खेतों में सोलर सिस्टम लगाने का आवेदन कर पछता रहे किसान

सरकार ने 2016 में किसानों को सोलर सिस्टम से खेतों में दो हॉर्स पावर व पांच हॉर्स पावर की सबमर्सीबल मोटर चलाने का सपना दिखाया। किसानों ने भी बिजली कटों से मुक्ति और कनेक्शन के लंबे इंतजार से छुटकारे के लिए इसे अपनाने के लिए काफी रुचि दिखाई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Aug 2018 11:10 PM (IST) Updated:Mon, 27 Aug 2018 11:10 PM (IST)
खेतों में सोलर सिस्टम लगाने का  आवेदन कर पछता रहे किसान
खेतों में सोलर सिस्टम लगाने का आवेदन कर पछता रहे किसान

जागरण संवाददाता, कैथल : सरकार ने 2016 में किसानों को सोलर सिस्टम से खेतों में दो हॉर्स पावर व पांच हॉर्स पावर की सबमर्सीबल मोटर चलाने का सपना दिखाया। किसानों ने भी बिजली कटों से मुक्ति और कनेक्शन के लंबे इंतजार से छुटकारे के लिए इसे अपनाने के लिए काफी रुचि दिखाई। योजना को दो साल से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अब तक ना तो सोलर सिस्टम खेतों में लग पाया है और ना ही कोई सूचना है।

दो साल से ज्यादा समय से किसान सौर ऊर्जा विभाग और एडीसी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। सरकार ने समय बीतने के साथ ही किसानों को सिस्टम देना तो दूर सब्सिडी को भी घटा दिया है। इससे किसानों को 35 से 40 हजार की अतिरिक्त चपत लग रही है।

जिला में 112 किसानों के खेत में सोलर सिस्टम लगाने का लक्ष्य था। 2017 में ड्रॉ के बाद 70 किसानों के खेत में सिस्टम लगाए जाने थे।

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कर्मचारियों के व्यवहार

से परेशान किसान

किसानों के लिए चक्कर काटने से ज्यादा परेशान करने वाला विभाग के कर्मियों का व्यवहार है। किसान उम्मीद लेकर विभाग में आते हैं और अधिकारी, कर्मचारियों को कोसते हुए घरों को लौट जाते हैं। यह पिछले एक साल से ज्यादा समय से चल रहा है। कुछ किसान तो कर्मियों के व्यवहार और योजना की नाकामी की शिकायत एडीसी को भी कर चुके हैं।

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उठाना पड़ रहा नुकसान

कुछ किसानों का कहना है कि उन्हे खेतों में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करना था, लेकिन सोलर सिस्टम मिल जाने की उम्मीद से कनेक्शन के लिए भी आवेदन नहीं किया है। खेतों में पानी नहीं होने से वह फसल भी नहीं उगा पा रहे हैं, जिससे उनको आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

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गांव चौशाला के युवा किसान जितेंद्र ने कहा कि दो महीने पहले सब्सिडी घटाए जाने के हिसाब से 83 हजार 250 रुपये भी जमा करवा दिए हैं। दो साल से कर्मचारियों का एक ही जवाब है, कुछ होगा तो बता देंगे। सैकड़ों बार चक्कर लगा चुके हैं। ज्यादातर किसान तो थक हार कर घर बैठ गए हैं।

बॉक्स: सिर्फ परेशानी मिल रही

गांव लांबा खेड़ी के किसान सत्यवान ने बताया कि सोलर सिस्टम का तो पता नहीं लेकिन परेशानी खूब मिल रही है। पिछले साल मार्च में 50 हजार रुपये के करीब जमा करवाए थे जो बाद में वापस कर दिए। अब फिर से 83 हजार 250 जमा करवाएं है। विभाग कार्यालय में जो बैठे होते हैं वह सही सूचना देना तो दूर सीधे मुंह बात ही नहीं करते।

वर्जन : जांच करवाई जाएगी

मुख्यालय स्तर पर सोलर सिस्टम किसानों को देने की प्रक्रिया चल रही है। कुछ किसान आए थे। अगर किसी कर्मचारी ने किसान के साथ गलत व्यवहार किया है तो वह गलत है। शिकायत मिली तो जांच करवाई जाएगी।

- पार्थ गुप्ता, एडीसी कैथल।

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