सिरदर्द बनी ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया दाखिले को तरस रहे मेधावी

प्रिसिपल मैडम! मुझे कॉलेज में दाखिला दिला दो। डेढ़ माह से मैं आपके कॉलेज में दाखिला लेने के लिए चक्कर लगा रही हूं। कक्षाएं शुरू हो गई हैं और अभी तक मुझे एडमिशन नहीं मिला है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Jul 2019 06:47 AM (IST) Updated:Wed, 17 Jul 2019 06:47 AM (IST)
सिरदर्द बनी ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया दाखिले को तरस रहे मेधावी
सिरदर्द बनी ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया दाखिले को तरस रहे मेधावी

जागरण संवाददाता, करनाल : प्रिसिपल मैडम! मुझे कॉलेज में दाखिला दिला दो। डेढ़ माह से मैं आपके कॉलेज में दाखिला लेने के लिए चक्कर लगा रही हूं। कक्षाएं शुरू हो गई हैं और अभी तक मुझे एडमिशन नहीं मिला है। मैंने बारहवीं में अच्छे नंबर लिये हैं और अब बीएससी नॉन-मेडिकल की पढ़ाई आपके कॉलेज से ही करनी है। यह अपील गांव उमरपुर की अव्वल छात्रा मुस्कान की है। मुस्कान अपने माता-पिता के साथ सुबह से ही केवीएडीएवी महाविद्यालय की प्रिसिपल डॉ. सुजाता गुप्ता के कार्यालय में पहुंची थी।

उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की आधी-अधूरी योजनाओं से अंजान मुस्कान निराश है और किसी को दोषी कहने की अभी उसमें समझ नहीं हैं। वह पढ़ना जानती है और शिक्षा में उसके पास बेहतर नंबर हैं। अगर वह चाहे तो किसी भी कॉलेज में उसे दाखिला मिल सकता है, लेकिन उसकी इच्छा केवीएडीएवी में दाखिला लेने की है जो उसका सपना था।

उच्चतर शिक्षा विभाग की चौपट व्यवस्था का शिकार केवल मुस्कान ही नहीं बल्कि जिले में बहुत से विद्यार्थी हैं जिन्हें काबलियत के बावजूद दाखिले के लिए प्राचार्यों के आगे हाथ जोड़ने पड़ रहे हैं। 16 जुलाई को फिजिकल काउंसिलिग के तहत भी विद्यार्थियों को दाखिला नहीं मिल रहा है। अभिभावकों को अपने बच्चों के करियर की चिता सता रही है और विद्यार्थी को समस्या को सुलझाने के लिए सभी ने हाथ खड़े कर दिए हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ रख कर प्रयोगों के जरिए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने पर तुले हैं। 8 जून से मेधावी विद्यार्थी इच्छा के कॉलेज में दाखिले के लिए प्रयास कर रहे हैं। लाचार दिख रहे कॉलेज प्राचार्य भी अपने स्तर पर केवल उच्चाधिकारियों को मेल से अपील करने तक ही सीमित हैं। नॉन-मेडिकल में दाखिले को भटक रही नैनसी

केवीएडीएवी में ही पिता के साथ पहुंची इंद्री के गांव छपरियो में रहने वाली नैनसी नॉन-मेडिकल की पढ़ाई करना चाहती है। री-अपीयर स्टूडैंट है और दाखिले के लिए काबिलियत भी रखती है बावजूद अभी तक दाखिला नहीं मिला। नैनसी का कहना है कि आवेदन करने के बाद आज उम्मीद भी दाखिला मिल जाएगा। इसके लिए राजकीय महिला कॉलेज में गई जहां एडमिशन मंजूर भी कर दिया। जब काउंटर पर गई तो ऑनलाइन प्रक्रिया के चलते पोर्टल में सब्जेक्ट न दिखाने पर आवेदन वापिस कर दिया गया। अब केवीएडीएवी में भी दो घंटे से प्रिसिपल व शिक्षकों के पास कोई रास्ता निकालने के लिए अपील कर रही हूं। ऑनलाइन में नहीं कॉलेज अपडेट करने की सहूलियत

उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से इस बार कॉलेजों में ऑनलाइन दाखिले पर किया गया प्रयोग फेल साबित हो रहा है। आवेदन में पहले तो पांच कॉलेज भरने जरूरी हैं और बाद में उसे अपडेट करने की कोई ऑप्शन भी नहीं है। अब अगर स्टूडेंट पांच के अलावा अन्य कॉलेज में दाखिला लेना चाहता है तो उसके पास कोई रास्ता नहीं है। आवेदन के समय की गल्ती को सुधारने के लिए विद्यार्थी के पास अब कोई रास्ता नहीं है। मेरिट के आधार पर पोर्टल की ओर से जारी कॉलेज में विद्यार्थी दाखिला लेना नहीं चाहते और मर्जी के कॉलेज में दाखिला मिल नहीं रहा। मेरिट में चयन की प्रक्रिया को न तो अभी तक विद्यार्थी समझ सके हैं और न ही प्राचार्य। पहेली बनी ऑनलाइन प्रक्रिया में री-अपीयर वाले स्टूडेंट को बिना पसंद वाले कॉलेज में जाने को मजबूर हैं और वहां भी दाखिले की कोई गारंटी नहीं है क्योंकि पोर्टल पर कोर्स डिस्प्ले नहीं हो रहा है। ---बॉक्स----

केवीएडीएवी प्रिसिपल सुजाता गुप्ता ने बताया कि ऑनलाइन के समय कुछ विद्यार्थियों को कॉलेज का नाम डीएवी भरने के चलते दिक्कत आई है। अब उनके दाखिले के लिए उच्चतर विभाग को मेल की गई है। अगर कॉलेज अपडेट करने की ऑप्शन मिलता है तो लड़कियों को जरूर दाखिला दिलाया जाएगा। अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं कि बच्चों को पसंद के कॉलेज में दाखिला मिले। वहीं डीएवीपीजी के प्रिसिपल रामपाल सैनी ने बताया कि आवेदन के समय पांच कॉलेज में अगर कोई विद्यार्थी दाखिला नहीं लेना चाहता है तो वह नए सिरे से आवेदन फार्म भर कर दाखिला ले सकता है। ओपर फिजिकल काउंसिलिग में आज दाखिले लिए गए हैं अब सीट बचने पर री-अपीयर वाले स्टूडेंट के दाखिले किए जाएंगे। राजकीय कन्या महाविद्यालय प्रिसिपल अनुराधा पूनिया ने बताया कि विभाग की ओर से दाखिलों की संख्या जो भेजी गई वह सही नहीं थी, जिसके चलते लिस्ट जारी करने में देरी हुई। बच्चों के दाखिले किए गए हैं और बाकि बची हुई सीटों पर भी मेरिट के आधार पर दाखिले किए जाएंगे।

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