नहर पर घाट बनवाने के लिए सिचाई विभाग के खिलाफ ग्रामीणों ने जताया रोष

पश्चिमी यमुना नहर और एसवाईएल डाइवर्जन नहर पर पशुओं के लिए घाट न बनाने पर गांव घोघड़ीपुर के ग्रामीणों ने नहर पर एकत्रित होकर जमकर बवाल काटा और घाट बनाने की जोरदार मांग की। प्रदर्शन में गांव की 36 बिरादरी के लोग शामिल रहे। इस मौके पर महिलाओं की काफी संख्या मौजूद रही।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 19 Dec 2019 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 19 Dec 2019 07:00 AM (IST)
नहर पर घाट बनवाने के लिए सिचाई विभाग के खिलाफ ग्रामीणों ने जताया रोष
नहर पर घाट बनवाने के लिए सिचाई विभाग के खिलाफ ग्रामीणों ने जताया रोष

जागरण संवाददाता, करनाल : पश्चिमी यमुना नहर और एसवाईएल डाइवर्जन नहर पर पशुओं के लिए घाट न बनाने पर गांव घोघड़ीपुर के ग्रामीणों ने नहर पर एकत्रित होकर जमकर बवाल काटा और घाट बनाने की जोरदार मांग की। प्रदर्शन में गांव की 36 बिरादरी के लोग शामिल रहे। इस मौके पर महिलाओं की काफी संख्या मौजूद रही। इस दौरान ग्रामीणों ने नहरी और सिचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। सूचना मिलने पर नहरी विभाग के जेई पीयूष ढुल ने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को दो सौ फीट का लंबा घाट बनवाने का आश्वासन देकर ग्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीणों ने दो सौ फीट की बजाय कम छह फीट का दोनों नहरों पर घाट बनाए का मामला उठाया। ग्रामीणों ने गांव की आबादी और पशुओं की संख्या के आधार पर बड़े घाट बनाने का तर्क दिया।

गौरतलब है कि पश्चिमी यमुना नहर के दोनों के किनारों को पक्का किए जाने का कार्य चला हुआ है। जेई ढुल ने ग्राम पंचायत से बड़ा घाट बनवाने के लिए प्रस्ताव दिलाने की बात कही, ताकि बड़े अधिकारियों के संज्ञान में ये मामला लाया जा सके। ग्रामीण ने सहमति जताते हुए ग्राम पंचायत से प्रस्ताव करवाने की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि जल्द ही इस संबंध में प्रस्ताव नहरी विभाग को भेज दिया जाएगा।

हलका विधायक से घाट के लिए बात करने पर उखड़े ग्रामीण

विभाग के जेई पीयूष ढुल ने जैसे ही ग्रामीणों को हलका विधायक हरविद्र कल्याण से घाट बनवाने के लिए बात करने की सलाह दी, तो ग्रामीण उखड़ गए। ग्रामीणों ने कहा कि घाट बनाने के मामले को राजनीति से दूर रखे। उन्होंने कहा कि विधायक गांव के घाट बनाने से मना कर रहे हैं क्या? जनहित में घाटों का बनाया जाना अनिवार्य है, क्योंकि इस नहर पर अंग्रेजों के शासनकाल से घाट बना हुआ था। घाटों के मामले को राजनीति से दूर रखा जाए।

जल्द घाट नही बनाए तो नहर के निर्माण कार्य को रोक देंगे

ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर विभाग ने जल्द ही घाटों के निर्माण कार्य को शुरू नहीं किया तो ग्रामीण आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। घाट न बनाने की सूरत में अगर नहर का निर्माण कार्य भी रोकना पड़ा तो ग्रामीण अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगे।

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