कॉमनवेल्‍थ के गोल्‍डमेडलिस्‍ट अनीश का एक और इम्तिहान, 10वीं का पेपर देने पहुंचे

कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स के बाद शूटर अनीश भानवाल अब 10वीं की परीक्षा दे रहे हैं। उनको पुरा भरोसा है कि काॅमनवेल्‍थ गेम्‍स में गोल्‍ड मेडल की तरह यहां भी वह कामयाब रहेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 17 Apr 2018 08:26 AM (IST) Updated:Tue, 17 Apr 2018 08:59 PM (IST)
कॉमनवेल्‍थ के गोल्‍डमेडलिस्‍ट अनीश का एक और इम्तिहान, 10वीं का पेपर देने पहुंचे
कॉमनवेल्‍थ के गोल्‍डमेडलिस्‍ट अनीश का एक और इम्तिहान, 10वीं का पेपर देने पहुंचे

जेएनएन, करनाल। कॉमनवेल्थ गेम्स की परीक्षा में टॉपर बनने के बाद अनीश भनवाला अब एक आैर इम्तिहान दे रहे हैं। अनीश सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा दे रहे हैं। खेल प्रतियाेगिता के कारण उनके कुछ पेपर पिछले महीने हुई 10वी की परीक्षा में बच गए थे और इनकी परीक्षा की विशेष अनुमति सीबीएसई ने दी थी। इसी अधूरी परीक्षा को अनीश अब पूरी कर रहे हैं। अनीश ने सोमवार को एसडी मॉडल स्कूल में दसवीं की हिंदी विषय की परीक्षा दी। आज उनका सोशल साइंस का पेपर है।

 शूटिंग की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में व्यस्तता के कारण अनीश केवल अंग्रेजी व साइंस की परीक्षा ही दे सका था। अनीश सोमवार सुबह पिता जगपाल के साथ कार में एसडी मॉडल स्कूल पहुंचा। 10.30 बजे हिंदी का पेपर शुरू हुआ। एक बजकर 30 मिनट पर अनीश परीक्षा केंद्र से कॉमनवेल्थ गेम्स जैसी विजयी मुस्कान के साथ बाहर निकले। पिता पहले से ही स्कूल के बाहर इंतजार कर रहे थे।

पेपर देने के बाद स्‍कूल से बाहर आते शूटर अनीश भानवाल।

यहां से सीधा कर्ण स्टेडियम गया और वहां डीएसवाईओ अनिल कुमार व अन्य स्टाफ सदस्यों से मुलाकात की। सभी ने उसे गोल्ड मेडल जीतने की बधाई दी। जागरण से बातचीत में अनीश ने कहा कि कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में गोल्ड के बाद परीक्षा में भी उसका निशाना नहीं चूकेगा।

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यह पूछे जाने पर आज अकेले पेपर देना पड़ा तो कैसा अनुभव हुआ, अनीश ने कहा कि शुरुआत में कुछ अजीब सा जरूर लगा, लेकिन जैसे ही प्रश्‍नपत्र  हाथ में आया तो पता ही नहीं चला कि कब तीन घंटे बीत गए। बस फटाफट पेपर पढ़ता गया और लिखता गया।

यह पूछे जाने पर कि कॉमनवेल्थ गेम्स और अन्य प्रतियोगिताओं से पढ़ाई पर कितना असर पड़ा, अनीश ने कहा कि दसवीं में रेगुलर क्लास तो लगा ही नहीं पाया। पढ़ाई को केवल 20 प्रतिशत समय ही दे पाया, लेकिन पूरी उम्मीद है कि मैं अच्छे अंकों से पास हो जाऊंगा। आठवीं में मेरे 85 फीसद अंक थे।

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क्या कभी शूटिंग के कारण क्लास में रेगुलर नहीं जा पाने की चिंता सताती है सवाल के जवाब में अनीश ने कहा कि अब तो दो साल से आदत सी हो गई है। देश के लिए मेडल जीतने का मजा ही अलग है। शिक्षा के लिए भले ही पहले से कम समय मिलता है, लेकिन अच्छे अंक के लिए यह भी काफी है।

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