मंडियों में नहीं हो रहा उठान, खरीद एजेंसियों को नोटिस

मंडियों में गेहूं के सीजन के दौरान किसानों और आढ़तियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं के कंट्टे का उठान नहीं होने के कारण मंडियों में जाम की स्थिति बन गई है। मार्केट कमेटी ने उठान नहीं होने पर खरीद एजेंसियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 10:52 AM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 06:32 AM (IST)
मंडियों में नहीं हो रहा उठान,  खरीद एजेंसियों को नोटिस
मंडियों में नहीं हो रहा उठान, खरीद एजेंसियों को नोटिस

जागरण संवाददाता, कैथल :

मंडियों में गेहूं के सीजन के दौरान किसानों और आढ़तियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं के कंट्टे का उठान नहीं होने के कारण मंडियों में जाम की स्थिति बन गई है। मार्केट कमेटी ने उठान नहीं होने पर खरीद एजेंसियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। शहर की नई व पुरानी अनाज मंडी में सीजन की शुरूआत से लेकर अब तक गेहूं का लदान का कार्य सुचारू नहीं हो पाया है।

स्थिति को खराब होते देख मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने लदान नहीं करवाने वाली एजेंसियों को नोटिस भेजे हैं। इनमें एजेंसियों को जल्द से जल्द मंडी से गेहूं का लदान करवा कर मंडी को खाली करने के आदेश दिए गए हैं। वहीं, आवक ज्यादा होने से सड़कों तक गेहूं पहुंच गया है। किसान सड़कों के किनारे फसल डालने को मजबूर हैं। मंडी में चारों तरफ से आने वाली सड़कों पर जाम की स्थिति पैदा हो गई है। मंडी में रोजाना एक से दो लाख क्विंटल तक गेहूं पहुंच रहा है। गेहूं की ढेरियों और भरी हुई बोरियों के मंडी में ढांग लगे हुए हैं। आढ़ती व किसान रोजाना मंडी में इस मुद्दे को लेकर रोष प्रदर्शन कर रहे हैं।

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एजेंसियों की आधी से ज्यादा गेहूं का मंडियों में बना स्टॉक :

कैथल की मंडियों में चार एजेंसियां गेहूं की खरीद कर रही हैं, इनमें से अभी एक भी एजेंसी ने खरीदा हुआ पूरा माल नहीं उठाया है। करीब आधा माल मंडियों में भरा पड़ा है। बोरियों के ढेर लगने के कारण अब पांव रखने को भी मंडी में जगह नहीं बची है। आढ़ती व किसान तो खरीद एजेंसियों के कारण परेशानी में हैं ही, साथ में अब मार्केट कमेटी ने भी इंतजार के बाद अधिकारियों को चेताना शुरू कर दिया है।

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मंडियों में पड़ा 4.54 लाख

क्विंटल बिका हुआ गेहूं :

कैथल की मंडियों में इस वक्त 454775 लाख क्विंटल बिका हुआ गेहूं पड़ा है। एजेंसियां खरीद तो कर रही हैं, लेकिन लदान न के बराबर है। हरियाणा वेयरहाउस ने अब तक 61205 क्विंटल गेहूं की खरीद की है, जबकि लदान का कार्य जीरो है। खरीदी गई फसल के मंडियों में ढेर लगे हुए हैं। हैफेड ने मंडी से 91330 क्विंटल गेहूं खरीद है, जबकि लदान केवल 21100 क्विंटल का हुआ है। 70230 क्विंटल गेहूं आज भी मंडियों में पड़ी है। डीएफएससी ने अभी तक 120040 क्विंटल गेहूं की खरीद की है, जबकि लदान 77200 क्विंटल का हुआ है। 42840 क्विंटल गेहूं मंडियों में पड़ी है। ऐसे ही एफसीआइ ने 253735 क्विंटल गेहूं खरीदी है और उसमें से 95000 क्विंटल गेहूं का लदान करवाया है। आज भी एजेंसी की 158735 क्विंटल गेहूं लदान के बिना मंडियों में पड़ी है। कैथल शहर से बाहर की मंडियों में भी यही हालात हैं।

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बाहर की सड़कों पर गेहूं

डाल रहे किसान :

किसान अपनी फसल लेकर मंडी में पहुंच रहे हैं, लेकिन मंडी तक पहुंचने को भी रास्ता नहीं मिल रहा है। जाम लगने के कारण किसान जाखौली अड्डा स्थित कन्या स्कूल व बीएसएनएल के एक्सचेंज के सामने सड़क पर फसल डालने को मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि अगर जल्द गेहूं बिक जाए तो वे सीजन से जुड़े अपने अन्य काम कर लें।

बॉक्स: नुकसान के लिए एजेंसियां होगी जिम्मेवार

मार्केट कमेटी सचिव दलेल सिंह ने बताया कि खरीद एजेंसियों को खरीदी गई फसल का लदान करवाने के लिए नोटिस भेजे गए हैं। पहले भी लदान का कार्य नहीं होने से फसल भीग गई थी। अगर लदान न होने के कारण दोबारा किसी प्रकार का नुकसान होता है तो इसके लिए एजेंसियां ही जिम्मेदार होंगी। -------------

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