गीता प्रादुर्भाव के साथ बेटी बचाने के लिए भी जानी जाएगी धर्मनगरी

विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी की पहचान अब तक देश प्रदेश में गीता के प्रादुर्भाव से ही होत

By Edited By: Publish:Wed, 07 Dec 2016 03:05 AM (IST) Updated:Wed, 07 Dec 2016 03:05 AM (IST)
गीता प्रादुर्भाव के साथ बेटी बचाने के लिए भी जानी जाएगी धर्मनगरी

विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी की पहचान अब तक देश प्रदेश में गीता के प्रादुर्भाव से ही होती आई है, लेकिन अब इसे एक और बात के लिए जाना जाएगा। ¨लगानुपात में सबसे पिछड़ी धर्मनगरी बेटियों को संरक्षित करने की दिशा में नवंबर माह में प्रदेश के पहले स्थान पर पहुंच गई है। नवंबर में जिले का ¨लगानुपात 1042 दर्ज किया गया है, जो इस वर्ष अब तक प्रदेश में सबसे अधिक ¨लगानुपात है। इस तरह विश्व भर में गीता का ज्ञान बांटने वाली धर्मनगरी ने दूसरे जिलों के सामने एक और इतिहास दर्ज कर दिया है।

धर्मनगरी में 5154 वर्ष पूर्व गीता की उत्पत्ति हुई, जिसकी जयंती आज पूरा विश्व मना रहा है। इसके चलते विश्व भर में गीता चां¨टग (जाप) होगी और पूरे प्रदेश में उत्सव का माहौल है। धर्मनगरी की पहचान अब तक गीता उपदेश की जन्मस्थली से ही होती आई है, लेकिन अब धर्मनगरी को एक और उपलब्धि के लिए जाना जाएगा। धर्मनगरी ने इस वर्ष नवंबर माह में 1000 लड़कों के मुकाबले 1042 लड़कियों का आंकड़ा छूकर एक नया इतिहास बनाया है। ¨लगानुपात में प्रदेश की सूची में सबसे आखिर यानि 21वें नंबर पर रहने वाले धर्मक्षेत्र ने सीधे पहले स्थान पर छलांग लगाई है, जो सभी जिलों के लिए अनुकरणीय साबित होगी। अगर प्रदेश भर में ¨लगानुपात में दूसरे जिलों की बात करें तो दूसरे स्थान पर पंचकूला, तीसरे पर रोहतक और फिर चौथे पर पानीपत रहे हैं। वहीं जींद पांचवें स्थान पर हैं। उपसिविल सर्जन डॉ. आरके सहाय ने बताया कि नवंबर माह कुरुक्षेत्र के लिए भाग्यशाली साबित हुआ है। यही वो माह है जब कुरुक्षेत्र की चर्चा विश्व भर में गीता जयंती महोत्सव के रूप में हो रही है। ऐसे में इसी माह में कुरुक्षेत्र का नाम प्रदेश भर में पहले स्थान पर आना निश्चित रूप से सौभाग्यशाली होने के साथ-साथ एक बहुत बड़ी उपलब्धि भी है और उस पर 21वें स्थान से पहले स्थान पर आना यह बताता है कि जिले के लोग भ्रूण हत्या को अपराध की श्रेणी में रखते हैं और सरकारी स्तर पर इस दिशा में कितने प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सात माह में 17 मामले दर्ज करा गए हैं, जिनमें करीब 70 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके अलावा ¨लग जांच का मामला अगर किसी दूसरे राज्य में भी होने के बारे में पता लगता है तो विभाग की टीम त्वरित कार्रवाई करते हुए वहां भी छापामारी करने से पीछे नहीं हटती, क्योंकि उनके लिए प्रत्येक बच्ची की जान अनमोल है।

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नवंबर माह में प्रदेश के टॉप फाइव जिले

कुरुक्षेत्र 1042

पंचकूला 945

रोहतक 940

पानीपत 933

जींद 951

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