प्री-फेब्रिकेटिड शौचालयों पर नप ने लगाए ताले

नगर परिषद की ओर से शहर में विभिन्न स्थानों पर प्री-फेब्रिकेटिड शौचालय रखवाए गए थे। लोगों की सुविधा के लिए शौचालय रखे गए थे लेकिन अब इन शौचालयों पर ताले लटका दिए गए हैं। करीब दो महीने से इन शौचालयों की देखभाल का ठेका खत्म हो चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 06:17 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 06:17 AM (IST)
प्री-फेब्रिकेटिड शौचालयों पर नप ने लगाए ताले
प्री-फेब्रिकेटिड शौचालयों पर नप ने लगाए ताले

सुनील जांगड़ा, कैथल : नगर परिषद की ओर से शहर में विभिन्न स्थानों पर प्री-फेब्रिकेटिड शौचालय रखवाए गए थे। लोगों की सुविधा के लिए शौचालय रखे गए थे, लेकिन अब इन शौचालयों पर ताले लटका दिए गए हैं। करीब दो महीने से इन शौचालयों की देखभाल का ठेका खत्म हो चुका है। नप ने दोबारा से टेंडर नहीं लगाया है।

करीब पांच लाख रुपये की लागत से शौचालयों की रिपेयर करवाई गई थी, लेकिन अब दस दिनों से सभी शौचालयों पर ताले लगा दिए गए हैं। इन शौचालयों की देखभाल पर करीब साढ़े छह लाख रुपये महीना खर्च किया जाता था। अब टेंडर खत्म हो चुका है तो नप के पास कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं है, जिससे इन शौचालयों की देखभाल हो सके।

नप अधिकारी नहीं ले रहे जिम्मेदारी

दस दिनों से शौचालयों पर ताला लटका हुआ है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी नप अधिकारी नहीं ले रहे हैं। जेई ब्रांच के अधिकारी सफाई शाखा पर और सफाई शाखा के अधिकारी जेई ब्रांच पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं। यहां तक कि अधिकारियों को यह भी जानकारी नहीं है कि दस दिनों से इन शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं। फिलहाल शहर ओडीएफ प्लस है और ओडीएफ प्लस-प्लस के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन ऐसे में सफलता मिलने वाली नहीं है।

करीब 52 लाख रुपये किए गए थे खर्च

शहर में करीब 52 लाख रुपये की लागत से 16 स्थानों पर प्री-फेब्रिकेटिड शौचालय रखे गए थे। एक स्थान पर दो यूनिट से लेकर पांच यूनिट तक शौचालय रखे गए हैं। एक यूनिट की कीमत करीब 60 हजार रुपये थी। ये शौचालय करनाल रोड, ढांड रोड, अंबाला रोड, चंदाना गेट, अमरगढ़ गामड़ी, सब्जी मंडी, पुराना बाइपास, बस स्टैंड, शक्ति नगर, हरि नगर, रामनगर, हुडा के पार्क व अन्य स्थानों पर रखे गए हैं।

इन स्थानों पर रहती है समस्या

रामनगर, शक्तिनगर, चंदाना गेट और डेहा बस्ती में शौचालयों की ज्यादा जरूरत रहती है। नप यहां एक बार शौचालयों की रिपेयर तो करवा देता है, लेकिन उसके बाद कोई संभाल नहीं करता। बिना देखभाल के ये शौचालय शोपीस बन जाते हैं और आस-पास के लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।

ताले लगाने की जानकारी नहीं

शौचालयों पर ताले लगाने को लेकर उनके पास जानकारी नहीं है। जेई ब्रांच की ओर से शौचालयों में काम करवाया जा रहा था। शौचालयों की देखभाल का टेंडर भी एक्सईएन की ओर से लगाया जाना है।

- प्रदीप कुमार, सफाई निरीक्षक नगर परिषद। वर्जन उनकी ब्रांच का कार्य शौचालयों की रिपेयर करने का था। उसके बाद जिम्मेदारी सफाई शाखा की होती है। जल्द ही इनकी देखभाल के लिए टेंडर लगाया जाएगा। - हिमांशु लाटका, एक्सईएन नगर परिषद। ---------------------------------

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