गर्भवती महिलाएं स्वस्थ रहने के लिए फास्ट फूड छोड़कर हरीं सब्जियों का करें सेवन

आजकल महिलाएं हरी सब्जियों को छोड़कर फास्ट फूड यानी बर्गर चाउमीन और तली हुई खाद्य सामग्री खाना पसंद कर रही हैं। इस कारण महिलाओं को गर्भधारण करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Mar 2020 08:20 AM (IST) Updated:Mon, 16 Mar 2020 08:20 AM (IST)
गर्भवती महिलाएं स्वस्थ रहने के लिए फास्ट फूड छोड़कर हरीं सब्जियों का करें सेवन
गर्भवती महिलाएं स्वस्थ रहने के लिए फास्ट फूड छोड़कर हरीं सब्जियों का करें सेवन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आजकल महिलाएं हरी सब्जियों को छोड़कर फास्ट फूड यानी बर्गर, चाउमीन और तली हुई खाद्य सामग्री खाना पसंद कर रही हैं। इस कारण महिलाओं को गर्भधारण करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जो महिलाएं गर्भधारण कर चुकी हैं, वे भी अपने खान-पान में बदलाव न लाकर पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा रही हैं। दैनिक जागरण के संवाददाता अनुज शर्मा से जिला प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर ज्योति गागट ने साक्षात्कार में बताया कि इस कारण नवजात बच्चों में कुपोषण फैल रहा है। गर्भधारण करने के बाद एक महिला को नौ माह बच्चे को पेट में ही पालना पड़ता है। इस दौरान महिला जो भी खाद्य पदार्थ खाती है उसका असर उसके पेट में पल रहे बच्चे पर जरूर पड़ता है। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश- सवाल : गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भवती क्या खाए?

जवाब : गर्भवती महिलाओं को अपने सामान्य भोजन के अलावा लगभग 300 कैलोरी अधिक की आवश्यकता होती है। इसके लिए वह साबुत अनाज की रोटी, सब्जियां, फलियां जैसे कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट व दैनिक आहार में तरल पदार्थ और फाइबर की अच्छी मात्रा शामिल करनी चाहिए। महिला को भिन्न-भिन्न रंगों की सब्जियों का लगभग तीन से पांच बार करना चाहिए। जैसे पालक, ब्रोकली में फोलिक एसिड व लौह तत्व होते हैं। इसे वे रोजाना ले सकती है। सवाल : गर्भावस्था की दूसरी व तीसरी तिमाही में गर्भवती क्या खाए?

जवाब : जैसे-जैसे पेट में पल रहा बच्चा बढ़ेगा, वैसे-वैसे भूख भी बढ़ती जाएगी। लेकिन आहार में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है ताकि शिशु के विकास में सहायक सभी पोषक तत्व उसे मिलते रहे। दूसरी तिमाही में गर्भवती को प्रत्येक दिन अलग-अलग सब्जियों को खाए। ध्यान रखें कि प्लेट हमेशा रंग बिरंगे आहार से भरी रहे। कम वसा वाला डेयरी उत्पाद लें। जिससे पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता रहे। सवाल : गर्भावस्था के दौरान गर्भवती मांस खा सकती है या नहीं?

जवाब : पहले गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाएं कुछ भी खा व पी लेती थीं। लेकिन आजकल की महिलाओं में पाचन शक्ति कमजोर होती जा रही है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को मांसाहार से दूरी बनानी चाहिए। फिर भी मांस खाने की इच्छा हो तो लिवर और लिवर के उत्पाद लेने से बचें। क्योंकि इनमें पाए जाने वाले विटामिन ए का स्तर खतरनाक होता है। सवाल : गर्भवती महिला प्रोटीन लेने के लिए क्या खाए?

जवाब : गर्भवती महिला को प्रतिदिन कम से दो बार प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। पनीर जैसे डेयरी उत्पादों के साथ अंडे भी प्रोटीन का एक समृद्ध स्त्रोत हैं। वहीं फलों में पपीता, अनन्नास, बैंगन, काले अंगूर, पत्तागोभी व अधिक मीठा खाना न खाएं। कैफीन वाले किसी भी उत्पाद को सेवन न करें। ज्यादा नमकीन खाद्य पदार्थों को खाने बचें क्योंकि इससे पैरों और उंगलियों में सूजन हो सकती है।

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