पहले दिन ही आई दिक्कत, दिनभर शिक्षक साइट चलने का इंतजार करते रहे

सरकारी स्कूलों में परिवार पहचान पत्र बनाने में पहले दिन ही काफी दिक्कतें आई। शिक्षक दिनभर साइट चलने का इंतजार कर रहे। बहुत से प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Aug 2020 07:56 AM (IST) Updated:Wed, 26 Aug 2020 07:56 AM (IST)
पहले दिन ही आई दिक्कत, दिनभर शिक्षक साइट चलने का इंतजार करते रहे
पहले दिन ही आई दिक्कत, दिनभर शिक्षक साइट चलने का इंतजार करते रहे

जागरण संवाददाता, जींद : सरकारी स्कूलों में परिवार पहचान पत्र बनाने में पहले दिन ही काफी दिक्कतें आई। शिक्षक दिनभर साइट चलने का इंतजार कर रहे। बहुत से प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में परिवार पहचान पत्र बनाने में दिक्कत आ रही है। जिन स्कूलों में कंप्यूटर व नेट की व्यवस्था नहीं हैं। उन स्कूलों में स्टाफ परिवारों के कागजात ले रहे हैं और मैनुअली फार्म भरे जा रहे हैं। उनके कागजातों को नजदीकी दूसरे स्कूल, जहां कंप्यूटर व नेट की व्यवस्था है, वहां भेजा जाएगा। सभी सरकारी स्कूलों में दो सितंबर तक परिवार पहचान पत्र बनाने के लिए प्रक्रिया चलेगी। कागजात की वेरिफिकेशन के लिए प्रत्येक स्कूल में चार शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के परिवारों के ही पहचान पत्र की वेरिफिकेशन की जाएगी। स्कूल में केवल अभिभावकों को ही आने की हिदायत दी गई है।

वेरिफिकेशन में भी आ रही दिक्कत

शिक्षकों ने बताया कि बहुत से लोगों के पास पूरे कागजात नहीं है। जो व्यक्ति कागजात लेकर आता है। उसे परिवार के सदस्यों की पूरी जानकारी नहीं है। आधार कार्ड, पहचान पत्र, बैंक खाता की कॉपी जरूरी है। खासकर बुजुर्ग महिलाओं की जानकारी देने में दिक्कत आ रही है। बुजुर्ग महिला की मां का नाम परिवार के बहुत से सदस्यों को पता नहीं होता। इस कारण उनके कागजात पूरे नहीं हो पाते।

करा दी गई है व्यवस्था

प्रदेश में सरकारी स्कूलों में लाखों बच्चे हैं। जिनके परिवारों के पहचान पत्र बनने हैं। ऐसे में वेबसाइट हैंग होना स्वाभाविक होगा। धीरे-धीरे व्यवस्था ठीक होगी। जल्द ही सामान्य स्थिति होगी। जिन स्कूलों में व्यवस्था नहीं थी, वहां व्यवस्था करा दी गई है। कई गांवों में प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल हैं। उनकी एक जगह व्यवस्था कर दी गई। शारीरिक दूरी के साथ प्रतिदिन स्कूल में 20 से 25 अभिभावकों को ही बुलाया जाएगा।

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