नप 34 व्यक्तिगत शौचालय बनवाकर भूल गया दूसरी किस्त देना

थानेसर नगर परिषद शहर में 34 व्यक्तिगत शौचालय बनवाकर पहली किस्त देने के बाद दूसरी किस्त देना ही भूल गया। साढ़े तीन साल बाद भी शौचालय निर्माण कराने वाले लोगों के खाते में दूसरी किस्त नहीं पहुंची है। इनमें से कई लोग तो शौचालय बनने के बाद खुद ही दूसरी किस्त की मांग करना भूल गए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Feb 2020 08:10 AM (IST) Updated:Tue, 25 Feb 2020 08:10 AM (IST)
नप 34 व्यक्तिगत शौचालय बनवाकर भूल गया दूसरी किस्त देना
नप 34 व्यक्तिगत शौचालय बनवाकर भूल गया दूसरी किस्त देना

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: थानेसर नगर परिषद शहर में 34 व्यक्तिगत शौचालय बनवाकर पहली किस्त देने के बाद दूसरी किस्त देना ही भूल गया। साढ़े तीन साल बाद भी शौचालय निर्माण कराने वाले लोगों के खाते में दूसरी किस्त नहीं पहुंची है। इनमें से कई लोग तो शौचालय बनने के बाद खुद ही दूसरी किस्त की मांग करना भूल गए। जिन्होंने दूसरी किस्त की डिमांड की उन्हें भी पैसे नहीं मिले। मगर आइएचएचएल के अंतर्गत बने शौचालयों के बाद इन लोगों ने खुले में शौच जाना जरूर बंद कर दिया है। इन लोगों का कहना है कि इस अभियान के बहाने उनके घर में शौचालय बन गया और उन्होंने इसका प्रयोग करना भी शुरू कर दिया। अभियान के चलते ही लेकिन शौचालय बना, जो हो रहा अब प्रयोग

डेरा रामपुरा निवासी धर्मपाल ने बताया कि वर्ष 2015 में उन्होंने शौचालय बनाने को लेकर आइएचएचएल के तहत शौचालय बनाने के लिए आवेदन किया था। पहली सात हजार की किस्त उन्हें मिल गई थी। दूसरी सात हजार की किस्त शौचालय बनने के बाद मिलनी थी। उन्होंने दूसरी किस्त के लिए पत्र भी लिखा था, लेकिन दूसरी किस्त नहीं मिली। धर्मपाल ने कहा कि उन्हें इस बात की भी खुशी है कि इस योजना के तहत उनके घर में शौचालय बन गया और सभी सदस्य उसका प्रयोग भी कर रहे हैं। दूसरी किस्त तो भूल गए

डेरा निवासी मिक्का सिंह ने बताया कि उन्हें पहली किस्त ही मिली थी। इसके बाद शौचालय बनकर भी तैयार हो गया और शौचालय को प्रयोग भी किया जा रहा है। मगर दूसरी किस्त नहीं आई। दूसरी किस्त के लिए हमें कोई सूचना ही नहीं मिली कि कब तक मिलेगी। इस कारण दूसरी किस्त आने की बात तो हम भूल ही चुके हैं। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में : ईओ

थानेसर नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी बीएन भारती ने बताया कि वह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में हैं। फाइल देखकर ही कुछ कह पाएंगे। आइएचएसएल के तहत शौचालय बनाए जरूर गए हैं लेकिन ताजा अपडेट नहीं है।

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