ब्रह्मसरोवर परिक्रमा और बरामदों की छत पर गिरी एक-एक बूंद को सहेजेगी केडीबी

एशिया के सबसे व्यवस्थित पवित्र सरोवर ब्रह्मसरोवर के अंदर की परिक्रमा और बरामदों के ऊपर बनी छत पर पड़ने वाली वर्षा के जल का अगर संग्रहण किया जाए तो लाखों लीटर पानी एक साल में रिचार्ज किया जा सकता है। इतना ही नहीं श्रीकृष्णा संग्रहालय में भी वर्षाजल संग्रहण प्रणाली को लागू किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Mar 2021 05:35 AM (IST) Updated:Sun, 28 Mar 2021 05:35 AM (IST)
ब्रह्मसरोवर परिक्रमा और बरामदों की छत पर गिरी एक-एक बूंद को सहेजेगी केडीबी
ब्रह्मसरोवर परिक्रमा और बरामदों की छत पर गिरी एक-एक बूंद को सहेजेगी केडीबी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : एशिया के सबसे व्यवस्थित पवित्र सरोवर ब्रह्मसरोवर के अंदर की परिक्रमा और बरामदों के ऊपर बनी छत पर पड़ने वाली वर्षा के जल का अगर संग्रहण किया जाए तो लाखों लीटर पानी एक साल में रिचार्ज किया जा सकता है। इतना ही नहीं श्रीकृष्णा संग्रहालय में भी वर्षाजल संग्रहण प्रणाली को लागू किया जा सकता है। सहेज लो हर बूंद, अभियान के तहत जब केडीबी मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा से बात की तो उन्होंने न केवल इस अभियान की सराहना की। उन्होंने बताया कि केडीबी ने इसका प्रपोजल सरकार के पास बनाकर भेजा है। ब्रह्मसरोवर व संग्रहालय में वर्षाजल संग्रहण प्रणाली को लगाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

गौरतलब है कि ब्रह्मसरोवर एशिया के सबसे व्यवस्थित सरोवर है और इसकी चार किलोमीटर की परिक्रमा है। सरोवर के चारों ओर न केवल पैदल चलने के लिए लाल पत्थर से पक्के रास्ते का निर्माण किया हुआ है बल्कि ही इसके साथ ही सदरियां भी बनाई गई हैं। जब भी बरसात होती है तो सदरियों और उस रास्ते का पानी बाहर निकाला जाता है। अगर इसे संग्रहित किया जाए तो यह काम आ सकता है। केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि ब्रह्मसरोवर की परिक्रमा और सदरियों की छत से आने वाले साफ पानी को संग्रहित करके धरती के गर्भ में छोड़ना बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इसके लिए एक प्रपोजल बनाकर सरकार के पास भेजा गया है। इससे लाखों लीटर पानी को एक ही साल में भू-गर्भ में छोड़ा जा सकता है। इसके अलावा श्रीकृष्णा संग्रहालय की छत के वर्षाजल को संग्रहित करने का प्रपोजल भी इसी प्रोजेक्ट में बनाकर भेजा गया है।

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