जून माह में प्रचंड गर्मी से लोग बेहाल 41.4 डिग्री पहुंचा अधिकतम तापमान

पिछले दो दिनों मौसम में बदलाव आया है। जून का महीना शुरू होने के बाद अब दिन का पारा बढ़ रहा है। जिस कारण लोगों को गर्मी सता रही है। अधिकतम तापमान 41 सेल्सियस डिग्री से ऊपर पहुंच चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 06:43 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 06:43 AM (IST)
जून माह में प्रचंड गर्मी से लोग बेहाल   41.4  डिग्री पहुंचा अधिकतम तापमान
जून माह में प्रचंड गर्मी से लोग बेहाल 41.4 डिग्री पहुंचा अधिकतम तापमान

जागरण संवाददाता, कैथल : पिछले दो दिनों मौसम में बदलाव आया है। जून का महीना शुरू होने के बाद अब दिन का पारा बढ़ रहा है। जिस कारण लोगों को गर्मी सता रही है। अधिकतम तापमान 41 सेल्सियस डिग्री से ऊपर पहुंच चुका है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार तक गर्मी ऐसे ही सताएगी। जिले में इस बार जून माह में पहली बार मंगलवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। मंगलवार को पारा 41.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले सप्ताह से लगातार अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। मंगलवार को दिनभर कड़ी धूप के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। पिछले वर्ष कोविड संकट और लाकडाउन के बीच जून के पहले सप्ताह में अधिकतम तापमान सबसे अधिक 39 डिग्री सेल्सियस और सबसे कम 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विज्ञानी डा. रमेश चंद्र वर्मा ने बताया कि 11 जून तक मौसम ऐसे ही रहेगा। इसके बाद 13 व 14 जून को बूंदाबांदी की संभावना है।

जल शक्ति अभियान के तहत गांव टयोंठा में लगाया जागरूकता शिविर

संवाद सहयोगी, पूंडरी : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. कर्मचंद और उपमंडल कृषि अधिकारी डा. सतीश नारा के निर्देशानुसार खंड पूंडरी के विभिन्न गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। गांव टयोंठा में आयोजित शिविर में एडीओ डा. बलवान सिंह ने बताया कि किसान पानी की कम खपत वाली फसलें लगाएं। धान की फसल के स्थान पर किसान मक्का, दलहन, सब्जी और बागवानी की फसल उगा सकते हैं। इससे पानी की बचत होती है और सरकार द्वारा भी मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम के तहत सात हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से किसान को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। टपका विधि पर भी किसान को 85 प्रतिशत अनुदान राशि दी जा रही है। डा. हरदीप सिंह सुपरवाइजर ने बताया कि किसान धान की सीधी बिजाई कर सकते हैं। इसमें 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत पानी की बचत होती है और आठ हजार तक लेबर की व बुआई की भी बचत होती है। इस मौके पर किसान अंकुर चौहान, राजेंद्र राणा, बिरजु राणा, बलिहार सिंह, रविद्र सिंह, साहिल राणा, विक्रांत राणा, पारस राणा मौजूद थे।

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