ग्रुप-डी के अभ्यर्थी घंटों करते रहे मुख्यमंत्री का इंतजार, निराश लौटे

बगैर खर्ची व पर्ची के मनोहर राज में हुई ग्रुड-डी की परीक्षा पास कर चुके अभ्यार्थी डेढ़ साल बाद भी नौकरी के लिए भटक रहे हैं। अलग-अलग जिलों से उम्मीदवार यहां मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए पहुंचे थे लेकिन निराश होकर लौटना पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Jun 2020 05:56 PM (IST) Updated:Thu, 25 Jun 2020 05:56 PM (IST)
ग्रुप-डी के अभ्यर्थी घंटों करते रहे मुख्यमंत्री का इंतजार, निराश लौटे
ग्रुप-डी के अभ्यर्थी घंटों करते रहे मुख्यमंत्री का इंतजार, निराश लौटे

जागरण संवाददाता, करनाल : बगैर खर्ची व पर्ची के मनोहर राज में हुई ग्रुप-डी की परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थी डेढ़ साल बाद भी नौकरी के लिए भटक रहे हैं। अलग-अलग जिलों से उम्मीदवार यहां मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए पहुंचे थे लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। उम्मीदवारों का आरोप है कि वाहवाही बटोरने वाली सरकार में परीक्षा पास करने के बावजूद वे डेढ़ साल से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं, जबकि विभागों में काफी सीटें खाली पड़ी हैं। उम्मीदवार कुलदीप शर्मा, मनदीप कुमार, धर्मेंद्र ने बताया कि मनोहर सरकार ने चतुर्थ श्रेणी पद पर चयन होने के बाद ज्वाइंन नहीं करने वाले उम्मीदवारों को मौका दिया गया, जबकि वेटिग वाले उम्मीदवारों की सुध नहीं ली जा रही है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि चुनाव भुनाने के लिए भाजपा सरकार ने जल्दबाजी में उम्मीदवारों को नियुक्ति करवा दी, जबकि बाद में दस्तावेजों की खामियों के चलते सीटें खाली पड़ी हैं। ऑनलाइन के युग में ग्रुप-डी उम्मीदवारों को लंबे समय तक इंतजार कराया जा रहा है। बता दें कि हरियाणा में बड़े पैमाने पर चतुर्थ श्रेणी (ग्रुप-डी) पद पर युवाओं की भर्ती की थी। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 19 जनवरी 2019 को चतुर्थ श्रेणी के 18218 पदों के परिणाम घोषित कर दिए थे। लेकिन कई युवाओं ने चतुर्थ श्रेणी पद पर चयनित होने के बाद ज्वाइन नहीं किया। ऐसे में मेरिट लिस्ट में वेटिग उम्मीदवारों को रोजगार की आस बंधी थी।

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