किक बॉ¨क्सग में तनिष्क ने जीता रजत पदक

विश्व स्तरीय किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर पदक जीतकर बृहस्पतिवार को पूंडरी पहुंचे गांव फतेहपुर के खिलाड़ी तनिष्क वालिया का जोरदार स्वागत किया गया। तनिष्क ने अर्जेटीना के ब्यूनिस एजेरस शहर में 5 से 10 नवंबर तक हुई विश्व स्तरीय किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मेजबान देश के खिलाड़ी को हराकर रजत पदक जीता। फतेहपुर में पहुंचे तनिष्क का गांव वालों और शहरवासियों ने जोरदार स्वागत किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 01:35 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 01:35 AM (IST)
किक बॉ¨क्सग में तनिष्क ने जीता रजत पदक
किक बॉ¨क्सग में तनिष्क ने जीता रजत पदक

संवाद सहयोगी, पूंडरी : विश्व स्तरीय किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर पदक जीतकर बृहस्पतिवार को पूंडरी पहुंचे गांव फतेहपुर के खिलाड़ी तनिष्क वालिया का जोरदार स्वागत किया गया।

तनिष्क ने अर्जेटीना के ब्यूनिस एजेरस शहर में 5 से 10 नवंबर तक हुई विश्व स्तरीय किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मेजबान देश के खिलाड़ी को हराकर रजत पदक जीता। फतेहपुर में पहुंचे तनिष्क का गांव वालों और शहरवासियों ने जोरदार स्वागत किया।

कैथल करनाल रोड़ पर स्थित डीएवी स्कूल के पास से ग्रामीण तनिष्क को खुली जीप में डीजे की धुन पर सबसे पहले शहीद गिरधरलाल अहलुवालिया चौक पहुंचे, जहां शहीद की प्रतिमा पर नतमस्तक होकर तनिष्क का विजयी जलूस पूरे शहर से गुजरा।

पदक विजेता खिलाड़ी का पूंडरी पहुंचने पर कई सामाजिक संस्थाओं और नेताओं ने स्वागत किया। एडवोकेट लक्की वालिया ने 11 हजार की माला, समाजसेवी धर्मपाल गोलन ने 5100 रुपये का हार, कांग्रेसी नेता प्रदीप वालिया व बोबी वालिया फतेहपुर ने नोटों की माला पहनाकर स्वागत किया।

हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के ब्लाक अध्यक्ष योगेश उप्पल ने पूरी टीम के साथ, सरदार जस्सा ¨सह अहलुवालिया समिति व अहलुवालिया बिरादरी के मौजिज लोगों ने भी तनिष्क का फूल मालाओं से स्वागत किया।

घर पर लगा बधाई देने वालों का तांता

पदक विजेता खिलाड़ी का घर पहुंचने पर सबसे पहले मां सरोज वालिया और दादी चांद रानी ने विजय तिलक कर आशीर्वाद दिया। पिता राकेश वालिया को तनिष्क के पदक जीतते ही बधाइयां मिलनी शुरू हो गई थी। पूरे घर में जीत के जश्न का माहौल रहा। इस मौके पर भाई विमल, हरीश वालिया, अनिल वालिया समेत अन्य रिश्तेदार भी मौजूद रहे।

सरकार से नहीं मिला सहयोग

खिलाड़ी तनिष्क ने कहा कि उसे सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला। सारा खर्च उनकी फेडरेशन के एफआइ ने उठाया। उन्होंने अपनी उपलब्धि के लिए अपने परिवार के साथ-साथ संस्था के प्रधान व अपने कोच विजेंद्र रावत को दिया।

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