लगातार मर रही मुर्गियां, दबाने के लिए जगह कम

फोटो 404142 संवाद सहयोगी घरौंडा बर्ड फ्लू के कारण पोल्ट्री उद्योग खतरे में है। कोह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 06:11 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 06:11 AM (IST)
लगातार मर रही मुर्गियां, दबाने के लिए जगह कम
लगातार मर रही मुर्गियां, दबाने के लिए जगह कम

संवाद सहयोगी, घरौंडा : बर्ड फ्लू के कारण पोल्ट्री उद्योग खतरे में है। कोहंड के कैलाश पोल्ट्री फार्म के बाद अब ओम रावल पोल्ट्री फार्म पर पिछले 10 दिन में 50 हजार मुर्गियों की मौत हो चुकी है। क्षेत्र में लाखों की संख्या में मुर्गिया मर रही हैं और यह सिलसिला थम नहीं रहा है। आलम यह है कि पोल्ट्री मालिकों को मृत मुर्गियां दबाने के लिए न तो जगह और न ही लेबर मिल रही है। पशुपालन विभाग की खानापूर्ति वाली कार्रवाई से पोल्ट्री मालिकों में रोष है। आरोप है कि पशुपालन विभाग के अधिकारी आते हैं और औपचारिकता निभाते हुए बाहर से ही निकल जाते हैं। जिला प्रशासन की प्रारंभिक जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बावजूद ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।

कोहंड के कैलाश पोल्ट्री फार्म पर 65 हजार मुर्गियों की मौत हो चुकी है। अब ओम पोल्ट्री फार्म पर भी 50 हजार मुर्गियों की मौत हो चुकी है। बर्ड फ्लू की वजह से हो रही मुर्गियों की मौत से पोल्ट्री मालिक सकते में हैं। उनके सामने ही मुर्गियों की मौत हो रही है। 24 घंटे के अंदर कैलाश पोल्ट्री फार्म से लगभग 800 मुर्गियों की मौत हुई जबकि इसी दौरान ओम पोल्ट्री फार्म मुर्गियों की मौत का आंकड़ा एक हजार पार कर गया। ओम पोल्ट्री फार्म के मालिक मेघराज ने बताया कि बर्ड फ्लू के कारण पोल्ट्री उद्योग पर संकट के बादल छा गए हैं। उनके फार्म पर करीब 75 हजार मुर्गियां हैं। करीब दस दिन में फार्म पर लगभग 50 हजार मुर्गियां मर चुकी है। मुर्गियों को दबाने के लिए कई फुट गहरे गड्ढे खोदे गए थे, वे भी भर चुके हैं। चिकन दफनाने के लिए जगह ही नहीं मिल रही और न मुर्गियां दबाने के लिए लेबर मिल रही है। लाखों का नुकसान हो चुका है और आगे भी नुकसान हो रहा है, लेकिन इस ओर प्रशासन का ध्यान ही नहीं है। पशुपालन विभाग के अधिकारी आए थे लेकिन पोल्ट्री को बाहर से ही देखकर चले ग। वर्जन

कोहंड पोल्ट्री फार्म के सेंपल भोपाल लैब भेजे गए है। रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो प्रशासन एक्शन लेगा। प्रशासन की तरफ से इंतजाम कर लिए गए हैं।

-निशांत यादव, उपायुक्त, करनाल।

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