आरकेएसडी कालेज में एनसीसी को वैकल्पिक विषय चुन सकेंगे एनसीसी कैडे्टस

राधा कृष्ण सनातन धर्म कालेज (आरकेएसडी) में आगामी सत्र से एनसीसी को वैकल्पिक विषय चुननें की एनसीसी कैडे्टस की मांग पूरी होने जा रही है। प्राचार्य डा. संजय गोयल ने बताया कि इस संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:09 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:09 AM (IST)
आरकेएसडी कालेज में एनसीसी को वैकल्पिक  विषय चुन सकेंगे एनसीसी कैडे्टस
आरकेएसडी कालेज में एनसीसी को वैकल्पिक विषय चुन सकेंगे एनसीसी कैडे्टस

जासं, कैथल : राधा कृष्ण सनातन धर्म कालेज (आरकेएसडी) में आगामी सत्र से एनसीसी को वैकल्पिक विषय चुननें की एनसीसी कैडे्टस की मांग पूरी होने जा रही है। प्राचार्य डा. संजय गोयल ने बताया कि इस संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है।

एनसीसी डायरेक्टरेट, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व चंडीगढ़ ने अब अपने एनसीसी कैडेट्स को एनसीसी वैकल्पिक विषय के रूप में चुनने के लिए मंजूरी दे दी है। कालेज में एनसीसी की तीन ईकाइयां काम कर रहीं हैं। डा. आरपी मौन एवं प्रो. रघुबीर लांबा के नेतृत्व में दो लड़कों एवं एक लड़कियों की ईकाई लगातार इस दिशा में योगदान दे रही है।

विदित रहे कि लगभग हर वर्ष नई दिल्ली गणतंत्र दिवस परेड में कालेज कैडेट्स की भागीदारी अवश्य रहती है व पिछले वर्ष रक्षा सचिव डा. अजय कुमार ने कालेज कैंपस का दौरा भी किया था व इस दिशा में कालेज के योगदान की सराहना की थी। प्राचार्य डा. गोयल ने बताया की इस कदम से कालेज कैडे्टस को अपने क्षेत्र की गहन जानकारी प्राप्त हो पाएगी।

एसएलसी की अनिवार्यता को खत्म करना निजी स्कूलों के हितों के साथ कुठारघात: कलभूषण

संवाद सहयोगी, गुहला चीका: प्रदेश में एक मई से शिक्षा का नया सत्र आरंभ हो चुका है। साथ ही सरकार द्वारा निजी स्कूलों के बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला करने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है, जिसमें अब निजी स्कूलों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए एसएलसी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया हैं। पिछले साल भी सरकार द्वारा इस तरह के नियमों में बदलाव किया गया था, लेकिन प्राइवेट स्कूलों के संगठन के दबाव के चलते इस फैसले को वापस ले लिया गया था ,और इस बदले हुए नियम का सरकार को उचित फायदा भी मिला था। जिसमे प्राइवेट स्कूलों के दो लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों की तरफ रुख किया था। सरकारी स्कूल में दाखिला लेते ही प्राइवेट स्कूल को बच्चे का एसएलसी जारी करना होगा। यदि प्राइवेट स्कूल 15 दिन के अंदर बच्चे का एसएलसी जारी नहीं करता हैं तो सरकारी स्कूल द्वारा जारी किया गया अस्थाई एसआरएन नंबर को स्थाई मानकर बच्चे को दाखिला दे दिया जाएगा और बच्चे की पढ़ाई शुरू करवा दी जाएगी। कुलभूषण शर्मा का कहना हैं कि फेडरेशन प्राइवेट स्कूलों के हितों के साथ कुठाराघात नही होने देगी और जब तक सरकार इस तानाशाही फैसले को वापस नहीं लेती, तब तक सरकार का विरोध जारी रहेगा। इस मौके पर वरुण जैन, बलबीर सैनी, रोहतक से विजय टिटौली, संजीव भारद्वाज व ललित शर्मा मौजूद थे।

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