दसवीं में फेल बच्चों को प्रिसिपल ने किया दाखिला देने से इनकार

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढांड में प्रिसिपल ने दसवीं में फेल हुए बच्चों को दाखिला देने से इनकार कर दिया। प्रिसिपल का कहना है कि वे इस बार ऐसे बच्चों को स्कूल में दाखिला देकर अपना रिजल्ट खराब नहीं करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 May 2019 10:16 AM (IST) Updated:Sat, 25 May 2019 06:31 AM (IST)
दसवीं में फेल बच्चों को प्रिसिपल ने किया दाखिला देने से इनकार
दसवीं में फेल बच्चों को प्रिसिपल ने किया दाखिला देने से इनकार

जागरण संवाददाता, कैथल : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढांड में प्रिसिपल ने दसवीं में फेल हुए बच्चों को दाखिला देने से इनकार कर दिया। प्रिसिपल का कहना है कि वे इस बार ऐसे बच्चों को स्कूल में दाखिला देकर अपना रिजल्ट खराब नहीं करेंगे। गुस्साए परिजनों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया और रोष जताया। अभिभावकों ने स्कूल प्रिसिपल की लिखित में शिकायत मुख्यमंत्री और जिला शिक्षा अधिकारी(डीईओ) से भी की है।

परिजनों का कहना है कि बच्चे फेल हुए हैं इसमें दोष शिक्षकों का भी है, लेकिन शिक्षकों पर कार्रवाई करने की बजाय सिर्फ बच्चों को दाखिला देने से इनकार किया जा रहा है। बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं और कोई भी उन्हें उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकता है।

बॉक्स

तानाशाही कर रहे हैं प्रिसिपल

छात्र दीपक के पिता गुरमीत व छात्र रवि के पिता अक्षर ने कहा कि प्रिसिपल ने एक बार नहीं कई बार दाखिला देने से इनकार किया है। प्रिसिपल तानाशाही कर रहे हैं और बार बार प्रार्थना करने के बाद भी दाखिला नहीं दे रहे हैं।

उनका साफ कहना है कि वे जहां मर्जी चले जाएं वे इन बच्चों को दाखिला नहीं देंगे। यह अन्य फेल हुए बच्चों के साथ भी हुआ है, लेकिन वे फिलहाल चुप हैं। अभिभावकों ने सरपंच, नंबरदार व अन्य मौजिज व्यक्तियों से भी बच्चों का दाखिला करवाने की गुहार लगाई है।

बॉक्स

परिणाम खराब रहने का असर

स्कूल का परिणाम काफी खराब बताया जा रहा है। हालांकि न तो प्रिसिपल फोन उठा रहे हैं और न ही स्कूल के परिणाम की जानकारी अन्य स्कूल का कोई प्राध्यापक देने को तैयार है।

बॉक्स

बीईओ को दिए मामले

की जांच के आदेश

जिला शिक्षा अधिकारी(डीईओ) जोगिद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि खंड शिक्षा अधिकारी चुनावी ड्यूटी में व्यस्त हैं और शुक्रवार को ही कोई कदम इस संबंध में उठाया जाएगा। बच्चे पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं तो उन्हें दाखिला देने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी