मंत्री से मुलाकात नहीं होने पर बिफरे किसान तो मनाने में जुटी सरकार

शुगर मिल के नवीनीकरण का काम लटकाए जाने से खफा भारतीय किसान यूनियन ने पहले गांधी चौक पर धरना दिया। ग्रीवेंसिज कमेटी की मीटिग के बारे में जानकारी मिली तो किसान वहां पहुंच गए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Aug 2019 09:11 AM (IST) Updated:Sun, 11 Aug 2019 09:11 AM (IST)
मंत्री से मुलाकात नहीं होने पर बिफरे किसान तो मनाने में जुटी सरकार
मंत्री से मुलाकात नहीं होने पर बिफरे किसान तो मनाने में जुटी सरकार

जागरण संवाददाता, करनाल : शुगर मिल के नवीनीकरण का काम लटकाए जाने से खफा भारतीय किसान यूनियन ने पहले गांधी चौक पर धरना दिया। ग्रीवेंसिज कमेटी की मीटिग के बारे में जानकारी मिली तो किसान वहां पहुंच गए। मंत्री से मिलने का प्रशासन से आग्रह किया, लेकिन कोई रास्ता नहीं दिया। किसान कई घंटे इंतजार करते रहे, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर मीटिग के बाहर ही नारेबाजी शुरू कर दी। बैठक से उठकर आए एसडीएम नरेंद्र पाल ने किसानों को समझाया, लेकिन किसानों ने कहा, यह तानाशाही रवैया है। साढ़े चार घंटे इंतजार किया है बस अब ओर नहीं। किसान रोड जाम करने की धमकी देकर आगे बढ़े तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। एसडीएम, तहसीलदार व पुलिस प्रशासन किसानों को रोकने के लिए आगे पहुंचा, उन्हें मनाने का प्रयास किया। लेकिन नहीं माने। किसान आगे-आगे चलते रहे, उसके पीछे सरकारी अधिकारी व नेता भी दौड़ लगाते नजर आए। प्रशासन ने तर्क दिया कि बैठक खत्म नहीं हुई है उसके बाद ही मुलाकात कराएंगे। लेकिन किसानों ने अधिकारियों के इस आश्वासन को नहीं माना। किसान नारेबाजी करते हुए गांधी चौक पर पहुंचे और वापस सड़क के बीच वहीं पर धरना दे दिया। घटना की जानकारी राज्यमंत्री कृष्ण बेदी को दी गई।

धरना स्थल पर पहुंचे राज्यमंत्री

बैठक खत्म होने के बाद वह धरना स्थल पर पहुंचे ओर किसानों की बातों को गहनता से सुना। यहां पर किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा चीनी मिल का शिलान्यास करने के एक साल नौ महीने गुजरने के बाद आज तक एक भी पत्थर नहीं लगा हैं। उनके पास जानकारी हैं कि सरकार ने टेंडर निरस्त कर दिया हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं हैं। चीनी मिल का नवीनीकरण जल्द होगा। उन्होंने बताया कि इस मामले में मंगलवार को वह जानकारी एकत्रित कर किसानों को जानकारी देंगे। कृष्ण बेदी ने कहा कि वह आश्वासन नहीं बल्कि इस पूरे मामले को स्पष्ट करेंगे। यह किसानों के हित का मामला है।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी