फार्मासिस्टों की हड़ताल से जिला अस्पताल में बिगड़ी व्यवस्था

जिला नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्टों के हड़ताल पर जाने से दवाइयों का स्टॉक खत्म हो गया है। इस कारण रोजाना 1500 से 1600 मरीजों को दवाइयों के लिए दिक्कत बढ़ गई हैं। मरीज बाहर से दवाइयां खरीदने को मजबूर हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Aug 2019 08:51 AM (IST) Updated:Sat, 31 Aug 2019 08:51 AM (IST)
फार्मासिस्टों की हड़ताल से जिला  अस्पताल में बिगड़ी व्यवस्था
फार्मासिस्टों की हड़ताल से जिला अस्पताल में बिगड़ी व्यवस्था

जागरण संवाददाता, कैथल

जिला नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्टों के हड़ताल पर जाने से दवाइयों का स्टॉक खत्म हो गया है। इस कारण रोजाना 1500 से 1600 मरीजों को दवाइयों के लिए दिक्कत बढ़ गई हैं। मरीज बाहर से दवाइयां खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। हालांकि कुछ दवाइयां अनुबंध आधार पर लगे फार्मासिस्टों की तरफ से दी गई हैं। ज्यादातर दवाइयां नहीं मिलने के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

कई मरीज तो ऐसे भी दिखाई दिए जिन्होंने अस्पताल से इलाज तो ले लिया, लेकिन दवाई नहीं मिली। जेब में पैसे नहीं होने पर बाहर से भी दवाई नहीं खरीद पाए। बिना दवाई ही घरों को जाने को मजबूर रहे। अस्पताल में मरीजों को संक्रमण रोग खत्म करने, दर्द मिटाने की एंटी बायोटिक, हड्डी रोग दूर भगाने जैसी अन्य बीमारियों की दवा नहीं मिल पाई।

धरने पर बैठे फार्मासिस्ट बलजीत सिंह, सुनीता, रंजना, कृष्ण गुहला, कृष्ण खरकां, तरसेम, सुभाष भल्ला ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। अस्पताल परिसर के बाहर धरने पर बैठे फार्मासिस्टों की हड़ताल का अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी समर्थन किया।

नहीं मिली दर्द की दवा : सतपाल

उझाना गांव से आए सतपाल ने बताया कि दांत में दर्द की दवाई लेने के लिए सुबह आठ बजे अस्पताल में आया था। सुबह डॉक्टर के पास तो चेकअप करवा लिया, लेकिन साढ़े ग्यारह बजे तक दवा नहीं मिल पाई। दांत में दर्द व मसूड़ों के सूजन की समस्या थी। सूजन की दवाई तो मिली, लेकिन दर्द की दवाई नहीं मिल पाई।

दवाई न मिलने पर आ रही परेशानी :

सिरटा गांव की अंजू ने बताया कि कुछ दिन पहले उसकी डिलीवरी ऑपरेशन से हुई थी। डॉक्टर से चेकअप कराने के लिए पहुंची थी। डॉक्टर ने ऑपरेशन के बाद जख्मों को सुखाने की दवाई लिखकर दी थी। यहां पर वह दवाई तो मिली नहीं, लेकिन उसे कैल्शियम व आयरन की दवाई दे दी, जबकि इस समय उसकी जरूरत भी नहीं है।

बाहर से खरीदी दो दवाई

पाडला गांव की लक्ष्मी देवी ने बताया कि रीढ की हड्डी में दिक्कत है, जिसके लिए अस्पताल में चेकअप करवाया है। डॉक्टर ने चार दवाइयां लिखी थी, दो मिली लेकिन दो बाहर से बाहर से खरीदनी पड़ी।

हड़ताल को देखते हुए किया

जाना चाहिए प्रबंध : मीना

दुब्बल गांव की मीना ने बताया कि उसे अस्पताल में से दवाई ही नहीं मिली। अब बाहर से दवाई लेकर आई। दवाइयां न मिलने से काफी परेशानी हो रही है। हड़ताल के चलते विभाग को दवाइयों को लेकर प्रबंध करना चाहिए ताकि मरीज परेशान हों।

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