विद्यार्थियों पर न डालें कोई दबाव : नरवाल

मार्च माह में होने वाली दसवीं और 12वीं की बोर्ड की परीक्षा को लेकर विभाग तैयारियों में जुटा है। परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को तनाव रहित परीक्षा दिलवाने के उद्देश्य से सभी अध्यापकों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Jan 2020 09:36 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jan 2020 09:36 AM (IST)
विद्यार्थियों पर न डालें कोई दबाव  : नरवाल
विद्यार्थियों पर न डालें कोई दबाव : नरवाल

जागरण संवाददाता, कैथल :

मार्च माह में होने वाली दसवीं और 12वीं की बोर्ड की परीक्षा को लेकर विभाग तैयारियों में जुटा है। परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को तनाव रहित परीक्षा दिलवाने के उद्देश्य से सभी अध्यापकों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अभिभावक परीक्षा के समय में विद्यार्थियों पर पढ़ाई को लेकर अधिक दवाब न डाले, उन्हें समय के अनुसार पढ़ाई के लिए जागरूक करें। जिला शिक्षा अधिकारी बिजेंद्र नरवाल बुधवार को दैनिक जागरण के जिला कार्यालय में लोगों की शिकायत सुन रहे थे। उन्होंने कहा कि बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर 70 एबीआरसी और बीआरपी नियुक्ति किए गए हैं।

सवाल : बोर्ड की परीक्षा का समय नजदीक है, दसवीं और 12वीं के विद्यार्थियों के मन में परीक्षा का भय रहता है, तैयारी कैसे करवाएं?

विक्की आहुजा सीवन।

जवाब : परीक्षा के समय में विद्यार्थियों पर पढ़ाई को लेकर अधिक दवाब न डाले। उन्हें समयानुसार पढ़ाई करने से परीक्षा की तैयारी करने के लिए जागरूक करें। यदि माता पिता बच्चों को बिना डांटे ही परीक्षा की तैयारी के लिए कहेंगे तो वह अधिक अच्छे तरीके से तैयार कर सकेगा। अभिभावक इस बात का अधिक ध्यान रखें। सवाल : छोटे बच्चे को स्कूल में दाखिल करने के क्या नियम है, राजकीय स्कूल में छोटा बच्चा किस आयु में दाखिल होगा ?

पूनम कंसल, माता गेट निवासी।

जवाब : राजकीय स्कूल में छोटे बच्चों को दाखिल करने की नियम न्यूनतम पांच साल है, इससे पहले यदि कोई अभिभावक अपने बच्चों को दाखिल कराना चाहता है तो वह प्री नर्सरी में प्राइवेट स्कूल में दाखिला करवा सकता है। सवाल : बोर्ड की परीक्षा को लेकर सुरक्षा और नकल रोकने के क्या प्रबंध किए गए है?

अशोक आनंद, सीवन।

जवाब : बोर्ड की परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए शिक्षा बोर्ड के निदेशालय की ओर से ही फ्लाइंग टीम का गठन किया गया जाता है, जो नकल पर रोक लगाते हैं। इसके अलावा विभाग की ओर से परीक्षा के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध करवाए जाते हैं। हर परीक्षा केंद्र के बाहर धारा 144 लागू की जाती है। हर केंद्र पर तीन से चार पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। सवाल : परीक्षा को लेकर अध्यापकों को क्या निर्देश दिए गए हैं?

संजू गुप्ता ।

जवाब : विभाग की ओर से सभी अध्यापकों को परीक्षा के दौरान फ्रेंडली माहौल बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यदि अध्यापकों का विद्यार्थियों को साथ फ्रेंडली माहौल होगा तो परीक्षा के समय विद्यार्थी अच्छे तरीके से तैयारी कर पाएगा। इसके लिए अध्यापकों को परीक्षा के दौरान नकल रोकने के निर्देश दिए गए है, लेकिन उन्हें विद्यार्थियों को न डांटने की हिदायत भी दी गई है। सवाल : पढ़ाई में कमजोर बच्चों के अंक बढ़ाने के लिए विभाग क्या रणनीति अपना रहा है? अतिरिक्त कक्षाएं लगाने का सुझाव है।

ओमप्रकाश मुटरेजा, प्रधान, लोक सेवा मंच, सीवन।

जवाब : सभी अध्यापकों को पहले से ही पढ़ाई में कमजोर बच्चों के अंक बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग का पढ़ाई में कमजोर बच्चों को न केवल पास कराना लक्ष्य है, बल्कि विभाग का लक्ष्य बोर्ड की परीक्षाओं में 60 प्रतिशत से अधिक अंक लाना लक्ष्य है। जो बच्चे पढ़ाई के अच्छे है, उनका 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने का उद्देश्य है।

सवाल : राजकीय प्राइमरी स्कूल बंद किए गए है, जो विद्यार्थी इन स्कूलों में पढ़ रहे हैं, उनका क्या होगा?

साहिल आनंद, सीवन।

जवाब : केवल 25 से कम संख्या वाले राजकीय प्राइमरी स्कूल बंद किए गए हैं। बंद होने वाले स्कूलों में जो बच्चे पढ़ रहे हैं, उन्हें पास के स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। जिस गांव में केवल एक ही स्कूल है, ऐसा कोई भी स्कूल बंद नहीं किया जाएगा।

सवाल : अध्यापकों को विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अलावा अन्य कार्य करवाए जाते है, इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होती है, विभाग क्या कर रहा है?

अमन कुमार, कैथल शहर।

जवाब : अध्यापकों से केवल सरकार की ओर से जनगणना और चुनाव के दौरान कार्य करवाया जाता है। उनसे अन्य कोई भी कार्य नहीं करवाया जाता है। विद्यार्थियों में पढ़ाई के स्तर को बढ़ाने के लिए कम से कम 55 प्रतिशत तक अंक लाने के लिए तीसरी से आठवीं तक सक्षम परीक्षा ली जाती है, जिसमें विद्यार्थियों की विषयों के अनुसार शिक्षा का स्तर बढ़ता है।

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