फ्लॉप हो चुकी ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद कॉलेजों में सीटें भरा मुश्किल

उच्चतर शिक्षा विभाग की तरफ से इस सत्र में शुरू की गई ऑनलाइन प्रक्रिया के फेल होने के बाद अब कॉलेज प्रबंधकों को सीटें भरने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Jul 2019 09:37 AM (IST) Updated:Sun, 14 Jul 2019 06:41 AM (IST)
फ्लॉप हो चुकी ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद कॉलेजों में सीटें भरा मुश्किल
फ्लॉप हो चुकी ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद कॉलेजों में सीटें भरा मुश्किल

जागरण संवाददाता, करनाल : उच्चतर शिक्षा विभाग की तरफ से इस सत्र में शुरू की गई ऑनलाइन प्रक्रिया के फेल होने के बाद अब कॉलेज प्रबंधकों को सीटें भरने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। कुछ कॉलेजों में 70 फीसद सीटों ही फिल हो सकी हैं। दूसरी तरफ, प्राचार्यो के हाथ में कमान आने के बाद वेटिग लिस्ट के आधार पर अब 15 जुलाई तक दाखिले लिए जा रहे हैं। शुक्रवार को थोड़ी देर के लिए पोर्टल ने फिर से परेशान किया बावजूद प्रबंधकों ने दाखिला प्रक्रिया जारी रखी। अब 16 जुलाई को कोर्स और कॉलेज परिवर्तन का छात्र इंतजार कर रहे हैं, जिसके लिए विद्यार्थी कॉलेजों में जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं।

11 जुलाई को वेटिग लिस्ट का नहीं प्रभाव

सिस्टम की खामियों के कारण कॉलेजों में सीटें फिल नहीं हो पा रही हैं। शिकायतों के बाद उच्चतर विभाग की ओर से 16 जुलाई को जारी होने वाली लिस्ट 11 जुलाई को जारी कर दी गई। अब पहली कटऑफ में दाखिला ले चुके विद्यार्थी सोचनीय स्थिति में हैं। खालसा कॉलेज में छात्र गुरदेव सिंह ने बताया कि पहली लिस्ट में उसका नाम अन्य कॉलेज में आया था, लेकिन वह इसी कॉलेज में दाखिला लेना चाहता था। करियर का सवाल था इसलिए मजबूरन दाखिला तो ले लिया अब कॉलेज बदलने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। फीस भी दोबारा से जमा करानी होगी।

वहीं, प्रबंधन का कहना है कि वेटिग लिस्ट को लेकर भी स्टूडेंट्स में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एसएमएस के बावजूद कुछ विद्यार्थियों तक इसकी जानकारी नहीं पहुंच रही है।

दाखिले के लिए कम पहुंच रहे छात्र

खालसा कॉलेज प्रिसिपल डॉ. सीमा शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों से दाखिलों को लेकर विद्यार्थियों की संख्या कम थी, लेकिन अब राहत मिलने पर रौनक लौटी है। सीटें खाली रहने के कारण अव्वल छात्रों का प्रबंधन पूरा सहयोग कर रहा है बावजूद छात्रों की संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले कम है। हेड क्लर्क लक्खा सिंह ने बताया कि ऑनलाइन फीस जमा कराने को लेकर विद्यार्थियों को बैंक में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। एक सप्ताह पहले उच्चतर विभाग के आदेश के बाद ऑफलाइन फीस जमा कराने का फैसला लिया। इसका असर दाखिलों पर पड़ा है।

पोर्टल नहीं उठा रहा था सब्जेक्ट

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गांव बालू में रहने वाले युवराज सिंह ने बताया कि ऑनलाइन की प्रक्रिया काफी उलझी हुई थी और एक माह से आवेदन करने का प्रयास कर रहा था। रजिस्ट्रेशन करते समय कोर्स का चयन नहीं हो पा रहा था। कॉलेज में भी काफी बार प्रयास किया ताकि दाखिला मिल सके। अब उच्चतर विभाग की ढिलाई के बाद दाखिला मिल गया है। छात्रा सतविद्र कौर ने बताया कि फीस जमा कराने के लिए चालान लेकर बैंक में पहुंचते थे तो बैंक कर्मचारियों को जानकारी का अभाव था। पहली मेरिट लिस्ट से ही फीस जमा के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब राहत है।

16 से कोर्स और कॉलेज बदलने का विकल्प

डीएवीपीजी कॉलेज के प्रिसिपल रामपाल सैनी ने बताया कि छात्रों को अपनी पसंद के कोर्स व कॉलेज न मिलने की शिकायतें आ रही थीं। बेशक 11 जुलाई को लिस्ट जारी की गई, लेकिन उम्मीद से कम दाखिले हो रहे हैं। 15 जुलाई तक दाखिलों के बाद प्रिसिपल स्तर पर 16 जुलाई से छात्र सब्जेक्ट व कॉलेज में बदलाव कर सकेंगे। कॉलेजों में सीट व कोर्स के आधार पर बदलाव संभव को सकेगा। अगर छात्र कॉलेज बदलते हैं, तो उन्हें यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार फीस भी वापस दी जाएगी।

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