डिटर्जेंट से दूध में पकड़ी जाएगी मिलावट

अश्विनी शर्मा, करनाल : एनडीआरआइ ने डिटर्जेंट से दूध में मिलावट को पकडऩे का तोड़ निकाल दिया है। यह डेयरी क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह विधि देश के तीन बड़े संस्थानों को दी जाएगी। नकली दूध बनाने में यूरिया, स्टार्च, ग्लूकोज, चीनी, हाइड्रोजन परऑक्साइड, डिटरजेंट, नाइट्रेट व नमक और दूध को कई घंटों तक फटने से बचाने के लिए न्यूट्रलाइजर का इस्तेमाल किया जाता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 16 Jun 2015 08:03 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jun 2015 08:24 PM (IST)
डिटर्जेंट से दूध में पकड़ी जाएगी मिलावट

एनडीआरआइ ने ईजाद की किट, घरों में इस्तेमाल की इजाजत नहीं

अश्विनी शर्मा, करनाल : एनडीआरआइ ने डिटर्जेंट से दूध में मिलावट को पकडऩे का तोड़ निकाल दिया है। यह डेयरी क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह विधि देश के तीन बड़े संस्थानों को दी जाएगी। नकली दूध बनाने में यूरिया, स्टार्च, ग्लूकोज, चीनी, हाइड्रोजन परऑक्साइड, डिटरजेंट, नाइट्रेट व नमक और दूध को कई घंटों तक फटने से बचाने के लिए न्यूट्रलाइजर का इस्तेमाल किया जाता है।

सिंथेटिक दूध बनाने में डिटर्जेंट का सबसे ज्यादा प्रयोग होता है। डिटर्जेंट को छोड़कर अन्य तरीकों से होने वाली मिलावट को पकडऩे की विधि संस्थान ने ईजाद कर ली थी। इसे संस्थान ने चुनौती के रूप में लिया और आखिरकार सफल प्रयोग करते हुए नई विधि हासिल कर ली। वैज्ञानिक डॉ. राजन शर्मा ने कहा कि यह विधि संस्थान के निदेशक डॉ. एके श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में ईजाद की गई है। इस विधि को मदर डेयरी, राजस्थान कॉरपोरेशन डेयरी फेडरेशन व हैव मोर कंपनी को दी जाएगी।

मिलावट पकड़ने की विधि

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ने नकली दूध पकडऩे की किट ईजाद की हुई है। इसके साथ मिलने वाले कुछ तत्वों की वजह से वैज्ञानिक इसे घरों में इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देते हैं। अलबत्ता इसे दूध के व्यापारी व बड़े डेयरी संचालक इस्तेमाल कर सकते हैं।

किट के इस्तेमाल से दूध में क्या मिलाया गया है, यह पता चल जाता है। यदि दूध में यूरिया मिलाया गया तो किट इस्तेमाल करते ही दूध का रंग पीला हो जाएगा। स्टार्च पाए जाने पर, ग्लूकोज मिलाने पर, हाइड्रोजन परऑक्साइड की मिलावट होने पर, तालाब का पानी होने पर रंग नीला, चीनी मिलने पर रंग लाल, न्यूट्रलाइजर मिलाने पर रंग गुलाबी व नमक की मिलावट होने पर दूध का रंग लाल हो जाता है।

किट के इस्तेमाल से असली घी में वनस्पति की मिलावट पकड़ी जा सकती है। यदि घी में वनस्पति की मिलावट की गई तो उसका रंग गुलाबी हो जाएगा।

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