मंत्री ने जिन जिम्मेदारों के खिलाफ दिए थे एफआइआर के निर्देश वह पा गए प्रमोशन
सरकार का आदेश है कि लोहे के खंभों को तुरंत बदल दिया जाए। यह आदेश बिजली निगम के चीफ जनरल मैनेजर कमर्शियल पंचकूला ने पत्र नंबर सीएच -18/55-403/324/सीएम अनाउंसमेंट/सीजीएम/सी-1 के तहत दिए गए हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : सरकार का आदेश है कि लोहे के खंभों को तुरंत बदल दिया जाए। यह आदेश बिजली निगम के चीफ जनरल मैनेजर कमर्शियल पंचकूला ने पत्र नंबर सीएच -18/55-403/324/सीएम अनाउंसमेंट/सीजीएम/सी-1 के तहत दिए गए हैं। लेकिन आदेश की पालना की ओर ध्यान नहीं दिया गया। करनाल में तो ऐसा ही हो रहा है। यहां निगम अधिकारियों ने खंभे हटाने की दिशा में काम नहीं किया। जब जनता रॉक्स ट्रस्ट ने इस संबंध में आवाज उठाई तो अधिकारियों ने उन्हें भी गलत जानकारी दे दी। इससे पहले ट्रस्ट के अध्यक्ष कार्तिक गांधी ने अक्टूबर 2018 में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में तत्कालीन श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सैनी को शिकायत दर्ज कराई थी। तब सैनी ने आदेश दिए थे कि 15 दिन में खंभे हटने चाहिए। इस अवधि में खंभे नहीं हटाए गए तो निगम अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाए। बैठक के नौ माह बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। गांधी ने बताया कि तब यहां एसई के पद पर एके रहेजा कार्यरत थे। उन्होंने मंत्री के आदेश पर भी काई कार्रवाई नहीं की। अब होनी तो उनके खिलाफ एफआइआर थी लेकिन उन्हें प्रमोशन मिल गई।
आरटीआइ लगाई तो मिली आधी-अधूरी जानकारी
कार्तिक गांधी ने बताया कि 3 जनवरी 2019 को बिजली निगम में आरटीआइ लगाई गई थी। इसमें पूछा गया था कि अब तक सीएम व तत्कालीन मंत्री नायब सैनी के आदेश पर करनाल जिले में कितने खंभे हटाए गए हैं। लेकिन जानकारी आधी-अधूरी मुहैया कराई। इसके बाद वह प्रथम अपील करने गए थे। अपील सुनने वाले भी वह थे, जो इस मामले में लापरवाही बरत रहे थे। फिर जानकारी मिली कि कुछ खंभे ही बदले गए हैं और काम अभी लंबित है। यह जानकारी भी मांगी गई थी तत्कालीन एसई एके रहेजा पर खंभे नहीं बदलने पर कितनी एफआइआर दर्ज हुई हैं। यह जानकारी भी नहीं दी गई। इसके बाद राज्य सूचना आयोग ने द्वितीय अपील के बाद बिजली निगम इस संबंध में करनाल पुलिस से जानकारी लेकर कार्तिक गांधी को मुहैया कराए।
सरकार के आदेशों पर कोताही क्यों बरती गई? होनी चाहिए जांच
गांधी ने बताया कि सरकार का यह आदेश जनता के हित को देखते हुए था। बिजली के खंभों में करंट आने से हादसा होने का हर वक्त अंदेशा बना रहता है। यही वजह रही कि सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे। इसके बाद भी निगम के कर्मचारियों व अधिकारियों ने सरकार के इन आदेशों की पालना की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने मांग की कि इस मामले की जांच विजिलेंस से करानी चाहिए। इसमें यह तय किया जाए कि क्यों सरकार के आदेश की पालना नहीं हुई।
दूसरा जब मंत्री ने कष्ट निवारण समिति की बैठक में खंबे बदलने के आदेश दिए, न बदला जाने की सूरत में एफआइआर के आदेश दिए, तो क्यों अब तक एफआइआर दर्ज हुई।