गीता द्वार पर दूषित पानी की निकासी से सुंदरता पर ग्रहण

पिपली में धर्मनगरी के मुख्य प्रवेश द्वार गीता द्वार के समीप बने नाले की बदतर हालत गीता द्वार की सुंदरता को ग्रहण लगा रही है। हालात इतने बदतर हैं कि नालों से निकला दूषित पानी सड़क पर आ चुका है। जिसके चलते धर्मनगरी में आने वाले पर्यटक व श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Dec 2021 05:00 PM (IST) Updated:Thu, 30 Dec 2021 05:00 PM (IST)
गीता द्वार पर दूषित पानी की निकासी से सुंदरता पर ग्रहण
गीता द्वार पर दूषित पानी की निकासी से सुंदरता पर ग्रहण

फोटो-6 -पर्यटक व श्रद्धालुओं की भावनाएं हो रही आहत संवाद सहयोगी, पिपली : पिपली में धर्मनगरी के मुख्य प्रवेश द्वार गीता द्वार के समीप बने नाले की बदतर हालत गीता द्वार की सुंदरता को ग्रहण लगा रही है। हालात इतने बदतर हैं कि नालों से निकला दूषित पानी सड़क पर आ चुका है। जिसके चलते धर्मनगरी में आने वाले पर्यटक व श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। इतना ही नहीं समीपवर्ती दुकानदार भी नाले की बदहाली से काफी दुखी हैं। नाले की इस बदतर हालत का मुख्य कारण नालों में दूषित पानी की निकासी न होना बताया जा रहा है। हालांकि प्रशासन ने नालों की सुध लेते हुए नालों को चुस्त दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन इसके बाद भी हालात अभी सुधरे नहीं हैं।

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में जीटी रोड पिपली में गीता द्वार बनाया गया है। यहां दूषित पानी की निकासी के लिए नाले का निर्माण किया गया था। नाले का निर्माण उस समय पिपली के लोगों ने संघर्ष कर करवाया था। गुलजारी लाल नंदा मार्ग के साथ निकल रहा यह नाला पुलिस लाइन तक आता है। विडंबना यह है कि दूषित पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था के लिए नाले के निर्माण के समय स्थायी प्रबंध नहीं किया गया। इस कारण नाले के पानी की निकासी नहीं हो पाती और नाला अवरुद्ध हो जाता है। इतना ही नहीं नाले के अंदर समीपवर्ती दुकानदार व सफाई कर्मी गंदगी डाल देते हैं। यह अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। वहीं गंदा पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। जिससे बीमारियां फैलने का अंदेशा बना रहता है। नाले से निकली गंदगी सड़क पर आने के चलते ऐसा लगता है मानो सारा क्षेत्र गंदगी से सराबोर हो। नाले के आसपास घास उगी हुई है। जिसे देखकर लगता है कि प्रशासन ने कभी भी इस घास को उखाड़ने का प्रयास नहीं किया।

चकाचक करने का दावा अधूरा

कुछ दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रशासन का पिपली की समस्याओं की लेकर कोई ध्यान नहीं है। पिपली के लोगों को रामभरोसे छोड़ा गया है। उनका कहना है कि प्रशासन गीता द्वार को चकाचक करने का दावा तो कर रहा है, लेकिन हालात इसके विपरीत हैं। गीता द्वार के पास प्राय: गंदगी पड़ी रहती है। सफाई कर्मी कभी कभार नाले की सफाई कर देता है। नतीजन नाला लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। समस्या जल्द हल कराएंगे

पिपली के बीडीपीओ साहब सिंह ने बताया कि दूषित पानी की निकासी नाले से नहीं हो पा रही है। उन्होंने नाले की सफाई के लिए कई मजदूर लगाए हैं। मंगलवार और बुधवार को भी सफाई कराई गई है। लोगों को किसी तरह की समस्या नहीं आने दी जाएगी।

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