पहले भी बच्चों को बाइक पर बैठाकर ले जाता था नहर में फेंकने, पर बाद में लौट आता था

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By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 10:04 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 10:04 PM (IST)
पहले भी बच्चों को बाइक पर बैठाकर ले जाता था नहर में फेंकने, पर बाद में लौट आता था
पहले भी बच्चों को बाइक पर बैठाकर ले जाता था नहर में फेंकने, पर बाद में लौट आता था

फोटो 5,6,7,8,12,13,15,16 सेवा सिंह, करनाल : पत्नी के चरित्र पर शक से शुरू हुई सुशील के प्रतिशोध की ज्वाला को नशे की लत ने और भी भड़का दिया, जिसकी बलि तीन मासूम भाई-बहन चढ़ गए। घरेलू कलह के बीच पहले घर में पत्नी के साथ झगड़ा व मारपीट करते हुए कई बार आठ साल के शिव कुमार, पांच साल की जाह्नवी और चार साल के देव को नहर में फेंकने की धमकी देता था। गुस्से में वह कई बार उन्हें बाइक पर लेकर जाता लेकिन कुछ देर बाद उन्हें वापस ले आता था। मासूम पिता व मां के बीच बढ़ते क्लेश को देख सहम जाते थे लेकिन जब स्थिति सामान्य होती तो वे फिर खेलने लगते। क्या पता था कि एक दिन पिता उन्हें इतनी बेरहमी से नहर में फेंक ही देगा।

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नहीं आया रहम, चिल्लाते रहे मासूम

ग्रामीणों की मानें तो सुशील कुमार के सिर पर बच्चों की जिदगी खत्म करने का जुनून था। वह एक दुकान के बाहर खड़ी बाइक पर तीनों बच्चों को बैठा ले गया। गांव कलवेहड़ी के पास आवर्धन नहर की ओर जाते हुए सैर कर रहे गांव सुबरी के तीन युवकों ने उसे देखा तो बच्चे बुरी तरह चिल्ला रहे थे। वे पीछा करने लगे थे कि आरोपित ने पुल पर बाइक रोकते ही तीनों को गेंद की तरह नहर में फेंक दिया, जिसकी आवाज उन्होंने सुनी तो वे सहम गए। उन्होंने नलीपार में सूचना दी, जिसके बाद नहर पर भीड़ जमा हो गई लेकिन इससे पहले आरोपित वापस घर पहुंच गया, जहां बुजुर्ग पिता चरण सिंह ने बच्चों के बारे में पूछा तो उसने स्पष्ट कहा कि नहर में फेंक आया। स्वजनों की मानें तो मासूम बच्चों के कोमल चेहरे देख भी उसे रहम नहीं आया।

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पति की बाइक के पीछे दौड़ी पत्नी तो पड़ोसी भी आए हरकत में

मासूमों की ताई ममता के अनुसार सुशील गन्ने के जूस की रेहड़ी लगाता था। सोमवार को उसने करीब दो घंटे बाद ही रेहड़ी वापस घर में खड़ी कर दी और पत्नी से झगड़ने लगा। शाम को खाना खाया तो फिर क्लेश कर दिया। रात करीब साढ़े नौ बजे वह क्लेश के बीच ही तीनों बच्चों को बाइक पर बैठाकर ले गया। पत्नी ने बच्चे छुड़ाने के लिए पीछा किया, लेकिन बाइक पकड़ी नहीं जा सकी। स्थिति भांप वह कुंजपुरा थाने की ओर पैदल ही दौड़ पड़ी, जिसे भतीजे विवेक ने रोकने का प्रयास किया लेकिन बाद में वही उसे थाने ले गया, जहां उसने पति की हरकत बताई। तब तक लोगों की ओर से भी पुलिस के पास सूचना पहुंच चुकी थी। सुशील के भाई अनिल व अमित घटना के वक्त मजदूरी कर वापस नहीं लौटे थे जबकि पड़ोस के लोगों ने झगड़े को भी हर रोज की तरह सामान्य मान लिया, लेकिन कुछ ही समय बाद जब मामला गंभीर दिखा तो वे भी बाइक उठाकर सुशील के पीछे दौड़े। तब तक सुशील बच्चों को नहर में फेंक चुका था। आरोपित सुशील ने ड्रामा करने का भी प्रयास किया और खुद के कपड़े भी पानी में भिगो लिए। वह वापस घर पहुंचा और कपड़े बदलने के बाद फिर फरार हो गया।

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