शिक्षक होते बच्चों के रोल मॉडल : डीईओ

जागरण संवाददाता, कैथल: आज शिक्षक दिवस है, इस दिन की शिक्षण संस्थानों में अपनी अलग ही धुन र

By Edited By: Publish:Mon, 05 Sep 2016 01:25 AM (IST) Updated:Mon, 05 Sep 2016 01:25 AM (IST)
शिक्षक होते बच्चों के रोल मॉडल : डीईओ

जागरण संवाददाता, कैथल: आज शिक्षक दिवस है, इस दिन की शिक्षण संस्थानों में अपनी अलग ही धुन रहती है। आखिर हो भी क्यों न यह दिन ही शिक्षा की अलख जगाने वाले शिक्षकों को समर्पित है। जिन्हें समाज में गुरु का सबसे उच्च दर्जा दिया है। चाहे कोई भी धर्मग्रंथ हो सभी में गुरु की महिमा का गुणगान मिलेगा।

संत शिरोमणि तुलसीदास ने तो रामचरितमानस में लिखा है कि

Þगुर बिनु भवनिधि तरइ न कोई, जों बिरंचि संकर सम होई'अर्थात भले ही कोई ब्रह्मा, शंकर के समान क्यों न हो, वह गुरु के बिना भव सागर पार नहीं कर सकता। वेदों, उपनिषदों, पुराणों, रामायण, गीता, गुरुग्रन्थ साहिब आदि सभी धर्मग्रन्थों एवं सभी महान संतों द्वारा गुरु की महिमा का गुणगान किया गया है। शिक्षक दिवस को लेकर शिक्षाविदों से बात की तो सभी ने गुरु को जीवन का आधार बताया है।

कोट्स : शिक्षक की होती अमिट छाप

जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) निर्मल तनेजा ने बताया कि शिक्षक बच्चे के लिए रोल मॉडल होता है। देश का भविष्य कैसा होगा यह बच्चों को मिल रही शिक्षा पर निर्भर करता है। बच्चा भले ही पांच-छह घंटे स्कूल में रहता है लेकिन उस पर शिक्षक की अमिट छाप होती है। हमारे समाज में गुरु को भगवान के समान दर्जा दिया गया है। अच्छे शिक्षकों का समाज में आज भी इतना ही महत्व है जितना पहले होता था। शिष्य चाहे कितने ही बड़े पद पर क्यों न चला जाए लेकिन वह अपने गुरु को कभी नहीं भूल सकता।

कोट्स : शिक्षक के बिना जीवन अधूरा

आरकेएसडी कॉलेज के प्राचार्य ओपी गर्ग ने बताया कि शिक्षक का समाज सुधार में अहम रोल है। शिक्षक के बिना जीवन अधूरा है। गर्ग ने बताया कि वे अपने गुरु की वजह से ही आज इस पद तक पहुंचे है। वे बच्चों को हमेशा कहते है कि अपने गुरु का आदर करे। गुरु के दिखाए मार्ग पर चलकर ही शिष्य समाज में अपनी पहचान बना सकता है। भगवान हमें जीवन देता है, लेकिन जीने की राह दिखाने वाला गुरु है।

कोट्स : शिष्यों को दिखाएं अच्छा मार्ग

डॉ. भीमराव अंबेडकर राजकीय कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ऋषिपाल बेदी ने बताया कि जो अपने शिष्यों को अच्छा मार्ग दिखाए वही एक सच्चा गुरु कहलाता है। गुरु हमेशा चाहता है कि उसका शिष्य उससे भी आगे निकल जाए और समाज व देश का नाम रोशन करें। इसी सोच के साथ शिक्षक विद्यार्थियों को मेहनत व लग्न के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। विद्यार्थी शिक्षा के साथ समाज को भी आगे बढ़ाने का काम करें, तभी एक गुरु का लक्ष्य पूरा हो पाता है।

कोट्स

राजकीय स्कूल भाणा के प्राध्यापक रामनिवास ढुल ने बताया कि हमें हर दिन शिक्षक दिवस की तरह मनाना चाहिए। हम बच्चों को जो सीखा रहे हैं या वे सीख रहे हैं इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए। आज शिक्षक व शिष्य के बीच में दूरियां बढ़ रही हैं। गलती होने पर भी शिक्षक बच्चे को डांट फटकार नहीं सकते। हमें शिक्षक व शिष्य के बीच की यह दूरी खत्म करनी होगी। बच्चों को हमेशा गुरुजनों का आदर करना चाहिए। गुरु भी बच्चे को अच्छी शिक्षा दें ताकि वह किताबी कीड़ा न बनकर एक अच्छा इंसान बन सके।

कोट्स

बीआरडीएम स्कूल के ¨प्रसिपल वरुण जैन ने बताया कि शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक दायित्व व मूल्यों की जानकारी देने वाला ही एक सच्चा शिक्षक कहलाता है। केवल पढ़ाने से ही गुरु नहीं बना जा सकता बल्कि समाज के बारे में जानकारी देते हुए सामाजिक मूल्यों व कर्तव्यों का ज्ञान करवाना भी एक शिक्षक का प्रमुख काम होता है।

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