लॉकडाउन में दूध की मांग 50 फीसद घटी, संकट में पशुपालक

जिले में लॉकडाउन से ग्रामीण दूध की खपत में पचास फीसदी की कमी आई है। चाय और मिठाई की दुकानें बंद होने से दूध खोवा पनीर और मक्खन का बाजार ठंडा हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 May 2020 09:06 AM (IST) Updated:Sat, 02 May 2020 09:06 AM (IST)
लॉकडाउन में दूध की मांग 50  फीसद घटी, संकट में पशुपालक
लॉकडाउन में दूध की मांग 50 फीसद घटी, संकट में पशुपालक

सोनू थुआ, कैथल: जिले में लॉकडाउन से ग्रामीण दूध की खपत में पचास फीसदी की कमी आई है। चाय और मिठाई की दुकानें बंद होने से दूध, खोवा, पनीर और मक्खन का बाजार ठंडा हो गया है। इससे वह किसान संकट के दौर से गुजर रहे हैं, जो दुग्ध का उत्पादन करके अपने व्यवसाय का माध्यम बना चुके थे। जिले भर की चाय, मिठाई की दुकानों पर ताला लटका हुआ है। इस कारण पशुपालकों का दूध सप्लाई करने में परेशानी हो रही हैं।

इनमें सबसे ज्यादा वो पशुपालक परेशान है जो डेयरियों के दुग्ध संकलन केंद्रों पर दूध नहीं दे रहे थे। अपना दूध खुले में व मिठाइयों की दुकानों पर बेच रहे थे। दूध की खपत कम होने के बाद गांव में दूध के दामों में 10 रुपये तक कम हुए है। इससे पहले दूध की मांग को देखते हुए जिले के बड़ी संख्या में युवा किसान दूध डेयरी चलाकर अपना व्यवसाय अपना रहे थे। कई ग्रामीण परिवारों का गुजारा दूध पर ही आधारित हैं।

देसी घी तैयार कर भरपाई करने में लगे पशुपालक

पशुपालक विनोद ने बताया कि गांव से शहर दूध ले जाने में बाधा के चलते अब दही और मक्खन तैयार करना आरंभ कर दिया है। इसके अलावा दूध का उचित मूल्य नहीं मिलने से वह अब देसी घी तैयार कर भरपाई करने में लगे हुए हैं। देशी घी से ही कुछ भरपाई की जा सके।

पशुओं का चारा हुआ महंगा

पशुपालक बलविद्र ने बताया कि दूध की बिक्री कम हो गई है। वहीं चारा महंगा हो गया है। डेयरियों ने दूध के दाम घटा दिए है। कई डेयरियों ने दूध लेना ही बंद कर दिया है। ऐसे में मजबूरी में दूध घर पर ही रखना पड़ रहा है। पशुपालकों की स्थिति यह हो गई है कि पशुओं के लिये चारा नहीं लाया जा रहा है। शहर सहित आसपास के गांवों में लॉक डाउन के चलते डेयरियों मे 25 प्रतिशत तक दूध के दाम घटा दिया है।

बॉक्स- डेयरियों में औने पौने दामों में दूध खरीदा जा रहा

पशुपालक सतनाम का कहना है कि लॉकडाउन के कारण मिठाई की सभी दुकानें बंद है। इस कारण डेयरियों में औने पौने दामों में दूध खरीदा जा रहा है। पहले से 10 रुपये दूध के दाम कम हुए है। घर का गुजारा चलाना मुश्किल हो रहा हैं। पशुओं का आहर भी मंहगा हो गया है। वर्जन-

डायरी विभाग के एसडीओ वरुण कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में भी मिष्ठान की दुकानें बंद हैं। उसके बावजूद दूध की सप्लाई करने की कोशिश विभाग द्वारा करवाई जा रही है।

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