बाबा लदाना में बाबा राजपुरी डेरा पर नहीं होगा वार्षिक मेले का आयोजन

बाबा लदाना में बाबा राजपुरी डेरे पर दशहरा पर्व आयोजित होने वाले तीन दिवसीय मेले पर इस बार कोरोना के कारण संशय बना है। अभी तक जिला प्रशासन की ओर से मेले के आयोजन को लेकर कोई भी जानकारी नहीं दी गई है जबकि मंदिर प्रशासन की ओरे से यहां मेले के आयोजन की बात कही जा रही है। हालांकि इस बार यदि मेला लगता है तो भंडारे का आयोजन नहीं होगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 06:37 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 06:37 AM (IST)
बाबा लदाना में बाबा राजपुरी डेरा पर  नहीं होगा वार्षिक मेले का आयोजन
बाबा लदाना में बाबा राजपुरी डेरा पर नहीं होगा वार्षिक मेले का आयोजन

जागरण संवाददाता, कैथल : बाबा लदाना में बाबा राजपुरी डेरे पर दशहरा पर्व आयोजित होने वाले तीन दिवसीय मेले पर इस बार कोरोना के कारण संशय बना है। अभी तक जिला प्रशासन की ओर से मेले के आयोजन को लेकर कोई भी जानकारी नहीं दी गई है, जबकि मंदिर प्रशासन की ओरे से यहां मेले के आयोजन की बात कही जा रही है। हालांकि इस बार यदि मेला लगता है तो भंडारे का आयोजन नहीं होगा।

बता दें कि बाबा लदाना स्थित डेरा राजपुरी की काफी मान्यता है। यहां हरियाणा सहित पंजाब, यूपी और राजस्थान से हजारों श्रद्धालु पहुंचते है। इस डेरे पर दूध का प्रसाद चढ़ाया है। बता दें गांव बाबा लदाना में स्थापित इस डेरे पर पिछले करीब तीन सौ वर्षाें से यह मेला आयोजित किया जा रहा है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि मेला आयोजित नहीं हो पाएगा।

कोरोना महामारी के कारण केवल पूजा-अर्चना ही होगी :

डेरे के महंत दूजपुरी महाराज ने बताया कि डेरे पर हर वर्ष दशहरे, एकादशी व द्वादशी को विशाल मेला लगता है। तीन दिन तक लगने वाले इस मेले में हजारों श्रद्धालु पहुंचकर बाबा की पूजा अर्चना कर धन-धान्य और पशुधन में वृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण केवल पूजा-अर्चना ही की जाएगी। जबकि बाजार सजाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और न ही भंडारा आयोजित किया जाएगा।

मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित नहीं होने दी जाएगी। इस डेरे से देश ही नहीं विदेश में रहने वाले लोगों की भी आस्था है। मेले में भक्त दूध, घी, अनाज व प्रसाद चढ़ाकर पूजा अर्चना करते हैं। आयोजन को लेकर जिला प्रशासन को जानकारी दी गई है। हालांकि सरकार और जिला प्रशासन की हिदायतों के अनुसार ही पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी जाएगी।

बाबा लदाना में बाबा राजपुरी डेरा की मान्यता :

डेरे का इतिहास करीब 550 साल पुराना है। मान्यता है कि 550 साल पहले गांव में एक बच्चे का जन्म हुआ था जो शैशव काल से ही महान योगी की तरह थे। बाद में वे बाबा राजपुरी के नाम से प्रसिद्ध हुए। यह डेरा स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस व उनके गुरु महंत तोतापुरी महाराज की तपोस्थली रहा है और समाधि भी है।

कैथल के एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार से मेले के आयोजन को लेकर डेरा को अनुमति नहीं दी गई है। जबकि दशहरा पर्व पर श्रद्धालु सरकार की हिदायतों का पालन जरूर कर सकते हैं। इस दौरान दो गज की दूरी और मास्क पहनना अनिवार्य है। भंडारे का आयोजन भी नहीं करने दिया जाएगा।

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