42 साल बाद ईश्वर सिंह फिर बने विधायक

गुहला विधानसभा सीट का इस बार परिणाम चौकाने वाला रहा। इस सीट पर जजपा ने अपने पहले ही चुनाव में बाजी मार ली। 42 साल से जीत का इंतजार कर रहे ईश्वर सिंह सभी प्रत्याशियों को पछाड़ते हुए जीतने में सफल रहे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Oct 2019 09:07 AM (IST) Updated:Fri, 25 Oct 2019 09:07 AM (IST)
42 साल बाद ईश्वर सिंह  फिर बने विधायक
42 साल बाद ईश्वर सिंह फिर बने विधायक

रामकुमार मित्तल, गुहला-चीका :

गुहला विधानसभा सीट का इस बार परिणाम चौकाने वाला रहा। इस सीट पर जजपा ने अपने पहले ही चुनाव में बाजी मार ली। 42 साल से जीत का इंतजार कर रहे ईश्वर सिंह सभी प्रत्याशियों को पछाड़ते हुए जीतने में सफल रहे।

1977 में देवी लाल की जनता पार्टी से टिकट लेकर पहली बार विधानसभा में पहुंचे थे। इस अब भी फिर से पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के पोते की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जजपा) की टिकट पर ही दोबारा विधायक बनने का सौभाग्य प्राप्त कर सके है। 40 साल कांग्रेस में रहने के बाद जब कांग्रेस ने टिकट नहीं दी तो जजपा ने उन पर दाव खेला और वह सभी को चित कर 4 हजार 450 वोट के अंतर से गुहला विधानसभा की सीट जीतने में कामयाब हुए।

उनकी जीत को आसान करने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका आजाद प्रत्याशी देवेंद्र हंस ने निभाई जो बीजेपी से बगावत कर आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे। अबकी कांग्रेस से 8 बार टिकट लेकर चुनाव लड़ रहे दिल्लू राम बाजीगर को दूसरे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा। बीजेपी के प्रत्याशी रवि तारांवली जो शुरू से ही पिछड़े हुए थे चौथे स्थान पर ही पहुंच पाए।

पहली बार चुनाव मैदान में उतरे देवेंद्र हंस लोगों की एंटी बाजीगर लहर के कारण 29 हजार 385 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे। 36 हजार 204 वोट लेकर जजपा के ईश्वर सिंह 4450 वोट से चुनाव जीते, कांग्रेस के दिल्लू राम को 31 हजार 754 वोट लेकर भी लगातार तीसरी बार हार का मुंह देखना पड़ा। 2014 के चुनाव में भी वह दूसरे स्थान पर रहे थे।

पहली बार बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ रहे रवि तारांवाली को बाजीगर बिरादरी के खिलाफ एंटी बाजीगर लहर व पार्टी के देवेंद्र हंस की बगावत के चलते 25 हजार 104 वोट लेकर चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा। 12 प्रत्याशियों में से 8 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। ।

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आजाद प्रत्याशी देवेंद्र हंस को सीवन गांव में से मिले 8215 वोट

गुहला के सबसे बड़े गांव सीवन से किसी प्रत्याशी को टिकट ना देने के कारण भाजपा से बगावत कर सीवन गांव के लोगों ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर खड़ा किया गया था, जिसका बाद में पूरे हलके ने भरपूर साथ दिया और अकेले सीवन गांव के बूथों में पड़े 11370 वोट में से 8215 वोट अकेले देवेंद्र हंस को प्राप्त हुए। चुनाव जीतने वाले ईश्वर सिंह को सीवन से केवल 1539 वोट ही मिले। दिल्लू राम को 737, रवि तारांवली को 772 वोट मिले और 107 वोट अन्य प्रत्याशियों को मिले। यह गांव हलके का सबसे बड़ा गांव है। पूरे गांव के लोगों ने टिकट न मिलने पर पंचायत बुलाते हुए देवेंद्र को पंचायती तौर पर उम्मीदवार बनाया था।

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