदासीन रवैये को देखते हुए एनएचएम कर्मचारी संघ हरियाणा की राज्य कार्यकारिणी ने अगले दो दिन तक हड़ताल का विस्तार किया है, इसलिए जिले के सभी एनएचएम कर्मचारी सात व आठ फरवरी को भी हड़ताल पर रहेंगे, इस दौरान आपातकालीन सेवाओं के कर्मचारी भी पूर्ण रूप शामिल रहेंगे। हड़ताल के दौरान एनएचएम कर्मचारियों द्वारा अपनी नियमित मांग के लिए मुख्यमंत्री के नाम खून से पत्र लिखा है जो सिविल सर्जन नारनौल के माध्यम से भेजा गया है, जिसमें कर्मचारियों ने लिखा है कि हम 2005 से अनुबंध आधार पर स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न प्रकार की सेवाएं दे रहे हैं। पिछली हर सरकार द्वारा हमारी अनदेखी की गई है। हड़ताल के दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रसूति विभाग, एसएनसीयू, एनआरसी व कंट्रोल रूम 102 व 108 की सेवाएं पूर्ण रूप से बंद रही।

सप्ताह के प्रत्येक बुधवार को होनेवाले टीकाकरण, कैंसर विभाग, सीनियर सीटीजन के लिए बनाई गई अलग से ओपीडी आदि कार्य भी बाधित रहे हैं।

सर्व कर्मचारी संघ के राज्य कमेटी सदस्य महेंद्र बोयत, जिला सचिव किरोड़ीमल सैनी, एसकेएस के जिला उप प्रधान कौशल कुमार एनएचएम कर्मचारी संघ, नारनौल के उप प्रधान कृष्णा कुमारी, प्रेस सचिव राजकुमार, पूर्व जिला संयोजक संदीप यादव, पूर्व जिला प्रधान हरकेश, पूर्व उप प्रधान दिलबाग ¨सह, डॉ. सुचिता, डॉ. जिले ¨सह, डॉ. अमित, डॉ. दीपक, भतेरी बाई, संतोष देवी, नीतू, सुशीला देवी भी उपस्थित रहे।

ये हैं प्रमुख मांगें :

एनएचएम कर्मचारियों को पक्का किया जाए। वेतन विसंगति दूर की जाए। जब तक नियमित नहीं किया जाता, तब तक सेवा सुरक्षा का लाभ दिया जाए। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं। एनएचएम कर्मचारियों के बढ़े हुए वेतन और पहले मिलने वाले वेतन अलग-अलग दिए जा रहे हैं, ये वेतन एकमुश्त दिया जाए। टीबी अस्पताल के कर्मचारियों के बढ़े हुए वेतन का एक वर्ष बीत जाने पर भी भुगतान नहीं किया गया, उनके वेतन का भुगतान किया जाए। सभी एनएचएम कर्मचारियों के बढ़े हुए वेतन का भुगतान माह जून, 2018 से पें¨डग है, उनका शीघ्र भुगतान किया जाए।

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ड्राइवरों की हड़ताल के चलते एंबुलेंस सेवाएं ठप, मरीज परेशान जागरण संवाददाता, नारनौल : हैलो, एंबुलेंस कंट्रोल रूम। जी हां। मुझे एंबुलेंस चाहिए थी। एक डिलीवरी केस लेकर जाना है। डिलीवरी के लिए एंबुलेंस नहीं मिलेगी। ड्राइवरों ने हड़ताल कर रखी है। यही हाल था बुधवार को नारनौल के नागरिक अस्पताल की स्थित एंबुलेंस कंट्रोल का। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत लगे एंबुलेंस ड्राइवर मिशन के अन्य कर्मचारियों के साथ हड़ताल पर चल रहे हैं। इसी कारण एंबुलेंस का पहिया जाम है और मरीज परेशान हो रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस समय महेंद्रगढ़ जिला में 17 एंबुलेंस चलाई जा रही हैं। मगर इनके चालक दो दिन से हड़ताल पर हैं। हड़ताल के कारण जिले में एंबुलेंस नहीं चल रही, जबकि मरीजों को इसकी सख्त जरूरत पड़ रही है। हालात यह रहे कि डिलीवरी केसों में भी महिलाओं को एंबुलेंस की सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही। सड़क या अन्य हादसों के शिकार लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का प्रावधान किया गया, लेकिन इसके लिए चालक उपलब्ध नहीं थे और ये किसी के काम नहीं आ सकी।

दो चालक किए गए हैं नियुक्त :

हड़ताल से निपटने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को दो चालक अधीनस्थ स्टाफ से एंबुलेंस पर लगाए गए हैं, लेकिन जिले की जरूरतों के विपरीत ये ऊंट के मुंह में जीरा समान लगते हैं। बुधवार को चर्चा यह भी थी कि दोनों चालक एंबुलेंस को ठीक से नहीं चला पाए।

गौर हो कि एंबुलेंस को सरकार ने डिलीवरी केसों के लिए बिल्कुल मुफ्त किया हुआ है। एंबुलेंस से ही घर से अस्पताल तक डिलीवरी केस को लाया व ले जाया जाता है। इसी प्रकार हादसों में घायल लोगों को भी अस्पताल तक पहुंचाना बिल्कुल मुफ्त किया गया है, लेकिन हड़ताल के दौरान जरूरतमंदों को एंबुलेंस के लिए पैसे खर्च करने पड़े।

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- मैं डिलीवरी केस लेकर अस्पताल आया था। डिलीवरी हो चुकी है तथा अस्पताल से महिला को छुट्टी मिल चुकी है, लेकिन अब घर जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल रही। मैं आर्थिक रूप से कमजोर हूं और एंबुलेंस वाले करीब एक हजार रुपये मांग रहे हैं।

- रोशनलाल, धानौता। वर्जन -

डिलीवरी एवं घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सेवा उपलब्ध है, लेकिन चालक हड़ताल पर चले गए हैं। इसी कारण परेशानी आ रही है। फिर भी वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। कल तक हड़ताल के खुलने की उम्मीद है।

- डा. जितेंद्र यादव, इंचार्ज, एंबुलेंस कंट्रोल, नारनौल।

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