मनिंदर को नसीब होगी भारत की मिट्टी, दुनिया दे रही चंदा

अमेरिका में लुटेरों की गोली का शिकार बने असंध के उपलाना वासी मनिदर का शव भारत लाने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। मनिदर के परिवार की मदद के लिए पूरी दुनिया से हाथ उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर चलाई गई मुहिम रंग ला रही है। अब तक करीब 25 लाख 48 हजार 581 रुपये (35 हजार 535 अमेरिकी डॉलर) जुटा ली गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Feb 2020 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 26 Feb 2020 07:00 AM (IST)
मनिंदर को नसीब होगी भारत की मिट्टी, दुनिया दे रही चंदा
मनिंदर को नसीब होगी भारत की मिट्टी, दुनिया दे रही चंदा

संवाद सहयोगी, असंध (करनाल): अमेरिका में लुटेरों की गोली का शिकार बने असंध के उपलाना वासी मनिदर का शव भारत लाने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। मनिदर के परिवार की मदद के लिए पूरी दुनिया से हाथ उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर चलाई गई मुहिम रंग ला रही है। अब तक करीब 25 लाख 48 हजार 581 रुपये (35 हजार 535 अमेरिकी डॉलर) जुटा ली गई। इससे मनिदर के माता-पिता की अपने इकलौते बेटे के अंतिम दर्शन की आस को नया बल मिला है। इधर, मनिदर के स्वजनों ने अमेरिका से उसका शव भारत लाने के लिए हरियाणा सरकार के माध्यम से आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी है।

असंध क्षेत्र के युवा मनिदर की 22 फरवरी की रात अमेरिका के कैलिफोर्निया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तभी से इस दुखद घटनाक्रम से बेहद आहत स्वजन मनिदर का शव भारत लाने का इंतजार कर रहे हैं। परिवार की माली हालत अच्छी नहीं होने के कारण वे मायूस हैं। उन्होंने भारत सरकार से भी इसमें मदद की गुहार लगाई तो सोशल मीडिया के माध्यम से यह खबर पूरी दुनिया में फैल गई।

मनिदर के शव को अमेरिका से भारत लेकर आने के लिए अमेरिका में रह रहे उसके ममेरे भाई हरप्रीत सिंह ने फेसबुक पर गोफंड पेज बनाया, जिस पर चंदा देने की अपील की गई है।

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भागने के प्रयास में मार दी गोली

मनिदर के करीबी रिश्तेदार जोधवीर ने बताया कि इस घटनाक्रम में कुछ अहम जानकारियां सामने आई हैं। विदेश के संपर्क से पता चला है कि घटना के समय स्टोर में एक अश्वेत चोरी के इरादे से घुसा था, तभी वहां कॉफी पीने के लिए दो ग्राहक भी आए थे। उन्होंने इरादे भांपे तो बदमाश उन्हें धमकाने लगा। इसी बीच उसे मनिदर दिखा। उसे लगा कि कहीं मनिंदर इमरजेंसी बटन दबाकर दरवाजा लॉक न कर दे, इसलिए उसने उसे गोली मार दी। वहां की पुलिस के मुताबिक मनिदर को करीब पांच फीट छह इंच की दूरी से गोली मारी गई। मनिदर को 13 डॉलर प्रति घंटे की दर से सैलरी मिलती थी। वह जब विदेश गया था तो उसके साथ 21 लोग थे, जिनमें से बाकी बीच राह पकड़े जाने पर जेल में रह गए। केवल उसी को अमेरिका जाकर काम करने का मौका मिल सका। हत्यारे ने स्टोर से लगभग 7252 डॉलर चुराए हैं। डीसी से मिले स्वजन

मंगलवार को मनिदर के स्वजन कमलप्रीत के साथ करनाल के उपायुक्त निशांत यादव से मिले और उनसे मदद मांगी। उन्होंने इस बाबत आश्वस्त किया। स्वजनों ने बताया कि शव लाने में करीब 25 लाख रुपये और दस दिन का समय लगेगा। मनिदर की मा सरबजीत और पत्नी अमनदीप ने प्रदेश सरकार से भी मदद की गुहार लगाई है। मनिदर की बेटी सीरत ने भी रोते हुए कहा कि-डैडी जी, जल्दी आ जाओ। बेटी को रोता देख सभी की आंखें नम हो गई। विदेश में रह रहे कई युवकों ने फोन के माध्यम से परिवार की हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।

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