कैश की किल्लत पर हजारों ग्रामीणों ने बैंक घेरा, कर्मचारियों को बनाया बंधक

नोटबंदी से परेशान हजारों लोगों ने रात आठ बजे कैथल के गांव धनौरी में के ओबीसी बैंक की शाखा को घेर लिया। उन्‍हाेंने कर्मचारियों को बंधक बना लिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 02 Dec 2016 08:53 PM (IST) Updated:Sat, 03 Dec 2016 10:15 AM (IST)
कैश की किल्लत पर हजारों ग्रामीणों ने बैंक घेरा, कर्मचारियों को बनाया बंधक

जेएनएन, धनौरी (कैथल)। नोटबंदी से परेशान लोगों का धैर्य का बांध टूटने लगा है। कैथल के धनौरी गांव में लोगों का गुस्सा रात आठ बजे गुस्सा फूट पड़ा। हजारों लोगों ने गांव के ओबीसी बैंक की शाखा में कर्मचारियों पर अपने चहेतों के नोट बदलने का आरोप लगाते हुए बैंक को घेर लिया। उन्हाेंने कर्मचारियों को बंधक बना लिया। पूरे गांव के लोग बाहर निकल आया और बैंक प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। किसी प्रकार की अप्रिय घटना की आशंका के चलते बैंक अधिकारियों ने पुलिस बुला ली।

ग्रामीणों का आरोप है कि नोटबंदी का निर्णय जिस दिन से लिया गया है, वे हर रोज लाइनों में खड़े होकर दो हजार और चार हजार रुपये के लिए घंटों इंतजार करते हैं। अंत में उन्हें मायूसी हाथ लगती है, जबकि बैंक कर्मचारी अपने चहेतों को पिछले दरवाजे से अंदर बुलाते हैं और हाथों हाथ उनके नोट बदल देते हैं या फिर उनकी राशि जमा कर देते हैं।

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बैंक का घेराव करते ग्रामीण।

उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी चार बजे से पहले ही मुख्य द्वार बंद कर देते हैं। वे कैश नहीं होने या फिर नेटवर्क नहीं चलने का हवाला देते हुए उन्हें लौटा देते हैं, जबकि देर रात तक बैंक के भीतर कार्य चलता है। जब नेटवर्क फेल है और कैश नहीं है तो रात तक उनकी मौजूदगी के क्या मायने।

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लोगों का कहना था कि धनौरी घनी आबादी का गांव है। इसके साथ ही आसपास के गांव भी इसी बैंक पर निर्भर हैं। गेहूं की बिजाई का काम भी चल रहा है। इसके लिए ग्रामीणों को पैसे की जरूरत पड़ती है, लेकिन बैंक उनकी समस्या को नहीं समझ रहा। उन्होंने कहा कि बैंक मैनेजर की कार्यप्रणाली भी विवादित रही है। उपभोक्ताओं के साथ भेदभाव किया जाता रहा है। ग्रामीण दूध का दूध और पानी का पानी चाहते हैं। जब तक मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होती, वे बैंक के सामने डटे रहेंगे।

बैंक प्रबंधक बोले

बैंक प्रबंधक अमित कुमार का कहना है कि ओबीसी बैंक की खनौरी ब्रांच में नेटवर्क की समस्या थी। उसके मद्देनजर वहां के बैंक अधिकारी धनौरी बैंक में काम करने पहुंचे थे। ग्रामीणों ने उनको गलत आरोप लगाते हुए घेर लिया। प्रमाण के तौर पर बैंक कर्मियों ने अपना पहचान पत्र भी दिखाया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने।

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मौके पर पहुंचा सुरक्षा बल

मौके की नजाकत को देखते हुए बैंक प्रबंधक ने पुलिस बल को बुला लिया। बैंक के सामने ही चौड़ी गली में ग्रामीणों ने डेरा डाल लिया है। दूसरी तरफ भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बैंक के अंदर दस से 12 कर्मचारी मौजूद थे। इनमें एक महिला कर्मचारी भी शामिल है।

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